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अभिषेक बनर्जी : केवल 'अजीब' भूमिकाएं पाकर ऊब गया था, ओटीटी ने बदला - ओटीटी

अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि वह ओटीटी के कारण अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करने में सक्षम हुए. 'ओटीटी ने जो किया उसने मुझे दर्शकों की आंखें दीं. इसने मुझे कद दिया. मुझे लगता है कि ओटीटी ने मुझे एक अच्छी पूर्ण अभिनेता की स्थिति दी.

अभिनेता अभिषेक बनर्जी
अभिनेता अभिषेक बनर्जी
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Published : May 24, 2021, 7:59 PM IST

मुंबई : अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि शोबिज में अपनी छवि बदलने में उनकी मदद ओटीटी ने की है. अबतक उन्हें केवल हास्य भूमिकाएं दी जा रही थीं और ओटीटी शो ने इसे बदलने में मदद की है.

उन्होंने बताया कि 'एक अच्छा शब्द है जो लोग इस्तेमाल करते हैं, 'अजीब'. मुझे केवल अजीब भूमिकाएं मिल रही थीं. मुझे चिंता हो रही थी कि मुझे केवल विचित्र भूमिकाएं ही क्यों मिल रही हैं. मैं इससे ऊब गया था. शुक्र है कि 'पाताल लोक' ने इसे बदल दिया. इसने लोगों को बताया कि मैं कॉमेडी के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकता हूं.'

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अभिनेता का कहना है कि वह ओटीटी के कारण अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करने में सक्षम हुए. 'ओटीटी ने जो किया उसने मुझे दर्शकों की आंखें दीं. इसने मुझे कद दिया. मुझे लगता है कि ओटीटी ने मुझे एक अच्छी पूर्ण अभिनेता की स्थिति दी. इससे पहले, मैं केवल हास्य भूमिकाएं कर रहा था और मैं थक गया था, मुझे हर समय जिस तरह के रोल ऑफर हो रहे थे.'

वे कहते हैं 'मैं ऐसा था कि यहां केवल कॉमेडी करने के लिए नहीं आया हूं. मैं बहुत सारे अन्य किरदार कर सकता हूं और मैं तैयार हूं. मेरा सारा प्रशिक्षण फिल्म निमार्ताओं और दर्शकों के लिए अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करने के लिए है.'

अभिषेक का कहना है कि जबकि उन्हें यकीन था कि 'पाताल लोक' अच्छा करेगी, लेकिन उन्होंने इसके लोकप्रिय होने की उम्मीद नहीं की थी.

'मैं जानता था जब मैं इसकी शूटिंग कर रहा था कि मैं किसी विशेष चीज का हिस्सा हूं. मैं हमेशा यही कहता था. मुझे पता था कि यह वैसा नहीं था, जैसा मैंने पहले किया था. मेरी फिल्म 'स्त्री' जो अलग थी, क्योंकि वह मेरी पहली फिल्म थी और मुझे डर लग रहा था कि मैं क्या करूं.'

वे कहते हैं, 'पाताल लोक में, मुझे समझ में आया कि मैं क्या सही या गलत कर रहा था. मुझे विश्वास था कि यह अच्छा करेगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह इतना अच्छा करेगी. इसके रिलीज से पहले मुझे 'वायरल' शब्द समझ में नहीं आया.'

वह आगे कहते हैं, 'ट्रेलर (लॉन्च) से पहले, मैं बुरी हालत में था. मैंने अपनी शूटिंग पूरी कर ली थी और बहुत सी चीजें लाइन में थीं, लेकिन अचानक लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद हो गया. मुझे एहसास हुआ कि भगवान मुझे फिर से वहीं स्थिति में ले आए हैं.'

ये भी पढ़ें : अभिनेत्री नीना गुप्ता की आत्मकथा का विमोचन 14 जून को होगा

'मैं ब्रह्मांड से बहुत शिकायत करता था कि तुमने मुझे शिकार होने के लिए क्यों चुना है. 'जैसे ही ट्रेलर ओटीटी चैनलों पर आया, सब कुछ बदल गया और मुझे एहसास हुआ कि यह ब्रह्मांड का एक उपहार था और मैं पूरी तरह से कृतज्ञ था. इसने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया.'

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, वह कहते हैं 'मैं नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारियों के साथ प्रोजेक्ट को चुनना चाहता हूं. मुझे लगता है कि अभिनेताओं के लिए ऐसा करना जरूरी है. आपके पास एक आवाज होनी चाहिए जो महत्वपूर्ण हो. मैं ऐसे प्रोजेक्ट करना चाहता हूं, जिनमें कुछ कहानी हो.'

(आईएएनएस)

मुंबई : अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि शोबिज में अपनी छवि बदलने में उनकी मदद ओटीटी ने की है. अबतक उन्हें केवल हास्य भूमिकाएं दी जा रही थीं और ओटीटी शो ने इसे बदलने में मदद की है.

उन्होंने बताया कि 'एक अच्छा शब्द है जो लोग इस्तेमाल करते हैं, 'अजीब'. मुझे केवल अजीब भूमिकाएं मिल रही थीं. मुझे चिंता हो रही थी कि मुझे केवल विचित्र भूमिकाएं ही क्यों मिल रही हैं. मैं इससे ऊब गया था. शुक्र है कि 'पाताल लोक' ने इसे बदल दिया. इसने लोगों को बताया कि मैं कॉमेडी के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकता हूं.'

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अभिनेता का कहना है कि वह ओटीटी के कारण अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करने में सक्षम हुए. 'ओटीटी ने जो किया उसने मुझे दर्शकों की आंखें दीं. इसने मुझे कद दिया. मुझे लगता है कि ओटीटी ने मुझे एक अच्छी पूर्ण अभिनेता की स्थिति दी. इससे पहले, मैं केवल हास्य भूमिकाएं कर रहा था और मैं थक गया था, मुझे हर समय जिस तरह के रोल ऑफर हो रहे थे.'

वे कहते हैं 'मैं ऐसा था कि यहां केवल कॉमेडी करने के लिए नहीं आया हूं. मैं बहुत सारे अन्य किरदार कर सकता हूं और मैं तैयार हूं. मेरा सारा प्रशिक्षण फिल्म निमार्ताओं और दर्शकों के लिए अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करने के लिए है.'

अभिषेक का कहना है कि जबकि उन्हें यकीन था कि 'पाताल लोक' अच्छा करेगी, लेकिन उन्होंने इसके लोकप्रिय होने की उम्मीद नहीं की थी.

'मैं जानता था जब मैं इसकी शूटिंग कर रहा था कि मैं किसी विशेष चीज का हिस्सा हूं. मैं हमेशा यही कहता था. मुझे पता था कि यह वैसा नहीं था, जैसा मैंने पहले किया था. मेरी फिल्म 'स्त्री' जो अलग थी, क्योंकि वह मेरी पहली फिल्म थी और मुझे डर लग रहा था कि मैं क्या करूं.'

वे कहते हैं, 'पाताल लोक में, मुझे समझ में आया कि मैं क्या सही या गलत कर रहा था. मुझे विश्वास था कि यह अच्छा करेगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह इतना अच्छा करेगी. इसके रिलीज से पहले मुझे 'वायरल' शब्द समझ में नहीं आया.'

वह आगे कहते हैं, 'ट्रेलर (लॉन्च) से पहले, मैं बुरी हालत में था. मैंने अपनी शूटिंग पूरी कर ली थी और बहुत सी चीजें लाइन में थीं, लेकिन अचानक लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद हो गया. मुझे एहसास हुआ कि भगवान मुझे फिर से वहीं स्थिति में ले आए हैं.'

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'मैं ब्रह्मांड से बहुत शिकायत करता था कि तुमने मुझे शिकार होने के लिए क्यों चुना है. 'जैसे ही ट्रेलर ओटीटी चैनलों पर आया, सब कुछ बदल गया और मुझे एहसास हुआ कि यह ब्रह्मांड का एक उपहार था और मैं पूरी तरह से कृतज्ञ था. इसने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया.'

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, वह कहते हैं 'मैं नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारियों के साथ प्रोजेक्ट को चुनना चाहता हूं. मुझे लगता है कि अभिनेताओं के लिए ऐसा करना जरूरी है. आपके पास एक आवाज होनी चाहिए जो महत्वपूर्ण हो. मैं ऐसे प्रोजेक्ट करना चाहता हूं, जिनमें कुछ कहानी हो.'

(आईएएनएस)

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