चंडीगढ़ः बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को लेकर हाल ही में चर्चित हुई खबर को हरियाणा सरकार ने गलत बताया है. खबर थी कि कथित तौर पर अभिनेत्री को राज्य के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अंबेस्डर पद से हटाया गया है.
इस इल्जाम को पूरी तरह खारिज करते हुए राज्य के वुमन चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की स्पोक्सपर्सन ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है, क्योंकि अभिनेत्री का कॉन्ट्रैक्ट अप्रैल, 2017 में ही खत्म हो गया था.
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Spokesperson of Women&Child Development Dept of Haryana Govt: News of Parineeti Chopra being dropped(for tweeting against #CAA) as brand ambassador of 'Beti Bachao, Beti Padhao' is false, baseless and malicious.MOU was for 1 year,till April, 2017.Thereafter MOU was never renewed pic.twitter.com/jcRBsvrNXM
— ANI (@ANI) December 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 21, 2019Spokesperson of Women&Child Development Dept of Haryana Govt: News of Parineeti Chopra being dropped(for tweeting against #CAA) as brand ambassador of 'Beti Bachao, Beti Padhao' is false, baseless and malicious.MOU was for 1 year,till April, 2017.Thereafter MOU was never renewed pic.twitter.com/jcRBsvrNXM
— ANI (@ANI) December 21, 2019
पढ़ें- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का चेहरा नहीं रही परिणीति
इस टवीट को बाद में कई मीडिया हाउसेस ने खबर के तौर पर चलाया था.
स्पोक्सपर्सन ने कहा, 'राजनीति से प्रेरित इस गलत अफवाह ने महत्वपूर्ण नेशनल प्रोग्राम को बदनाम किया है. कांग्रेस नेता मौजूदा सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. जबकि सच्चाई ये है कि सरकार वुमन एंपावरमेंट के कई स्कीम को बढा़वा दे रही है.'
उन्होंने आगे कहा, 'सही बात यह है कि हरियाणा सरकार ने परिणीति चोपड़ा के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू/ समझौते का दस्तावेज) मई, 2016 में साइन किया था, जिसकी अवधि एक साल बाद अप्रैल, 2017 में खत्म हो गई थी. और उसके बाद एमओयू को फिर से रिन्यू नहीं किया गया.'
गौरतलब है कि अभिनेत्री को हाल ही में पास हुए 'नागरिकता संशोधन एक्ट' के विरोध में ट्वीट करने को लेकर कथित तौर पर इस प्रोग्राम के एम्बेस्डर के तौर पर बाहर कर दिया गया है.
इनपुट्स- एएनआई