चूरू, राजस्थानः जिले में लॉकडाउन के दौरान चूरू पुलिस की ओर से ऑनलाइन सेशन करवाया जा रहा है. जिसमें कई दिग्गज हस्तियां शिरकत करती हैं और चूरू की जनता से बात करती हैं. इसी कड़ी में रविवार को बॉलीवुड के जाने माने गायक और देश में अध्यात्मिक गीत का पर्याय बन चुके कैलाश खैर लाइव रहे.
लाइव के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना काल को लॉकडाउन नहीं माने, यह एक ध्यान अवस्था है. प्रकृति अपना नव निर्माण कर रही है. हम वैश्विक महामारी से मिलकर लड़ रहे हैं. हमें पुलिसकर्मी, चिकित्साकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मी इन सभी का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह समय मन, कर्म और वचन से शुद्ध होने का समय है. इसका पूरा लाभ देशवासियों को उठाना चाहिए.
इस दौरान कैलाश खैर ने देश और चूरू के लिए कोरोना काल में तैयार गीत 'जग सारा घर में बैठा है...मैं ही मेरा रक्षक हूं' समर्पित किया. उन्होंने कहा कि यह समय ऐसा है जहां हवाएं लड़ रही है नदिया लोरी सुना रही है, तो ऐसे समय में व्यक्ति को अपना आध्यात्मिक विकास करना चाहिए.
कैलाश खेर ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले उन्होंने साधु संतों की शरण में रहकर अध्यात्म को जाना और फिर संगीत को समझा शायद इसलिए उन्हें आध्यात्मिक आवाज के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि भारत में हर घर में संगीत, नृत्य और कला बस्ती है.
अपने आध्यात्मिक सफर के बारे में बात करते हुए कैलाश खैर ने 'तेरी दीवानी', 'अल्लाह के बंदे', 'सैया बनके माला प्रेम की', 'क्या अंबर से सूर्य बिछड़ता है' जैसे गीतों की बानगी सुनाई. चूरू पुलिस के लाइव सेशन के दौरान कैलाश ने जनता को यह भी बताया कि बहुत जल्दी उनकी कलाधाम नामक अकादमी खुल रही है, जो कि देश में ऑनलाइन संगीत जानने और समझने की इच्छा रखने वालों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी.