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रहस्यमयी एयर लीक के स्रोत का पता लगा रहे आईएसएस अंतरिक्ष यात्री

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर दो कॉस्मोनॉट और एक अंतरिक्ष यात्री को मिशन नियंत्रण के लिए बुलाया गया था. उन्हें बताया गया कि स्टेशन के रूसी पक्ष के मॉड्यूल में एक छेद था, जो $150 बिलियन के अंतरिक्ष यान से और वैक्यूम ऑफ स्पेस में कीमती हवा को लीक करने के लिए जिम्मेदार था. उन्हें अब रिसाव के सटीक स्थान का पता लगाने का काम सौंपा जा रहा था और उन्हें यह भी देखना था कि क्या वह इसे पैच कर सकते हैं, क्योंकि यह रिसाव खतरनाक रूप से बड़ा हो गया था

ISS,  mystery air leak
रहस्यमयी एयर लीक के स्रोत का पता लगा रहें है आईएसएस अंतरिक्ष यात्री
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Published : Oct 4, 2020, 11:52 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

एमआईटी टेक्नेलॉजी रिव्यू, यूएसए : आईएसएस एक साल से अधिक समय से एयर लीक से निपट रहा है. पहली बार सितंबर 2019 में इसका पता चला जब नासा और उसके भागीदारों ने हवा के दबाव में थोड़ी गिरावट देखी. इस समस्या ने अभी तक बोर्ड पर रहने वाले क्रू मेंबर के लिए कभी खतरा पैदा नहीं किया, लेकिन अगस्त में ही ग्राउंड क्रू ने देखा कि एयर लीक और खराब होता जा रहा था. आखिरकार एयर लीक के स्रोत को खोजने और समस्या का समाधान करने के लिए एक जांच शुरू की गई.

तब से अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री क्रिस कैसिडी और रूसी कॉस्मोनॉट्स अनातोली इविनिश और इवान वैगनर ने एक ही मॉड्यूल में कई वीकेंड बिताए हैं.

आईएसएस हमेशा हवा का एक छोटा सा भाग खो देता है. इसलिए बस नियमित रूप से मिशन के दौरान नाइट्रोजन और ऑक्सीजन टैंक को बदलने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस तथ्य के कारण कि एयर लीक खराब हो रहा है, इसलिए अब पहले की तुलना में जल्द ही टैंकों को बदलने की आवश्यकता होगी. इसका अर्थ यह भी है कि एयर लीक वाला छेद बड़ा हो सकता है और यदि जल्द ही इससे निपटा नहीं गया तो भी यह बढ़ सकता है.

Zvezda में एयर लीक का सही स्थान खोजा जा रहा है, ताकि इसकी मरम्मत की जा सके. कैसिडी और उसके क्रू मेंबर को मॉड्यूल के चारों ओर घूमते हुए कुछ समय बिताना होगा. उनके एक हाथ में डिवाइस होगी जिसे अल्ट्रासोनिक लीक डिटेक्टर कहा जाता है, जो छोटे छिद्रों और दरारों से बाहर निकालते एयरफ्लो द्वारा उत्सर्जित होने वाली आवृत्तियों का पता लगाता है. स्टेशन पर शोर इन आवृत्तियों का पता लगाना अधिक कठिन बना सकता है और वास्तव में स्रोत को खोजने के लिए क्रू मेंबर को कुछ समय के लिए उन क्षेत्रों से गुजरना पड़ सकता है.


अंतरिक्ष यान पर लीक कैसे होता है, इसके कुछ प्रमुख कारण हैं. हाल की मेमोरी में सबसे हाई प्रोफाइल आईएसएस रिसाव अगस्त 2018 में पाया गया था. उस समय स्टेशन पर एक रूसी सोयूज अंतरिक्ष यान पर दो मिली मीटर का छेद था. ऐसा कहा जाता है कि यह निर्माण के दौरान की गई ड्रिलिंग त्रुटि का परिणाम है, हालांकि रूस की अंतरिक्ष एजेंसी इसके सही कारण का पता नहीं लगा पाई है, लेकिन जब आईएसएस ने लीक का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया, तो इसका प्रमुख संदिग्ध कारण एक माइक्रोप्रोएरॉइड या मलबे के छोटे टुकड़े (कुछ मिलीमीटर या आकार में कम) के साथ एक अजीब टक्कर को माना गया. यह पृथ्वी की कक्षा में अत्यधिक तेज गति से घूमती वस्तुएं भी हो सकती हैं.

इस उच्च गति पर छोटी वस्तुएं, जो एक सेंटीमीटर से छोटी होती हैं, वह भी एक बंदूक से गोली जैसी बड़ी वस्तुओं को बिल्कुल बिखेर सकती हैं. इस तरह की खतरनाक विनाश दरारों या संरचनात्मक क्षति को पीछे छोड़ सकता है, जो अंतरिक्ष यान के बाकी हिस्सों के माध्यम से फैलता है या अमोनिया शीतलक प्रणाली के माध्यम से छेद करता है.

दबावयुक्त अंतरिक्ष यान आमतौर पर मानव के निवास के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह इन समस्याओं के लिए अधिक संवेदनशील हैं, क्योंकि आंतरिक दबाव अंतरिक्ष यान के हल पर और आधिक तनाव डालता है.

आईएसएस के लिए इन्होंने व्हिपल शील्ड इस्तेमाल किया है. इसका नाम इसके आविष्कारक, दिवंगत हार्वर्ड खगोलविद फ्रेड व्हिपल के नाम पर है. यह एक पतला बाहरी बम्पर है, जो अंतरिक्ष यान की मुख्य दीवार से कुछ दूरी पर स्थित है. बम्पर आने वाले माइक्रोमीटरोइड या अन्य छोटे मलबे को रोकता नहीं है, बल्कि इन टुकड़ों को छोटे कणों के एक बादल में तोड़ देता है, जो एक बड़े क्षेत्र में चले जाते हैं और यह जोखिम को कम हो जाता हैं, लेकिन स्टेशन के इतिहास के अनुसार माइक्रोप्रोएरॉइड प्रभावों के कारण, व्हिपल शील्ड पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है.

टेलिंग कहते हैं कि परिरक्षण (शील्डिंग) लीक को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है, लेकिन इस समस्या को नजरअदांज नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि लीक को अलग करने और मरम्मत करने में सक्षम होने के लिए यह और भी महत्वपूर्ण होगा.

कैसिडी और उनके चालक दल अब भी रिसाव की तलाश कर रहे है.

एक स्पेसएक्स ड्रैगन मिशन को ने 14 अक्टूबर को दो कॉस्मोनॉट और एक अंतरिक्ष यात्री को आईएसएस में लाएगा.

Copyright 2020 Technology Review, Inc.
Distributed by Tribune Content Agency, LLC

पढे़ंः विज्ञान और प्रौद्योगिकी का वीकली रैप-अप

एमआईटी टेक्नेलॉजी रिव्यू, यूएसए : आईएसएस एक साल से अधिक समय से एयर लीक से निपट रहा है. पहली बार सितंबर 2019 में इसका पता चला जब नासा और उसके भागीदारों ने हवा के दबाव में थोड़ी गिरावट देखी. इस समस्या ने अभी तक बोर्ड पर रहने वाले क्रू मेंबर के लिए कभी खतरा पैदा नहीं किया, लेकिन अगस्त में ही ग्राउंड क्रू ने देखा कि एयर लीक और खराब होता जा रहा था. आखिरकार एयर लीक के स्रोत को खोजने और समस्या का समाधान करने के लिए एक जांच शुरू की गई.

तब से अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री क्रिस कैसिडी और रूसी कॉस्मोनॉट्स अनातोली इविनिश और इवान वैगनर ने एक ही मॉड्यूल में कई वीकेंड बिताए हैं.

आईएसएस हमेशा हवा का एक छोटा सा भाग खो देता है. इसलिए बस नियमित रूप से मिशन के दौरान नाइट्रोजन और ऑक्सीजन टैंक को बदलने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस तथ्य के कारण कि एयर लीक खराब हो रहा है, इसलिए अब पहले की तुलना में जल्द ही टैंकों को बदलने की आवश्यकता होगी. इसका अर्थ यह भी है कि एयर लीक वाला छेद बड़ा हो सकता है और यदि जल्द ही इससे निपटा नहीं गया तो भी यह बढ़ सकता है.

Zvezda में एयर लीक का सही स्थान खोजा जा रहा है, ताकि इसकी मरम्मत की जा सके. कैसिडी और उसके क्रू मेंबर को मॉड्यूल के चारों ओर घूमते हुए कुछ समय बिताना होगा. उनके एक हाथ में डिवाइस होगी जिसे अल्ट्रासोनिक लीक डिटेक्टर कहा जाता है, जो छोटे छिद्रों और दरारों से बाहर निकालते एयरफ्लो द्वारा उत्सर्जित होने वाली आवृत्तियों का पता लगाता है. स्टेशन पर शोर इन आवृत्तियों का पता लगाना अधिक कठिन बना सकता है और वास्तव में स्रोत को खोजने के लिए क्रू मेंबर को कुछ समय के लिए उन क्षेत्रों से गुजरना पड़ सकता है.


अंतरिक्ष यान पर लीक कैसे होता है, इसके कुछ प्रमुख कारण हैं. हाल की मेमोरी में सबसे हाई प्रोफाइल आईएसएस रिसाव अगस्त 2018 में पाया गया था. उस समय स्टेशन पर एक रूसी सोयूज अंतरिक्ष यान पर दो मिली मीटर का छेद था. ऐसा कहा जाता है कि यह निर्माण के दौरान की गई ड्रिलिंग त्रुटि का परिणाम है, हालांकि रूस की अंतरिक्ष एजेंसी इसके सही कारण का पता नहीं लगा पाई है, लेकिन जब आईएसएस ने लीक का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया, तो इसका प्रमुख संदिग्ध कारण एक माइक्रोप्रोएरॉइड या मलबे के छोटे टुकड़े (कुछ मिलीमीटर या आकार में कम) के साथ एक अजीब टक्कर को माना गया. यह पृथ्वी की कक्षा में अत्यधिक तेज गति से घूमती वस्तुएं भी हो सकती हैं.

इस उच्च गति पर छोटी वस्तुएं, जो एक सेंटीमीटर से छोटी होती हैं, वह भी एक बंदूक से गोली जैसी बड़ी वस्तुओं को बिल्कुल बिखेर सकती हैं. इस तरह की खतरनाक विनाश दरारों या संरचनात्मक क्षति को पीछे छोड़ सकता है, जो अंतरिक्ष यान के बाकी हिस्सों के माध्यम से फैलता है या अमोनिया शीतलक प्रणाली के माध्यम से छेद करता है.

दबावयुक्त अंतरिक्ष यान आमतौर पर मानव के निवास के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह इन समस्याओं के लिए अधिक संवेदनशील हैं, क्योंकि आंतरिक दबाव अंतरिक्ष यान के हल पर और आधिक तनाव डालता है.

आईएसएस के लिए इन्होंने व्हिपल शील्ड इस्तेमाल किया है. इसका नाम इसके आविष्कारक, दिवंगत हार्वर्ड खगोलविद फ्रेड व्हिपल के नाम पर है. यह एक पतला बाहरी बम्पर है, जो अंतरिक्ष यान की मुख्य दीवार से कुछ दूरी पर स्थित है. बम्पर आने वाले माइक्रोमीटरोइड या अन्य छोटे मलबे को रोकता नहीं है, बल्कि इन टुकड़ों को छोटे कणों के एक बादल में तोड़ देता है, जो एक बड़े क्षेत्र में चले जाते हैं और यह जोखिम को कम हो जाता हैं, लेकिन स्टेशन के इतिहास के अनुसार माइक्रोप्रोएरॉइड प्रभावों के कारण, व्हिपल शील्ड पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है.

टेलिंग कहते हैं कि परिरक्षण (शील्डिंग) लीक को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है, लेकिन इस समस्या को नजरअदांज नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि लीक को अलग करने और मरम्मत करने में सक्षम होने के लिए यह और भी महत्वपूर्ण होगा.

कैसिडी और उनके चालक दल अब भी रिसाव की तलाश कर रहे है.

एक स्पेसएक्स ड्रैगन मिशन को ने 14 अक्टूबर को दो कॉस्मोनॉट और एक अंतरिक्ष यात्री को आईएसएस में लाएगा.

Copyright 2020 Technology Review, Inc.
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पढे़ंः विज्ञान और प्रौद्योगिकी का वीकली रैप-अप

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST
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