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बचपन में अमिताभ बच्चन की तरह बनना चाहती थीं दिव्या दत्ता

बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने बताया कि वह बचपन से ही अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन थीं. उन्होंने आगे कहा, मैं बच्चन साहब की तरह बनना चाहती थी. मुझे याद है कि मैं 'खइके पान बनारस वाला' समेत अमिताभ बच्चन के कई गानों पर डांस किया करती थी.

Divya Dutta wanted to be like Mr Bachchan as a child
बचपन में अमिताभ बच्चन की तरह बनना चाहती थीं दिव्या दत्ता
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Published : Oct 28, 2020, 3:24 PM IST

मुंबई : अभिनेत्री दिव्या दत्ता बचपन में अमिताभ बच्चन की तरह बनना चाहती थीं.

आईएएनएस से बात करते हुए दिव्या ने याद किया, "मुझे याद है कि मैं 'खइके पान बनारस वाला' समेत अमिताभ बच्चन के कई गानों पर डांस करती थी. मेरी मां एक डॉक्टर थीं. जब भी उनके दोस्त घर आते थे, मैं उनके पास जाकर कहती थी कि मैं आपको डांस दिखाना चाहती हूं. आंटियां ताली बजाती थीं, खुश होती थीं और मुझे गुलाब जामुन देती थीं. मैं गेटअप भी बच्चन साहब की तरह रखती थी."

उन्होंने आगे कहा, "मैं बच्चन साहब की तरह बनना चाहती थी. क्लास में भी मैं सबसे ज्यादा लोकप्रिय थी. मां के डॉक्टर होने के कारण बचपन में शिक्षा हमारे लिए सबसे ज्यादा अहम थी. मैंने खुशी-खुशी डांस और पढ़ाई दोनों मैनेज की. मैंने रेड क्रॉस के लिए जापान में अभिनय और नृत्य में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. मैं एक महीने के लिए वहां गई थी."

दिव्या याद करती हैं कि बड़े होने के साथ उन पर सिनेमा का असर बढ़ता गया. वह कहती हैं, "मैं फिल्मों की शौकीन थी. एक बार मुझे एक टैलेंट हंट शो में चुन लिया गया. मैं मुंबई गई, मेरी मां ने मुझसे कहा कि यदि तुम असफल भी हो जाओ तो भी मैं तुम्हारे साथ हूं. मुझे लगता है कि हर लड़की को उड़ान भरने के लिए ऐसे ही आश्वासन की जरूरत होती है."

पढ़ें : बड़े पर्दे पर इच्छाधारी नागिन बनेंगी श्रद्धा, तीन पार्ट में आएगी फिल्म

दिव्या ने 2017 की आई फिल्म 'इरादा' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था.

(इनपुट-आईएएनएस)

मुंबई : अभिनेत्री दिव्या दत्ता बचपन में अमिताभ बच्चन की तरह बनना चाहती थीं.

आईएएनएस से बात करते हुए दिव्या ने याद किया, "मुझे याद है कि मैं 'खइके पान बनारस वाला' समेत अमिताभ बच्चन के कई गानों पर डांस करती थी. मेरी मां एक डॉक्टर थीं. जब भी उनके दोस्त घर आते थे, मैं उनके पास जाकर कहती थी कि मैं आपको डांस दिखाना चाहती हूं. आंटियां ताली बजाती थीं, खुश होती थीं और मुझे गुलाब जामुन देती थीं. मैं गेटअप भी बच्चन साहब की तरह रखती थी."

उन्होंने आगे कहा, "मैं बच्चन साहब की तरह बनना चाहती थी. क्लास में भी मैं सबसे ज्यादा लोकप्रिय थी. मां के डॉक्टर होने के कारण बचपन में शिक्षा हमारे लिए सबसे ज्यादा अहम थी. मैंने खुशी-खुशी डांस और पढ़ाई दोनों मैनेज की. मैंने रेड क्रॉस के लिए जापान में अभिनय और नृत्य में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. मैं एक महीने के लिए वहां गई थी."

दिव्या याद करती हैं कि बड़े होने के साथ उन पर सिनेमा का असर बढ़ता गया. वह कहती हैं, "मैं फिल्मों की शौकीन थी. एक बार मुझे एक टैलेंट हंट शो में चुन लिया गया. मैं मुंबई गई, मेरी मां ने मुझसे कहा कि यदि तुम असफल भी हो जाओ तो भी मैं तुम्हारे साथ हूं. मुझे लगता है कि हर लड़की को उड़ान भरने के लिए ऐसे ही आश्वासन की जरूरत होती है."

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दिव्या ने 2017 की आई फिल्म 'इरादा' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था.

(इनपुट-आईएएनएस)

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