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'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' में लिंगभेद के चलते वायु सेना ने जताई आपत्ति - भारतीय वायु सेना आपत्ति सीबीएफसी गुंजन सक्सेना

भारतीय वायु सेना ने फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' में लैंगिक पक्षपात की गलत प्रस्तुति पर आपत्ति जताई है. IAF ने कहा कि प्रोडक्शन हाउस को फिल्म के आपत्तिजनक हिस्सों के बारे में बताया गया था और उन्हें हटाने या संशोधित करने की भी सलाह दी गई थी. हालांकि ऐसा किया नहीं गया.

IAF objects to gender bias in film Gunjan Saxena
IAF objects to gender bias in film Gunjan Saxena
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Published : Aug 13, 2020, 12:01 PM IST

मुंबई: भारतीय वायु सेना की तरफ से धर्मा प्रोड्क्शंस, नेटफ्लिक्स और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को एक चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें फिल्म 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' में लिंगभेद की गलत छवि पेश करने को लेकर आपत्ति जताई गई है.

यह फिल्म बुधवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जारी की गई. फिल्म साल 1999 में हुई कारगिल की जंग में भाग लेने वाली भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट की जिंदगी पर आधारित है.

वायु सेना ने कहा है कि फिल्म और ट्रेलर के कुछ दृश्यों और संवादों में आईएएफ की 'नकारात्मक छवि' पेश की गई है.

पत्र में वायु सेना की ओर से लिखा गया कि धर्मा प्रोडक्शंस ने प्रामाणिकता के साथ भारतीय वायुसेना को पेश करने के लिए सहमति व्यक्त की थी और यह भी सुनिश्चित किया था कि वे सारे प्रयास किए जाएंगे जिससे फिल्म अगली पीढ़ी के अधिकारियों को प्रेरित होने में मदद करें.

इसमें आगे लिखा गया, "पर्दे पर पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना के किरदार को महिमामंडित करने के मकसद से धर्मा प्रोडक्शंस ने कुछ ऐसी परिस्थितियों को प्रस्तुत किया है जो भ्रामक हैं और एक गलत कार्यव्यवस्था का चित्रण करती हैं और ऐसा खासकर वायु सेना में महिलाओं के खिलाफ दिखाया गया है."

पत्र में लिखा गया, यहां हमेशा यह सुनिश्चित किया गया है कि संगठन में लिंग तटस्थता रहे और पुरूष व महिला कर्मियों को समान अवसर मिलें.

वायु सेना ने कहा कि प्रोडक्शन हाउस को फिल्म के आपत्तिजनक हिस्सों के बारे में बताया गया था और उन्हें हटाने या संशोधित करने की भी सलाह दी गई थी. हालांकि ऐसा किया नहीं गया.

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इनपुट-आईएएनएस

मुंबई: भारतीय वायु सेना की तरफ से धर्मा प्रोड्क्शंस, नेटफ्लिक्स और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को एक चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें फिल्म 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' में लिंगभेद की गलत छवि पेश करने को लेकर आपत्ति जताई गई है.

यह फिल्म बुधवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जारी की गई. फिल्म साल 1999 में हुई कारगिल की जंग में भाग लेने वाली भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट की जिंदगी पर आधारित है.

वायु सेना ने कहा है कि फिल्म और ट्रेलर के कुछ दृश्यों और संवादों में आईएएफ की 'नकारात्मक छवि' पेश की गई है.

पत्र में वायु सेना की ओर से लिखा गया कि धर्मा प्रोडक्शंस ने प्रामाणिकता के साथ भारतीय वायुसेना को पेश करने के लिए सहमति व्यक्त की थी और यह भी सुनिश्चित किया था कि वे सारे प्रयास किए जाएंगे जिससे फिल्म अगली पीढ़ी के अधिकारियों को प्रेरित होने में मदद करें.

इसमें आगे लिखा गया, "पर्दे पर पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना के किरदार को महिमामंडित करने के मकसद से धर्मा प्रोडक्शंस ने कुछ ऐसी परिस्थितियों को प्रस्तुत किया है जो भ्रामक हैं और एक गलत कार्यव्यवस्था का चित्रण करती हैं और ऐसा खासकर वायु सेना में महिलाओं के खिलाफ दिखाया गया है."

पत्र में लिखा गया, यहां हमेशा यह सुनिश्चित किया गया है कि संगठन में लिंग तटस्थता रहे और पुरूष व महिला कर्मियों को समान अवसर मिलें.

वायु सेना ने कहा कि प्रोडक्शन हाउस को फिल्म के आपत्तिजनक हिस्सों के बारे में बताया गया था और उन्हें हटाने या संशोधित करने की भी सलाह दी गई थी. हालांकि ऐसा किया नहीं गया.

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इनपुट-आईएएनएस

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