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पुलिस ने अदालत को बताया, रिया ने क्यों दर्ज कराई थी सुशांत की बहनों के खिलाफ शिकायत

मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि सुशांत की बहनों के खिलाफ शिकायत करने पर अपराध का पता चला. उनके तरफ से जारी किए गए हलफनामे में यह भी दावा किया गया कि शिकायतकर्ता (रिया चक्रवर्ती) के अनुसार, एक फर्जी और मनगढ़ंत मेडिकल पर्चे को दिल्ली के एक डॉक्टर की मदद से भेजा गया था, जिसमें चिंता के लिए दवाएं सुशांत को दी गई थीं.

Complaint against Sushant's sisters revealed offence says Police to HC
सुशांत की बहनों के खिलाफ शिकायत से हुआ अपराध का खुलासा : पुलिस ने अदालत को दी जानकारी
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Published : Nov 3, 2020, 11:52 AM IST

मुंबई : मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना उनका कर्तव्य था, क्योंकि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत ने 'अपराध होने का खुलासा' किया.

पुलिस ने अदालत में सोमवार को एक शपथ पत्र दायर किया, जिसमें राजपूत की बहनों- प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध किया गया है. राजपूत की बहनों ने कथित धोखाधड़ी और अपने भाई के लिए दवाइयों का फर्जी पर्चा बनाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी खारिज करने का अनुरोध किया है.

बांद्रा पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से शिकायत मिलने के बाद यहां सितंबर में राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

बांद्रा पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक निखिल कापसे द्वारा दायर हलफनामे में इन आरोपों से इनकार किया गया कि पुलिस याचिकाकर्ताओं या किसी मृतक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रही है.

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दायर करके पुलिस सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को 'प्रभावित करने या पटरी से उतारने' की कोशिश नहीं कर रही.

इसमें आगे कहा गया, "(प्रियंका एवं मीतू के खिलाफ) प्राथमिकी प्रथम सूचना देने वाले (चक्रवर्ती) द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर दर्ज की गई, जिसमें अपराध होने का खुलासा हुआ.

हलफनामे में दावा किया गया कि शिकायतकर्ता (रिया चक्रवर्ती) के अनुसार, याचिकाकर्ता ने दिल्ली के एक डॉक्टर की मदद से फर्जी मेडिकल पर्चा भेजा जिसमें सुशांत को घबराहट दूर करने वाली दवाइयां देने की बात की गई थी.

पुलिस ने हलफनामे में कहा कि इसकी मदद से चिकित्सक द्वारा सुशांत की असल में जांच किए बिना संभवत: मन प्रभावी पदार्थ दिए गए और राजपूत की आत्महत्या में संभवत: इसका भी हाथ था. सूचना मुहैया कराने वाला यह विवरण संज्ञेय अपराध का खुलासा करता है, जिसकी जांच की आवश्यकता है. इसलिए मुंबई पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य थी.

प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार प्राथमिकी संबंधी सभी प्रासंगिक दस्तावेज सीबीआई को भेजे.

पुलिस ने सीबीआई के इस रुख का विरोध किया कि उसे उसी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करनी चाहिए, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी पहले से ही कर रही है.

सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, वह बिहार में मृतक के पिता ने दर्ज कराया था.

साथ हलफनामे में आगे कहा गया, 'दूसरी ओर, रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत में सुशांत सिंह राजपूत की बहनों प्रियंका, मीतू और चिकित्सक तरुण कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र को लेकर जांच की मांग की गई है.'

पढ़ें : अंकिता लोखंडे ने अपने बॉयफ्रेंड संग साझा की तस्वीर, बोलीं- मुझे माफ कर दो...

उसने कहा कि अब यह सीबीआई को फैसला करना है कि वह दोनों प्राथमिकियों की जांच करे या उचित रिपोर्ट दायर करे.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ बुधवार को मामले को लेकर आगे की सुनवाई करेगी.

मुंबई : मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना उनका कर्तव्य था, क्योंकि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत ने 'अपराध होने का खुलासा' किया.

पुलिस ने अदालत में सोमवार को एक शपथ पत्र दायर किया, जिसमें राजपूत की बहनों- प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध किया गया है. राजपूत की बहनों ने कथित धोखाधड़ी और अपने भाई के लिए दवाइयों का फर्जी पर्चा बनाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी खारिज करने का अनुरोध किया है.

बांद्रा पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से शिकायत मिलने के बाद यहां सितंबर में राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

बांद्रा पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक निखिल कापसे द्वारा दायर हलफनामे में इन आरोपों से इनकार किया गया कि पुलिस याचिकाकर्ताओं या किसी मृतक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रही है.

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि राजपूत की बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दायर करके पुलिस सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को 'प्रभावित करने या पटरी से उतारने' की कोशिश नहीं कर रही.

इसमें आगे कहा गया, "(प्रियंका एवं मीतू के खिलाफ) प्राथमिकी प्रथम सूचना देने वाले (चक्रवर्ती) द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर दर्ज की गई, जिसमें अपराध होने का खुलासा हुआ.

हलफनामे में दावा किया गया कि शिकायतकर्ता (रिया चक्रवर्ती) के अनुसार, याचिकाकर्ता ने दिल्ली के एक डॉक्टर की मदद से फर्जी मेडिकल पर्चा भेजा जिसमें सुशांत को घबराहट दूर करने वाली दवाइयां देने की बात की गई थी.

पुलिस ने हलफनामे में कहा कि इसकी मदद से चिकित्सक द्वारा सुशांत की असल में जांच किए बिना संभवत: मन प्रभावी पदार्थ दिए गए और राजपूत की आत्महत्या में संभवत: इसका भी हाथ था. सूचना मुहैया कराने वाला यह विवरण संज्ञेय अपराध का खुलासा करता है, जिसकी जांच की आवश्यकता है. इसलिए मुंबई पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य थी.

प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार प्राथमिकी संबंधी सभी प्रासंगिक दस्तावेज सीबीआई को भेजे.

पुलिस ने सीबीआई के इस रुख का विरोध किया कि उसे उसी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करनी चाहिए, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी पहले से ही कर रही है.

सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, वह बिहार में मृतक के पिता ने दर्ज कराया था.

साथ हलफनामे में आगे कहा गया, 'दूसरी ओर, रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत में सुशांत सिंह राजपूत की बहनों प्रियंका, मीतू और चिकित्सक तरुण कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र को लेकर जांच की मांग की गई है.'

पढ़ें : अंकिता लोखंडे ने अपने बॉयफ्रेंड संग साझा की तस्वीर, बोलीं- मुझे माफ कर दो...

उसने कहा कि अब यह सीबीआई को फैसला करना है कि वह दोनों प्राथमिकियों की जांच करे या उचित रिपोर्ट दायर करे.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ बुधवार को मामले को लेकर आगे की सुनवाई करेगी.

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