नई दिल्ली : ऑनलाइन वीडियो गेम फोर्टनाइट को ऐप स्टोर और प्ले स्टोर से हटाने पर विवाद हो गया है. इससे लेकर फोर्टनाइट को विकसित करने वाली कंपनी एपिक गेम्स ने दोनों कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. इस एप को अकेले iOS प्लेटफॉर्म पर 250 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया है.
एपिक गेम्स का मुकदमा करने का उदेश्य किसी भी कंपनी से हर्जाना वसूलना नहीं, बल्कि कंपनी का यह मानना है कि उसके एप को हटाने का कदम गूगल और एप्पल की मनमानी है. एपिक के दोनों कंपनियों के एकाधिकार कार्यों के विचार का विरोध किया. यह उस समय हुआ जब यूरोप और अमेरिका दोनों ही एप्पल, गूगल और अन्य तकनीकी कंपनियों की शक्ति की जांच कर रहे हैं.
फोर्टनाइट एक ऑनलाइन वीडियो गेम है जिसे एपिक गेम्स द्वारा विकसित किया गया और साल 2017 में जारी किया गया था. इस गेम को डाउनलोड करना बिल्कुल फ्री है. एपिक इन-गेम खरीदारी से पैसे कमाता है. प्लेयर इन-गेम करेंसी वी-बक्स खरीद सकते हैं, इस इन-गेम करेंसी का उपयोग आउटफिट, हथियार आदि खरीदने में होता है. फोर्टनाइट ने साल 2018-2019 में लगभग 4.2 बिलियन डॉलर की कमाई की थी.
एपिक गेम्स ने एप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर के 30 प्रतिशत कटौती को कभी मंजूरी नहीं दी और एक सीधी भुगतान प्रणाली (पेमेंट मेथड्स) स्थापित की, जिससे प्लेयर एप्पल और गूगल के बजाय एपिक से ही सस्ती दरों पर वी-बक्स की खरीदारी कर सकते हैं.
एपिक गेम्स के सीईओ टिम स्वीनी ने कहा, 'गूगल ने एक दशक से पहले, एंड्रॉयड मोबाइल ओएस को अधिग्रहित किया और समय-समय पर यह वादा भी किया कि एंड्रॉयड 'ओपन' पारिस्थितिकी तंत्र का आधार बनेगा जिसमें उद्योग प्रतिभागी स्वतंत्र रूप से नई खोज कर सकते हैं और बिना किसी बाध्यता के प्रतियोगिता कर सकते हैं. तब से गूगल ने सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित ढंग से एंड्रॉयड पारिस्थितिकी तंत्र को, सभी गारंटी को तोड़ते हुए, प्रतियोगिता रोकने के लिए बंद कर दिया. गूगल के इस विरोधी प्रतिस्पर्धी व्यवहार की आलोचना अब विश्वभर के नियामक कर रहे हैं.'
एपिक द्वारा किए गए मुकदमे के अनुसार, एंड्रॉयड सैमसंग, एलजी और सोनी जैसी फोन निर्माता कंपनियों के लिए एक प्रभावी एकाधिकार की नीति बनाते हैं, जिनके पास अपने उपकरणों के लिए एंड्रॉयड का कोई विकल्प नहीं है. एपिक ने यह भी कहा कि इसके बाद गूगल ने उन कंपनियों के एप वितरण की क्षमता को बाध्य कर दिया जो प्ले स्टोर से मुकाबला करती थीं.