गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है.
अख्तर ने सोमवार रात ट्वीट किया, 'मैं चुनाव और रमजान को लेकर इस पूरी बहस को बिल्कुल बेतुका मानता हूं.'
उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और पेचीदा रूप है जो मेरे लिए बेतुका, विभत्स और असहनीय है. चुनाव आयोग को इस पर बिल्कुल विचार नहीं करना चाहिए.'
I find this whole discussion about Ramzan and elections totally disgusting . This is the kind of distorted and convoluted version of secularism that to me is repulsive , revolting and intolerable . EC shouldn’t consider it for a second .
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— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 11, 2019
74 वर्षीय गीतकार की यह प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा सात चरणों के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है.
नेताओं ने चुनावों की तारीखों को लेकर झगड़ा किया, जो कि मई में रमजान के साथ होने की उम्मीद है.