नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारतीय फिल्मों को अपने सिनेमाघरों में प्रतिबंधित करने को लेकर ऑल इंडियन सिने वर्कर एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर पाकिस्तानी कलाकारों, राजनयिकों और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तानियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
पत्र के अनुसार, "एआईसीडब्ल्यूए ने अपील की है कि फिल्म उद्योग, फिल्म बिरादरी चाहती है कि पाकिस्तानी कलाकारों, संगीतज्ञों और राजनयिकों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए.
एआईसीडब्ल्यूए ने की पाक कलाकारों पर रोक लगाने की मांग
एआईसीडब्ल्यूए ने 'से नो टू पाकिस्तान' (पाकिस्तान को न कहें) के तहत व्यापारिक और द्विपक्षीय संबंधों पर सख्त प्रतिबंध की मांग की है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारतीय फिल्मों को अपने सिनेमाघरों में प्रतिबंधित करने को लेकर ऑल इंडियन सिने वर्कर एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर पाकिस्तानी कलाकारों, राजनयिकों और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तानियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
पत्र के अनुसार, "एआईसीडब्ल्यूए ने अपील की है कि फिल्म उद्योग, फिल्म बिरादरी चाहती है कि पाकिस्तानी कलाकारों, संगीतज्ञों और राजनयिकों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए.
नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारतीय फिल्मों को अपने सिनेमाघरों में प्रतिबंधित करने को लेकर ऑल इंडियन सिने वर्कर एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर पाकिस्तानी कलाकारों, राजनयिकों और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तानियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
पत्र के अनुसार, "एआईसीडब्ल्यूए ने अपील की है कि फिल्म उद्योग, फिल्म बिरादरी चाहती है कि पाकिस्तानी कलाकारों, संगीतज्ञों और राजनयिकों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए.
एआईसीडब्ल्यूए ने 'से नो टू पाकिस्तान' (पाकिस्तान को न कहें) के तहत व्यापारिक और द्विपक्षीय संबंधों पर सख्त प्रतिबंध की मांग की है. पूरी फिल्म इंडस्ट्री और सिने कलाकारों ने तब तक काम करने से मना कर दिया है, जब तक पाकिस्तानी निर्माता, कलाकार और व्यापार साथियों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग जाता."
एआईसीडब्ल्यूए के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने पाकिस्तानी कलाकारों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग के अलावा कश्मीर पर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले की तारीफ भी की.
Conclusion: