नई दिल्ली: केंद्र एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला के इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए टैरिफ कम करने के अनुरोध पर विचार कर रहा है. सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया कि सरकार देश में एक प्लांट स्थापित करने पर विचार कर रही है. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, सूत्रों का हवाला देते हुए, ऑटोमेकर ने सरकार से प्रारंभिक टैरिफ छूट के लिए कहा है जो 40,000 डॉलर से कम कीमत वाली कारों के लिए भारत के 70 फीसदी और 40,000 डॉलर से ऊपर की कारों के लिए 100 फीसदी के भारी सीमा शुल्क की भरपाई करेगा.
सरकार के ओर से अभी सहमति नहीं
एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि उनका विचार हमेशा यह रहा है कि उन्हें कम से कम अंतरिम अवधि में कुछ टैरिफ रियायतों की आवश्यकता है. इसमें कुछ प्रकार का सनसेट क्लॉज होगा. टेस्ला ने देश में प्लांट बनाने की शर्त के तौर पर रियायत मांगी थी. कम किया गया टैरिफ सभी ईवी निर्माताओं पर लागू होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारियों ने कहा कि विचाराधीन कम दर सभी कीमतों के ईवी के लिए 15 फीसदी होगी, लेकिन इस नीति पर अभी तक सरकार के भीतर सहमति नहीं बनी है.
टेस्ला बैटरी स्टोरेज फैक्ट्री बनाने की योजना बना रही
एक अधिकारी ने कहा कि हम एक ऐसा पैकेज बनाना चाहते हैं, जो भारत के लिए अच्छा हो और जो एक कंपनी के लिए क्यूरेटेड पैकेज न बने. अन्य लोग इस विंडो का लाभ उठाने के लिए स्वतंत्र हैं, बशर्ते कि वे इस प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करते हों. सितंबर में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि टेस्ला भारत में बैटरी स्टोरेज के लिए एक फैक्ट्री बनाने की योजना बना रही है और उसने सरकार को इसके लिए एक प्रस्ताव भी सौंपा है. इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने हाल की बैठकों के दौरान अपने 'पावरवॉल' के साथ देश की बैटरी भंडारण क्षमताओं का समर्थन करने का प्रस्ताव रखा है. मस्क भारत में टेस्ला आपूर्ति प्रणाली बनाने का भी लक्ष्य बना रहे हैं.