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बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग के मेथड अलग हैं : राजा मुराद - मेथड अलग हैं राजा मुराद

भोपाल में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है.

बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग के मेथड अलग हैं : राजा मुराद
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Published : Nov 6, 2019, 10:58 PM IST

भोपाल : राजधानी भोपाल में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है. वहीं, यहां आए दिन कई तरह की वर्कशॉप उन कलाकारों के लिए आयोजित की जाती है. इसी बारे में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है.

बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग के मेथड अलग हैं : राजा मुराद



थिएटर कलाकार काफी टैलेंटेड होते हैं पर स्क्रीन के सामने अदाकारी करना थोड़ा अलग है इसलिए जरूरी है कि स्क्रीन के सामने भी नेचुरल एक्टिंग ही की जाए. वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद का कहना है कि सबसे पहले यह जरूरी है कि थियेटर कलाकार यह तय करें कि उन्हें बॉलीवुड में अदाकारी करनी है या स्टेज पर परफॉर्मेंस देना है. इसके लिए कलाकार को अपनी योग्यता की जांच करना चाहिए.



यदि आप में योग्यता है तो जरूर कोशिश करें पर यदि योग्यता नहीं है तो 5 से 7 साल बाद भी आप इस्टैबलिश्ड नहीं हो पाएंगे. कोशिश करने के बाद भी अगर कुछ हासिल नहीं हों सकता है तो पीछे हट जाना ही सही है.

भोपाल : राजधानी भोपाल में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है. वहीं, यहां आए दिन कई तरह की वर्कशॉप उन कलाकारों के लिए आयोजित की जाती है. इसी बारे में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है.

बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग के मेथड अलग हैं : राजा मुराद



थिएटर कलाकार काफी टैलेंटेड होते हैं पर स्क्रीन के सामने अदाकारी करना थोड़ा अलग है इसलिए जरूरी है कि स्क्रीन के सामने भी नेचुरल एक्टिंग ही की जाए. वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद का कहना है कि सबसे पहले यह जरूरी है कि थियेटर कलाकार यह तय करें कि उन्हें बॉलीवुड में अदाकारी करनी है या स्टेज पर परफॉर्मेंस देना है. इसके लिए कलाकार को अपनी योग्यता की जांच करना चाहिए.



यदि आप में योग्यता है तो जरूर कोशिश करें पर यदि योग्यता नहीं है तो 5 से 7 साल बाद भी आप इस्टैबलिश्ड नहीं हो पाएंगे. कोशिश करने के बाद भी अगर कुछ हासिल नहीं हों सकता है तो पीछे हट जाना ही सही है.

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भोपाल : राजधानी भोपाल में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है. वहीं, यहां आए दिन कई तरह की वर्कशॉप उन कलाकारों के लिए आयोजित की जाती है. इसी बारे में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है.





थिएटर कलाकार काफी टैलेंटेड होते हैं पर स्क्रीन के सामने अदाकारी करना थोड़ा अलग है इसलिए जरूरी है कि स्क्रीन के सामने भी नेचुरल एक्टिंग ही की जाए. वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद का कहना है कि सबसे पहले यह जरूरी है कि थियेटर कलाकार यह तय करें कि उन्हें बॉलीवुड में अदाकारी करनी है या स्टेज पर परफॉर्मेंस देना है. इसके लिए कलाकार को अपनी योग्यता की जांच करना चाहिए.





यदि आप में योग्यता है तो जरूर कोशिश करें पर यदि योग्यता नहीं है तो 5 से 7 साल बाद भी आप इस्टैबलिश्ड नहीं हो पाएंगे. कोशिश करने के बाद भी अगर कुछ हासिल नहीं हों सकता है तो पीछे हट जाना ही सही है. 


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