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अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को प्रेरणादायी स्थान के रूप में देख रही है दुनिया : इसरो प्रमुख

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (chairman of isro S Somanath) ने कहा कि भारत को दुनिया एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है. उन्होंने उक्त बातें एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह में कहीं.

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Published : Sep 25, 2022, 8:06 PM IST

चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (chairman of isro S Somanath) ने रविवार को कहा कि पिछले 60 वर्षों में देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जो हासिल किया है, उससे दुनिया भारत को इस क्षेत्र में एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है. सोमनाथ ने कहा कि वह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को लाकर तथा उनका इस्तेमाल महान अनुप्रयोगों के जरिए रॉकेट और उपग्रहों को विकसित करने में कर इस क्षेत्र में एक महान परिवर्तन देख रहे हैं.

इसरो प्रमुख ने यहां कट्टनकुलाथुर में एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'पूरी दुनिया भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है और यह देखना अद्भुत है कि भारत में विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के अनुकूल माहौल तैयार हो रहा है.' एस सोमनाथ को विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस अवसर पर डॉक्टरेट ऑफ साइंस (मानद कारण) की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया.

उन्होंने कहा, 'हम हमेशा से ही दूसरों की क्षमताओं पर विश्वास करते थे लेकिन दूसरों ने कभी नहीं माना कि इस देश में हम स्वयं रॉकेट और उपग्रह बनाने जैसे काम कर सकते हैं. बीते कई वर्षों में हमने अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर उपग्रहों का निर्माण किया है और उन्हें स्वदेशी तकनीक से विकसित रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करके भी दिखाया है. इसरो प्रमुख ने कहा, 'मौजूदा समय में हमारे 50 से अधिक उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. कम से कम तीन रॉकेट किसी भी समय उड़ान भरने के लिए तैयार हैं.'

चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (chairman of isro S Somanath) ने रविवार को कहा कि पिछले 60 वर्षों में देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जो हासिल किया है, उससे दुनिया भारत को इस क्षेत्र में एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है. सोमनाथ ने कहा कि वह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को लाकर तथा उनका इस्तेमाल महान अनुप्रयोगों के जरिए रॉकेट और उपग्रहों को विकसित करने में कर इस क्षेत्र में एक महान परिवर्तन देख रहे हैं.

इसरो प्रमुख ने यहां कट्टनकुलाथुर में एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'पूरी दुनिया भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है और यह देखना अद्भुत है कि भारत में विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के अनुकूल माहौल तैयार हो रहा है.' एस सोमनाथ को विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस अवसर पर डॉक्टरेट ऑफ साइंस (मानद कारण) की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया.

उन्होंने कहा, 'हम हमेशा से ही दूसरों की क्षमताओं पर विश्वास करते थे लेकिन दूसरों ने कभी नहीं माना कि इस देश में हम स्वयं रॉकेट और उपग्रह बनाने जैसे काम कर सकते हैं. बीते कई वर्षों में हमने अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर उपग्रहों का निर्माण किया है और उन्हें स्वदेशी तकनीक से विकसित रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करके भी दिखाया है. इसरो प्रमुख ने कहा, 'मौजूदा समय में हमारे 50 से अधिक उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. कम से कम तीन रॉकेट किसी भी समय उड़ान भरने के लिए तैयार हैं.'

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(पीटीआई-भाषा)

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