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साइबर अटैक से सिस्टम्स में सेंधमारी का बढ़ रहा खतरा : माइक्रोसॉफ्ट

दुनियाभर में अपने बिजनेस ईमेल सर्वर पर हैकिंग के कई प्रयासों का सामना करते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दोहराई है कि किसी सिस्टम को दुरुस्त कर लेने भर से ही साइबर अटैक से सिस्टम्स में सेंधमारी का खतरा कम नहीं हो जाता है. जिन सिस्टम्स में पहले सेंधमारी की जा चुकी है, उनमें फिर से हैकिंग के खतरे मंडरा रहे हैं.अटैकर्स एक बार फिर से उन एक्सचेंज सर्वरों को निशाना बना सकते हैं, जिनमें वे पहले सेंधमारी कर चुके हैं.

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साइबर अटैक से सिस्टम्स में सेंधमारी का बढ़ रहा खतरा : माइक्रोसॉफ्ट
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Published : Mar 29, 2021, 5:58 PM IST

नई दिल्ली : एफ-सिक्योर के शोधकर्ताओं ने पिछले हफ्ते कहा था कि माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस ईमेल सर्वरों में (सेंधमारी के खतरों की आशंका के मद्देनजर) प्रमुख कमजोरियों ने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को हतप्रभ कर दिया है. इसकी वजह यह है कि अब बड़ी संख्या में आपराधिक गिरोह, सरकार समर्थित गिरोह और मौकापरस्त गैंग साइबर अटैक व सिस्टम्स हैकिंग के छोटे से छोटे मौके को भी हाथ से जाने नहीं देना चाहते.

हालांकि कई ऑन-प्रिमाइसेस माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वरों को दुरुस्त कर दिया गया है, नई जांच में पाया गया है कि खतरा अभी भी बना हुआ है. जिन सिस्टम्स में पहले सेंधमारी की जा चुकी है, उनमें फिर से हैकिंग के खतरे मंडरा रहे हैं.

माइक्रोसॉफ्ट 365 की 'डिफेंडर थ्रेट इंटेलिजेंस टीम' के अनुसार, जिन सिस्टम्स पर पहले साइबर अटैक हो चुका है, उनमें से कई सिस्टम्स पर हालांकि दूसरी बार अटैक तो नहीं हुआ है - मसलन मानव-संचालित रैंसमवेयर हमले या डेटा चोरी. अलबत्ता, अटैकर्स कोई भी संभावित मौके को हाथ से नहीं जाने देने की ताक में जरूर हैं. संकेत स्पष्ट है कि खतरा हर वक्त बरकरार है.

माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, अटैकर्स एक बार फिर से उन एक्सचेंज सर्वरों को निशाना बना सकते हैं, जिनमें वे पहले सेंधमारी कर चुके हैं. इन साइबर हमलों में डेटा चोरी मुख्य मकसद होता है ताकि अन्य एंट्री वेक्टर्स के माध्यम से समूचे नेटवर्क को अपने नियंत्रण में लिया जा सके.

गौरतलब है कि ताइवान के इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर निर्माता एसर पहले ही रैंसमवेयर हमले की चपेट में आ चुका है, जहां हैकर्स 50 मिलियन डॉलर की मांग कर रहे हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी ज्ञात फिरौती है.

पढे़ः भारत में ई-वाहनों की मांग 3 साल में होगी दोगुनी से ज्यादा

(इनपुट-आईएएनएस)

नई दिल्ली : एफ-सिक्योर के शोधकर्ताओं ने पिछले हफ्ते कहा था कि माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस ईमेल सर्वरों में (सेंधमारी के खतरों की आशंका के मद्देनजर) प्रमुख कमजोरियों ने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को हतप्रभ कर दिया है. इसकी वजह यह है कि अब बड़ी संख्या में आपराधिक गिरोह, सरकार समर्थित गिरोह और मौकापरस्त गैंग साइबर अटैक व सिस्टम्स हैकिंग के छोटे से छोटे मौके को भी हाथ से जाने नहीं देना चाहते.

हालांकि कई ऑन-प्रिमाइसेस माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वरों को दुरुस्त कर दिया गया है, नई जांच में पाया गया है कि खतरा अभी भी बना हुआ है. जिन सिस्टम्स में पहले सेंधमारी की जा चुकी है, उनमें फिर से हैकिंग के खतरे मंडरा रहे हैं.

माइक्रोसॉफ्ट 365 की 'डिफेंडर थ्रेट इंटेलिजेंस टीम' के अनुसार, जिन सिस्टम्स पर पहले साइबर अटैक हो चुका है, उनमें से कई सिस्टम्स पर हालांकि दूसरी बार अटैक तो नहीं हुआ है - मसलन मानव-संचालित रैंसमवेयर हमले या डेटा चोरी. अलबत्ता, अटैकर्स कोई भी संभावित मौके को हाथ से नहीं जाने देने की ताक में जरूर हैं. संकेत स्पष्ट है कि खतरा हर वक्त बरकरार है.

माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, अटैकर्स एक बार फिर से उन एक्सचेंज सर्वरों को निशाना बना सकते हैं, जिनमें वे पहले सेंधमारी कर चुके हैं. इन साइबर हमलों में डेटा चोरी मुख्य मकसद होता है ताकि अन्य एंट्री वेक्टर्स के माध्यम से समूचे नेटवर्क को अपने नियंत्रण में लिया जा सके.

गौरतलब है कि ताइवान के इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर निर्माता एसर पहले ही रैंसमवेयर हमले की चपेट में आ चुका है, जहां हैकर्स 50 मिलियन डॉलर की मांग कर रहे हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी ज्ञात फिरौती है.

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(इनपुट-आईएएनएस)

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