मुंबई : अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी किसी एक किरदार में टाइपकास्ट होने से बचने की कोशिश करते रहते हैं. उनका मानना है कि बॉलीवुड में मुख्यधारा की फिल्मों में काम करने वाले हीरो एक ही जैसा किरदार करते-करते खुद को सीमित कर लेते हैं, यानि कि टाइपकास्ट कर लेते हैं.
उन्होंने बताया, मुझे लगता है कि मैं एक ऐसा अभिनेता हूं, जो अलग-अलग तरह के किरदारों को निभाता रहता हूं और बॉलीवुड में हीरो वही है, जो खुद को टाइपकास्ट कर लेता है, जो अपने 30 से 36 साल के करियर में एक ही जैसे किरदारों को निभाता आया है. ईश्वर का शुक्र है कि मुझे तमाम किरदारों को निभाने का मौका मिला है. अगर मैंने 'मंटो' किया है, तो 'ठाकरे' में भी काम किया है. अगर 'रात अकेली है' में एक पुलिस वाले का किरदार निभाया है, तो 'सीरियस मैन' जैसी किसी फिल्म में भी काम किया है.
पढ़ें :- अमित साध 'जीत की जिद' को मिल रही प्रतिक्रिया से अभिभूत
अभिनय की बात करें, तो नवाजुद्दीन आने वाले समय में 'नो लैंड्स मैन', रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म 'जोगीरा सारा रा रा' और 'बोले चूड़ियां' जैसी फिल्मों में नजर आने वाले हैं, जिनमें भिन्न किरदारों को निभाने का उनका सिलसिला जारी है.