हैदराबाद : देश और दुनिया की महान गायिका लता मंगेशकर नहीं रहीं. रविवार सुबह करीब 8 बजे वह हम सबको हमेशा के लिए अलविदा कह गईं. लता के निधन पर पूरा देश शोक व्यक्त कर रहा है. लता हमारे लिए अपनी मखमली और मनोरम आवाज के वे नग्मे छोड़ चली हैं, जो रह-रहकर हमें उनकी याद दिलाते रहेंगे. उनमें से एक देशभक्ति गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों' भी शामिल है, जिसे लता ने गाने से इनकार कर दिया था, लेकिन जैसे-तैसे गाया तो इस गाने पर देश ही नहीं बल्कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी जब इसे सुना तो उनके भी आंसू नहीं रुक पाए थे. आइए जानते हैं आखिर लता ने देशभक्ति सॉन्ग 'ऐ मेरे वत्न के लोगों' को गानें से क्यों किया था इनकार?
किसने लिखा गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों'
27 जनवरी 1963 का दिन लता मंगेशकर और देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ. साल 1962 में चीन से युद्ध में मिली हार से देश टूट रहा था. इन दिनों मशहूर कवि प्रदीप मुंबई में माहिम बीच पर टहल रहे थे, तभी उनके जहन में यह शब्द आए, उन्होंने देर ना करते हुए उन्हें देश के शहीदों की याद में गमगीन कर देने वाले इन शब्दों को कागज पर सजा दिया.
लजा जी ने गाने से कर दिया था इनकार
गीत के शब्द 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को जब लता को गाने की पेशकश की गई, तो उन्होंने इसे गाने से इनकार कर दिया था. वो इसलिए क्योंकि लता उस वक्त अपने बाकी के गानों की रिहर्सल में जुटी हुई थीं और उनके पास समय नहीं था, लेकिन लता को गणतंत्र दिवस (1963) के दिन उन्हें इस गाने को गाने के लिए कहा गया था और वह जैसे-तैसे मान गईं.
फिर अकेले ही गईं दिल्ली
ऐसे में समय निकालकर लता ने इस गाने की तेजी से रिहर्सल शुरू कर दी. बता दें, इस गाने को लता अपनी छोटी बहन आशा संग गाने वाली थीं, लेकिन गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले ही आशा ने दिल्ली जाने से इनकार कर दिया. फिर लता हिम्मत जुटा कर अकेले ही दिल्ली गईं.
उस वक्त गणतंत्र दिवस के मौके पर तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, दिलीप कुमार, राज कपूर, महबूब खान जैसी बड़ी शख्सियत मौजूद थी. रक्षा मंत्रालय के इस आयोजन के जरिये आर्मी जवानों के लिए फंड भी इकट्ठा किया जाना था.
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में लता के सामने लोगों की बहुत बड़ी भीड़ थी और वह नर्वस हो रही थीं, लेकिन अपनी आवाज का जादू बिखेरने वालीं लता ने सब चीज भुलाकर संगीतकार सी रामचंद्रन की धुन पर अपने पूरे मन से इस गाने को गाया और इतिहास रच दिया.
'ऐ मेरे वतन के लोगों' आज भारत के गणतंत्र और आजादी दिवस पर बजाया जाता है. यह गाना देश के वीर शहीदों के लिए एक श्रद्धांजलि सॉन्ग बन चुका है.
नेहरू जी की आंखों में आ गया था पानी
बात यहीं खत्म नहीं हुई, जब लता ने गाना खत्म किया, तो नेहरू ने लता को अपने पास बुलाकर कहा कि आपने बहुत अच्छा गाया, इसे सुनकर मेरी आंखों में आंसू भी आए'.
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