'द शोले गर्ल' की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री ने पठान से लंबी बातचीत की थी. 70 के दशक से वर्तमान समय में उन्होंने क्या बदलाव पाया, इस पर बिदिता ने बताया, कि बेशक, पुरुषों के व्यवहार में जागरूकता और चेतना आई है लेकिन यह काफी नहीं है.'
उन्होंने बताया, 'लैंगिक समानता पर निरंतर बातचीत ने कई महिलाओं को आवाज दी है, बहुतों को अपने सपने पूरे करने और अपने अधिकारों को जानने का हौसला दिया है. बदलाव लाने के लिए हमें इसे लगातार करने की जरूरत है. केवल बातचीत और हमारे अधिकारों पर सूचनाओं से मदद नहीं मिलेगी. यह सिर्फ पहला कदम है.'
बता दें कि रेशमा पठान के जीवन पर आधारित फिल्म 'द शोले गर्ल' शुक्रवार को ओटीटी मंच जी5 पर रिलीज हुई है.
लैंगिक समानता बातचीत के रूप में ही नहीं रहनी चाहिए : बिदिता बेग
मुंबई: फिल्म 'द शोले गर्ल' में भारतीय स्टंट वुमेन रेशमा पठान का किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री बिदिता बेग का कहना है कि लैंगिक समानता पर निरंतर बातचीत के कारण महिलाओं के प्रति समाज का रवैया बदला है. उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता ने जागरूकता फैलाई है लेकिन वह चाहती हैं कि यह संवाद बातचीत से आगे जाना चाहिए.
'द शोले गर्ल' की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री ने पठान से लंबी बातचीत की थी. 70 के दशक से वर्तमान समय में उन्होंने क्या बदलाव पाया, इस पर बिदिता ने बताया, कि बेशक, पुरुषों के व्यवहार में जागरूकता और चेतना आई है लेकिन यह काफी नहीं है.'
उन्होंने बताया, 'लैंगिक समानता पर निरंतर बातचीत ने कई महिलाओं को आवाज दी है, बहुतों को अपने सपने पूरे करने और अपने अधिकारों को जानने का हौसला दिया है. बदलाव लाने के लिए हमें इसे लगातार करने की जरूरत है. केवल बातचीत और हमारे अधिकारों पर सूचनाओं से मदद नहीं मिलेगी. यह सिर्फ पहला कदम है.'
बता दें कि रेशमा पठान के जीवन पर आधारित फिल्म 'द शोले गर्ल' शुक्रवार को ओटीटी मंच जी5 पर रिलीज हुई है.
मुंबई: फिल्म 'द शोले गर्ल' में भारतीय स्टंट वुमेन रेशमा पठान का किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री बिदिता बेग का कहना है कि लैंगिक समानता पर निरंतर बातचीत के कारण महिलाओं के प्रति समाज का रवैया बदला है. उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता ने जागरूकता फैलाई है लेकिन वह चाहती हैं कि यह संवाद बातचीत से आगे जाना चाहिए.
'द शोले गर्ल' की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री ने पठान से लंबी बातचीत की थी. 70 के दशक से वर्तमान समय में उन्होंने क्या बदलाव पाया, इस पर बिदिता ने बताया, कि बेशक, पुरुषों के व्यवहार में जागरूकता और चेतना आई है लेकिन यह काफी नहीं है.'
उन्होंने बताया, 'लैंगिक समानता पर निरंतर बातचीत ने कई महिलाओं को आवाज दी है, बहुतों को अपने सपने पूरे करने और अपने अधिकारों को जानने का हौसला दिया है. बदलाव लाने के लिए हमें इसे लगातार करने की जरूरत है. केवल बातचीत और हमारे अधिकारों पर सूचनाओं से मदद नहीं मिलेगी. यह सिर्फ पहला कदम है.'
बता दें कि रेशमा पठान के जीवन पर आधारित फिल्म 'द शोले गर्ल' शुक्रवार को ओटीटी मंच जी5 पर रिलीज हुई है.
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