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चुनावों से रमजान को जोड़ना बेतुका : जावेद अख्तर

मुंबई: दिग्गज गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने लोकसभा चुनाव के दौरान पड़ रहे रमजान को लेकर हो रही बहस पर नाराजगी जताते हुए इसे बेतुका करार दिया है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस पर बिल्कुल भी विचार नहीं करने का आग्रह किया है.

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Published : Mar 12, 2019, 6:03 PM IST

PC-File Photo

गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है.

अख्तर ने सोमवार रात ट्वीट किया, 'मैं चुनाव और रमजान को लेकर इस पूरी बहस को बिल्कुल बेतुका मानता हूं.'

उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और पेचीदा रूप है जो मेरे लिए बेतुका, विभत्स और असहनीय है. चुनाव आयोग को इस पर बिल्कुल विचार नहीं करना चाहिए.'

  • I find this whole discussion about Ramzan and elections totally disgusting . This is the kind of distorted and convoluted version of secularism that to me is repulsive , revolting and intolerable . EC shouldn’t consider it for a second .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


74 वर्षीय गीतकार की यह प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा सात चरणों के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है.

नेताओं ने चुनावों की तारीखों को लेकर झगड़ा किया, जो कि मई में रमजान के साथ होने की उम्मीद है.


गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है.

अख्तर ने सोमवार रात ट्वीट किया, 'मैं चुनाव और रमजान को लेकर इस पूरी बहस को बिल्कुल बेतुका मानता हूं.'

उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और पेचीदा रूप है जो मेरे लिए बेतुका, विभत्स और असहनीय है. चुनाव आयोग को इस पर बिल्कुल विचार नहीं करना चाहिए.'

  • I find this whole discussion about Ramzan and elections totally disgusting . This is the kind of distorted and convoluted version of secularism that to me is repulsive , revolting and intolerable . EC shouldn’t consider it for a second .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


74 वर्षीय गीतकार की यह प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा सात चरणों के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है.

नेताओं ने चुनावों की तारीखों को लेकर झगड़ा किया, जो कि मई में रमजान के साथ होने की उम्मीद है.


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मुंबई: दिग्गज गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने लोकसभा चुनाव के दौरान पड़ रहे रमजान को लेकर हो रही बहस पर नाराजगी जताते हुए इसे बेतुका करार दिया है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस पर बिल्कुल भी विचार नहीं करने का आग्रह किया है.

गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है.

अख्तर ने सोमवार रात ट्वीट किया, 'मैं चुनाव और रमजान को लेकर इस पूरी बहस को बिल्कुल बेतुका मानता हूं.'

उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और पेचीदा रूप है जो मेरे लिए बेतुका, विभत्स और असहनीय है. चुनाव आयोग को इस पर बिल्कुल विचार नहीं करना चाहिए.'

74 वर्षीय गीतकार की यह प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा सात चरणों के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है. 

नेताओं ने चुनावों की तारीखों को लेकर झगड़ा किया, जो कि मई में रमजान के साथ होने की उम्मीद है.

 


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