मुंबई: साइबरबुलिंग के खिलाफ 'सो पॉजिटिव' नामक ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत करने वालीं अभिनेत्री अनन्या पांडे का कहना है कि ट्रोलिंग और इस तरह की हरकतें उन कम उम्र युवाओं के दिमाग पर असर छोड़ती है जो बदलाव की उम्र से गुजर रहे होते हैं.
पिछले महीने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' की अभिनेत्री पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तब सवाल उठाया गया था, जब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूएससी एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में दाखिला लिया है. बाद में अनन्या ने इंस्टाग्राम पर कॉलेज दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट की थीं.
इस घटना के बारे में बात करते हुए अनन्या ने आईएएनएस से कहा, "हालांकि यह सच है कि इस तरह के ट्रोल्स हमारे ध्यान के काबिल नहीं हैं, लेकिन जब यह घटना मेरे साथ हुई, तो इसने न केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार और माता-पिता को भी प्रभावित किया."
अनन्या ने कहा, "साइबरबुलिंग आम है और यह वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है और किसी चीज पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार होना क्यों महत्वपूर्ण है."
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">