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पृथ्वीराज कपूर का 113वां जन्मदिन, शबाना आज्मी ने बताया 'संवेदनशील इंसान' - शबाना आज्मी ने पृथ्वीराज कपूर को किया याद

आज है हिंदी सिनेमा के आइकॉनिक 'अकबर बादशाह' उर्फ द ग्रेट पृथ्वीराज कपूर की 113 जन्मशती और इस मौके पर वेटरन एक्टर शबाना आज्मी ने उनकी दयालुता के किस्से शेयर किए.

shabana azmi remembers prithviraj kapoor as compassionate human
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Published : Nov 3, 2019, 6:01 PM IST

मुंबईः आज आधी सदी से भी ज्यादा का वक्त हो गया है इंडियन सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म 'मुगले-आजम' को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हुए, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि पृथ्वीराज कपूर साहब का बादशाह अकबर का कैरेक्टर अभी भी लोगों के जेहन में जिंदा है. उन्ही द ग्रेट पृथवीराज कपूर जी के 113वें जन्मदिन पर शबाना आज्मी जी ने बताया कि किस तरह वह संवेदनशील इंसान थे.

अभिनेत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, 'मेरी मां शौकत कैफी जो पृथ्वी थिएटर्स में काम करती थीं उन्होंने मुझे पृथ्वीराज कपूर साहब के बारे में कई कहानियां बताई कि कैसे वह अच्छे और संवेदनशीन इंसान थे.'

शौकत कैफी ने स्वर्गीय एक्टर के साथ 1970 की फिल्म 'हीर रांझा' में काम किया था. ऐसे आइकॉनिक स्टार का उनका पड़ोसी होने को अपना भाग्य बताते हुए शबाना आज्मी ने जोड़ा, 'मैं भाग्यशाली थी कि वह जानकी कुटीर में कई सालों तक मेरे पड़ोसी रहे हैं.'

पढ़ें- 'परिंदा' के 30 सालः अनिल कपूर ने मनाया मजेदार जश्न

1906 में फैसलाबाद शहर में पैदा हुए पृथ्वीराज कपूर ने अपना डेब्यू1928 में रिलीज हुई फिल्म 'दो धारी तलवार' के साथ किया और तब से लेकर उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें 'आवारा', 'सिकंदर' और 'जानवर' अहम फिल्में थीं.

हिंदी सिनेमा ने 1971 में लेजेंड एक्टर को खो दिया लेकिन उनके बेटों--राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर-- ने उनकी विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया.

  • My mother Shaukat Kaifi who worked with Prithvi Theatres tells the most amazing stories about his compassion and humanity .. im lucky to have had him as our neighbour in Janki Kutir for many years https://t.co/SF9RsuIRiM

    — Azmi Shabana (@AzmiShabana) November 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अपने पिता की याद में शशि कपूर ने मुंबई का वन ऑफ द बेस्ट थिएटर--'पृथ्वी थिएटर' भी बनवाया है. पृथ्वी के शुरू होने से पहले थिएटर का कोई निश्चित रूप नहीं था वह ज्यादातर एक घूमंतू ग्रुप था.

मुंबईः आज आधी सदी से भी ज्यादा का वक्त हो गया है इंडियन सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म 'मुगले-आजम' को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हुए, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि पृथ्वीराज कपूर साहब का बादशाह अकबर का कैरेक्टर अभी भी लोगों के जेहन में जिंदा है. उन्ही द ग्रेट पृथवीराज कपूर जी के 113वें जन्मदिन पर शबाना आज्मी जी ने बताया कि किस तरह वह संवेदनशील इंसान थे.

अभिनेत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, 'मेरी मां शौकत कैफी जो पृथ्वी थिएटर्स में काम करती थीं उन्होंने मुझे पृथ्वीराज कपूर साहब के बारे में कई कहानियां बताई कि कैसे वह अच्छे और संवेदनशीन इंसान थे.'

शौकत कैफी ने स्वर्गीय एक्टर के साथ 1970 की फिल्म 'हीर रांझा' में काम किया था. ऐसे आइकॉनिक स्टार का उनका पड़ोसी होने को अपना भाग्य बताते हुए शबाना आज्मी ने जोड़ा, 'मैं भाग्यशाली थी कि वह जानकी कुटीर में कई सालों तक मेरे पड़ोसी रहे हैं.'

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1906 में फैसलाबाद शहर में पैदा हुए पृथ्वीराज कपूर ने अपना डेब्यू1928 में रिलीज हुई फिल्म 'दो धारी तलवार' के साथ किया और तब से लेकर उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें 'आवारा', 'सिकंदर' और 'जानवर' अहम फिल्में थीं.

हिंदी सिनेमा ने 1971 में लेजेंड एक्टर को खो दिया लेकिन उनके बेटों--राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर-- ने उनकी विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया.

  • My mother Shaukat Kaifi who worked with Prithvi Theatres tells the most amazing stories about his compassion and humanity .. im lucky to have had him as our neighbour in Janki Kutir for many years https://t.co/SF9RsuIRiM

    — Azmi Shabana (@AzmiShabana) November 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अपने पिता की याद में शशि कपूर ने मुंबई का वन ऑफ द बेस्ट थिएटर--'पृथ्वी थिएटर' भी बनवाया है. पृथ्वी के शुरू होने से पहले थिएटर का कोई निश्चित रूप नहीं था वह ज्यादातर एक घूमंतू ग्रुप था.
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पृथ्वीराज कपूर का 113वां जन्मदिन, शबाना आज्मी ने बताया 'संवेदनशील इंसान'

मुंबईः आज आधी सदी से भी ज्यादा का वक्त हो गया है इंडियन सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म 'मुगले-आजम' को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हुए, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि पृथ्वीराज कपूर साहब का बादशाह अकबर का कैरेक्टर अभी भी लोगों के जेहन में जिंदा है. उन्ही द ग्रेट पृथवीराज कपूर जी के 113वें जन्मदिन पर शबाना आज्मी जी ने बताया कि किस तरह वह संवेदनशील इंसान थे.

अभिनेत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, 'मेरी मां शौकत कैफी जो पृथ्वी थिएटर्स में काम करती थीं उन्होंने मुझे पृथ्वीराज कपूर साहब के बारे में कई कहानियां बताई कि कैसे वह अच्छे और संवेदनशीन इंसान थे.'

शौकत कैफी ने स्वर्गीय एक्टर के साथ 1970 की फिल्म 'हीर रांझा' में काम किया था. ऐसे आइकॉनिक स्टार का उनका पड़ोसी होने को अपना भाग्य बताते हुए शबाना आज्मी ने जोड़ा, 'मैं भाग्यशाली थी कि वह जानकी कुटीर में कई सालों तक मेरे पड़ोसी रहे हैं.'

1906 में फैसलाबाद शहर में पैदा हुए पृथ्वीराज कपूर ने अपना डेब्यू1928 में रिलीज हुई फिल्म 'दो धारी तलवार' के साथ किया और तब से लेकर उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें 'आवारा', 'सिकंदर' और 'जानवर' अहम फिल्में थीं.

हिंदी सिनेमा ने 1971 में लेजेंड एक्टर को खो दिया लेकिन उनके बेटों--राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर-- ने उनकी विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया.

अपने पिता की याद में शशि कपूर ने मुंबई का वन ऑफ द बेस्ट थिएटर--'पृथ्वी थिएटर' भी बनवाया है. पृथ्वी के शुरू होने से पहले थिएटर का कोई निश्चित रूप नहीं था वह ज्यादातर एक घूमंतू ग्रुप था.


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