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Microsoft Corporate Vice-President: तेलुगु महिला बनी माइक्रोसॉफ्ट की कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष, जानें कैसे पहुंची यहां तक

20 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाली अपर्णा चेन्नाप्रगदा हाल ही में दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष बनी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कहा से की इसके बारे में साझा किया है. पढ़ें पूरी खबर में...

Microsoft Corporate Vice-President
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 3:15 PM IST

Updated : Oct 16, 2023, 9:53 AM IST

नई दिल्ली: दुनिया विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ रहा है. वैसें ही महिलायें भी हर क्षेत्र में खुद को स्थापित कर रही है. ऐसी ही एक हैं तेलुगु मूल की एनआरआई अपर्णा चेन्नाप्रगदा, जिन्होंने हाल ही में तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष (corporate vice president) के रूप में कार्यभार संभाला है.

अपर्णा चेन्नाप्रगदा का कहना है कि महिलाओं की सफलता उन लोगों के लिए सही जवाब है जो सोचते हैं कि महिलाएं क्या कर सकती हैं. अपर्णा चेन्नाप्रगदा तेलुगु मूल के एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार (middle class indian family) से हैं. उन्होंने कहा कि अठारह साल तक कंप्यूटर नहीं देखा था. आज वह लड़की दुनिया की प्रमुख टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में उच्च नेतृत्व की जिम्मेदारियां संभाल रही है.

अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने अपने बचपने को याद कर के बताया कि बचपन में मेरे खेले जाने वाले वीडियो गेम से ही टेक्नोलॉजी (Technology) में रुचि पैदा हुई है. साथ ही कहा कि माँ के शब्दों और प्रोत्साहन ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology) के क्षेत्र में ला दिया. वहीं, आगे कहती है कि बचपन का सपना आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में पढ़ने का था. जिसके लिए वहां कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. इसके बाद अमेरिका चले गई और टेक्सास विश्वविद्यालय तथा एमआईटी से डबल मास्टर डिग्री ली.

12 सालों तक गूगल में काम किया
करियर की शुरूआत अकामाई टेक्नोलॉजीज में एक डेवलपर के तौर पर किया. इसके बाद ओरेकल और इंक डॉट में विभिन्न जगहों पर काम किया. वहीं, Google के साथ उनकी बारह साल काम किया है. उन्होंने यूट्यूब, गूगल सर्च, गूगल नाउ और गूगल लेंस सहित कई क्षेत्रों में विकास पहलों का नेतृत्व किया है. बता दें कि अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई (CEO Sundar Pichai) के तकनीकी सहायक के रूप में भी काम किया है.

इसके अलाावा अपर्णा ने अग्रणी ईबे कंपनी में कंज्यूमर शॉपिंग के उपाध्यक्ष और एआर और विज़ुअल सर्च उत्पादों के लिए लीड के रूप में भी काम किया. उन्हें स्टॉक ट्रेडिंग ऐप रॉबिनहुड में मुख्य उत्पाद अधिकारी बनाया गया था. फिलहाल वह माइक्रोसॉफ्ट में कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त, वह माइक्रोसॉफ्ट 365 और माइक्रोसॉफ्ट डिजाइनर में जेनरेटिव एआई प्रयासों का नेतृत्व करेंगी.

प्रोफेशनल के साथ निजी जीवन पर भी ध्यान देती
प्रोडक्ट विकास, डिजाइन और रणनीति विभागों में 20 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाली अपर्णा निजी जीवन को भी उतना ही महत्व देती हैं. उन्होंने कहा कि लड़कियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कदम भी रखती हैं तो वे लंबे समय तक टिक नहीं पातीं है. नेतृत्व की जिम्मेदारियां लेने में कोई दिलचस्पी नहीं. लेती है. लेकिन इसे बदलना होगा. हमें बोर्डरूम में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की जरूरत है. हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.

जब आपको अपने करियर और परिवार के बीच तालमेल बिठाना हो तो कुछ झिझक और तनाव स्वाभाविक है. इसके लिए आपको अपने करियर का बलिदान नहीं देना होगा. बलिदान के जगह ऑप्सन को तलासे. Google से जुड़ते समय मुझे भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा था. क्योंकि इस समय मैं प्रग्नेंट थी. यह सोचती थी कि बच्चे की देखभाल ठीक से हो सकेगी. इस बात को लेकर कई सवाल उठे हैं कि क्या यह नौकरी मेरे लिए सही है. लेकिन उस समय, परिवार के सदस्य, दोस्त और सहकर्मी खड़े थे. उन्होंने अपने अनुभव को साझा किये और उनका मार्गदर्शन किया. उन्होंने बताया कि मैं अपने बेटे को कंपनी के डेकेयर सेंटर में छोड़कर काम करती थी. अपर्णा अपने करियर के सफर के उतार-चढ़ाव के साथ धीरे-धीरे जीवन में समन्वय बनाना सीख लिया.

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नई दिल्ली: दुनिया विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ रहा है. वैसें ही महिलायें भी हर क्षेत्र में खुद को स्थापित कर रही है. ऐसी ही एक हैं तेलुगु मूल की एनआरआई अपर्णा चेन्नाप्रगदा, जिन्होंने हाल ही में तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष (corporate vice president) के रूप में कार्यभार संभाला है.

अपर्णा चेन्नाप्रगदा का कहना है कि महिलाओं की सफलता उन लोगों के लिए सही जवाब है जो सोचते हैं कि महिलाएं क्या कर सकती हैं. अपर्णा चेन्नाप्रगदा तेलुगु मूल के एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार (middle class indian family) से हैं. उन्होंने कहा कि अठारह साल तक कंप्यूटर नहीं देखा था. आज वह लड़की दुनिया की प्रमुख टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में उच्च नेतृत्व की जिम्मेदारियां संभाल रही है.

अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने अपने बचपने को याद कर के बताया कि बचपन में मेरे खेले जाने वाले वीडियो गेम से ही टेक्नोलॉजी (Technology) में रुचि पैदा हुई है. साथ ही कहा कि माँ के शब्दों और प्रोत्साहन ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology) के क्षेत्र में ला दिया. वहीं, आगे कहती है कि बचपन का सपना आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में पढ़ने का था. जिसके लिए वहां कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. इसके बाद अमेरिका चले गई और टेक्सास विश्वविद्यालय तथा एमआईटी से डबल मास्टर डिग्री ली.

12 सालों तक गूगल में काम किया
करियर की शुरूआत अकामाई टेक्नोलॉजीज में एक डेवलपर के तौर पर किया. इसके बाद ओरेकल और इंक डॉट में विभिन्न जगहों पर काम किया. वहीं, Google के साथ उनकी बारह साल काम किया है. उन्होंने यूट्यूब, गूगल सर्च, गूगल नाउ और गूगल लेंस सहित कई क्षेत्रों में विकास पहलों का नेतृत्व किया है. बता दें कि अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई (CEO Sundar Pichai) के तकनीकी सहायक के रूप में भी काम किया है.

इसके अलाावा अपर्णा ने अग्रणी ईबे कंपनी में कंज्यूमर शॉपिंग के उपाध्यक्ष और एआर और विज़ुअल सर्च उत्पादों के लिए लीड के रूप में भी काम किया. उन्हें स्टॉक ट्रेडिंग ऐप रॉबिनहुड में मुख्य उत्पाद अधिकारी बनाया गया था. फिलहाल वह माइक्रोसॉफ्ट में कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त, वह माइक्रोसॉफ्ट 365 और माइक्रोसॉफ्ट डिजाइनर में जेनरेटिव एआई प्रयासों का नेतृत्व करेंगी.

प्रोफेशनल के साथ निजी जीवन पर भी ध्यान देती
प्रोडक्ट विकास, डिजाइन और रणनीति विभागों में 20 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाली अपर्णा निजी जीवन को भी उतना ही महत्व देती हैं. उन्होंने कहा कि लड़कियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कदम भी रखती हैं तो वे लंबे समय तक टिक नहीं पातीं है. नेतृत्व की जिम्मेदारियां लेने में कोई दिलचस्पी नहीं. लेती है. लेकिन इसे बदलना होगा. हमें बोर्डरूम में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की जरूरत है. हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.

जब आपको अपने करियर और परिवार के बीच तालमेल बिठाना हो तो कुछ झिझक और तनाव स्वाभाविक है. इसके लिए आपको अपने करियर का बलिदान नहीं देना होगा. बलिदान के जगह ऑप्सन को तलासे. Google से जुड़ते समय मुझे भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा था. क्योंकि इस समय मैं प्रग्नेंट थी. यह सोचती थी कि बच्चे की देखभाल ठीक से हो सकेगी. इस बात को लेकर कई सवाल उठे हैं कि क्या यह नौकरी मेरे लिए सही है. लेकिन उस समय, परिवार के सदस्य, दोस्त और सहकर्मी खड़े थे. उन्होंने अपने अनुभव को साझा किये और उनका मार्गदर्शन किया. उन्होंने बताया कि मैं अपने बेटे को कंपनी के डेकेयर सेंटर में छोड़कर काम करती थी. अपर्णा अपने करियर के सफर के उतार-चढ़ाव के साथ धीरे-धीरे जीवन में समन्वय बनाना सीख लिया.

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Last Updated : Oct 16, 2023, 9:53 AM IST
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