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साइबरबुलिंग के खिलाफ अनन्या ने की ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत

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Published : Jul 8, 2019, 2:57 PM IST

अनन्या ने कहा, "साइबरबुलिंग आम है और यह वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है और किसी चीज पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार होना क्यों महत्वपूर्ण है."

Ananya online campaign

मुंबई: साइबरबुलिंग के खिलाफ 'सो पॉजिटिव' नामक ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत करने वालीं अभिनेत्री अनन्या पांडे का कहना है कि ट्रोलिंग और इस तरह की हरकतें उन कम उम्र युवाओं के दिमाग पर असर छोड़ती है जो बदलाव की उम्र से गुजर रहे होते हैं.

पिछले महीने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' की अभिनेत्री पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तब सवाल उठाया गया था, जब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूएससी एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में दाखिला लिया है. बाद में अनन्या ने इंस्टाग्राम पर कॉलेज दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट की थीं.

इस घटना के बारे में बात करते हुए अनन्या ने आईएएनएस से कहा, "हालांकि यह सच है कि इस तरह के ट्रोल्स हमारे ध्यान के काबिल नहीं हैं, लेकिन जब यह घटना मेरे साथ हुई, तो इसने न केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार और माता-पिता को भी प्रभावित किया."

अनन्या ने कहा, "साइबरबुलिंग आम है और यह वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है और किसी चीज पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार होना क्यों महत्वपूर्ण है."

अनन्या के मुताबिक, "जब हम किशोर होते हैं, दूसरे हमारे बारे में क्या कहते हैं उसके आधार पर हम अपने बारे में एक धारणा विकसित कर लेते हैं. एक पूर्ण वयस्क दिमाग का विकास होना अभी हममें बाकी है, इस वजह से जब हमें हमेशा भला-बुरा कहा जाता है तो इससे हम डगमगा जाते हैं."अनन्या ने कहा, "हमारा शरीर और दिमाग बदलावों के दौर से गुजरता है और अगर ऐसे में कोई शरीर को लेकर कुछ भद्दा कहता है तो इससे बुरा लगता है."अनन्या का कहना है कि रचनात्मक आलोचना उन्हें खुद को सुधारने में मदद करती है और इस तरह के आलोचनाओं की वह सराहना करती हैं. हालांकि अनन्या का ऐसा मानना है कि लोग दिल को दुखाने वाली बात ज्यादा करते हैं जो कि किसी तरह से आलोचना नहीं होती, भद्दी टिप्पणी होती है.अनन्या का यह भी कहना है कि उनके पिता (अभिनेता चंकी पांडे) कहते हैं कि लोगों की टिप्पणियों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये रोज बदलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने पिता की इस बात से सहमत हैं.'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत करने वाली अनन्या जल्द ही फिल्म 'पति पत्नी और वो' में ऩजर आएंगी. मुदस्सर अजीज के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर भी मुख्य भूमिकाओं में हैं.

मुंबई: साइबरबुलिंग के खिलाफ 'सो पॉजिटिव' नामक ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत करने वालीं अभिनेत्री अनन्या पांडे का कहना है कि ट्रोलिंग और इस तरह की हरकतें उन कम उम्र युवाओं के दिमाग पर असर छोड़ती है जो बदलाव की उम्र से गुजर रहे होते हैं.

पिछले महीने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' की अभिनेत्री पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तब सवाल उठाया गया था, जब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूएससी एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में दाखिला लिया है. बाद में अनन्या ने इंस्टाग्राम पर कॉलेज दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट की थीं.

इस घटना के बारे में बात करते हुए अनन्या ने आईएएनएस से कहा, "हालांकि यह सच है कि इस तरह के ट्रोल्स हमारे ध्यान के काबिल नहीं हैं, लेकिन जब यह घटना मेरे साथ हुई, तो इसने न केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार और माता-पिता को भी प्रभावित किया."

अनन्या ने कहा, "साइबरबुलिंग आम है और यह वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है और किसी चीज पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार होना क्यों महत्वपूर्ण है."

अनन्या के मुताबिक, "जब हम किशोर होते हैं, दूसरे हमारे बारे में क्या कहते हैं उसके आधार पर हम अपने बारे में एक धारणा विकसित कर लेते हैं. एक पूर्ण वयस्क दिमाग का विकास होना अभी हममें बाकी है, इस वजह से जब हमें हमेशा भला-बुरा कहा जाता है तो इससे हम डगमगा जाते हैं."अनन्या ने कहा, "हमारा शरीर और दिमाग बदलावों के दौर से गुजरता है और अगर ऐसे में कोई शरीर को लेकर कुछ भद्दा कहता है तो इससे बुरा लगता है."अनन्या का कहना है कि रचनात्मक आलोचना उन्हें खुद को सुधारने में मदद करती है और इस तरह के आलोचनाओं की वह सराहना करती हैं. हालांकि अनन्या का ऐसा मानना है कि लोग दिल को दुखाने वाली बात ज्यादा करते हैं जो कि किसी तरह से आलोचना नहीं होती, भद्दी टिप्पणी होती है.अनन्या का यह भी कहना है कि उनके पिता (अभिनेता चंकी पांडे) कहते हैं कि लोगों की टिप्पणियों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये रोज बदलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने पिता की इस बात से सहमत हैं.'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत करने वाली अनन्या जल्द ही फिल्म 'पति पत्नी और वो' में ऩजर आएंगी. मुदस्सर अजीज के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर भी मुख्य भूमिकाओं में हैं.
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मुंबई: साइबरबुलिंग के खिलाफ 'सो पॉजिटिव' नामक ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत करने वालीं अभिनेत्री अनन्या पांडे का कहना है कि ट्रोलिंग और इस तरह की हरकतें उन कम उम्र युवाओं के दिमाग पर असर छोड़ती है जो बदलाव की उम्र से गुजर रहे होते हैं.

पिछले महीने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' की अभिनेत्री पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तब सवाल उठाया गया था, जब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूएससी एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में दाखिला लिया है. बाद में अनन्या ने इंस्टाग्राम पर कॉलेज दस्तावेजों की तस्वीरें पोस्ट की थीं.

इस घटना के बारे में बात करते हुए अनन्या ने आईएएनएस से कहा, "हालांकि यह सच है कि इस तरह के ट्रोल्स हमारे ध्यान के काबिल नहीं हैं, लेकिन जब यह घटना मेरे साथ हुई, तो इसने न केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार और माता-पिता को भी प्रभावित किया."

अनन्या ने कहा, "साइबरबुलिंग आम है और यह वास्तव में हम सबको प्रभावित करती है. मेरे इसके खिलाफ खड़े होने की वजह यह है कि लोगों को समझना चाहिए कि ये किस तरह से दूसरों को प्रभावित करती है और किसी चीज पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार होना क्यों महत्वपूर्ण है."

अनन्या के मुताबिक, "जब हम किशोर होते हैं, दूसरे हमारे बारे में क्या कहते हैं उसके आधार पर हम अपने बारे में एक धारणा विकसित कर लेते हैं. एक पूर्ण वयस्क दिमाग का विकास होना अभी हममें बाकी है, इस वजह से जब हमें हमेशा भला-बुरा कहा जाता है तो इससे हम डगमगा जाते हैं."

अनन्या ने कहा, "हमारा शरीर और दिमाग बदलावों के दौर से गुजरता है और अगर ऐसे में कोई शरीर को लेकर कुछ भद्दा कहता है तो इससे बुरा लगता है."

अनन्या का कहना है कि रचनात्मक आलोचना उन्हें खुद को सुधारने में मदद करती है और इस तरह के आलोचनाओं की वह सराहना करती हैं. हालांकि अनन्या का ऐसा मानना है कि लोग दिल को दुखाने वाली बात ज्यादा करते हैं जो कि किसी तरह से आलोचना नहीं होती, भद्दी टिप्पणी होती है.

अनन्या का यह भी कहना है कि उनके पिता (अभिनेता चंकी पांडे) कहते हैं कि लोगों की टिप्पणियों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये रोज बदलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने पिता की इस बात से सहमत हैं.

'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत करने वाली अनन्या जल्द ही फिल्म 'पति पत्नी और वो' में ऩजर आएंगी. मुदस्सर अजीज के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर भी मुख्य भूमिकाओं में हैं.

 


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