प्लास्टिक सर्जरी दिवस : प्लास्टिक सर्जरी दरअसल सर्जरी या शल्य चिकित्सा का वह प्रकार है जिसमें बीमारी, चोट या सर्जरी के कारण या जन्म से ही अंगों की बनावट में समस्या या भिन्नता को सुधारने या अंगों को फिर से बनाने का प्रयास किया जाता है. वहीं आजकल के दौर में चेहरे तथा शरीर के कई अंगों की बनावट को ठीक करने के लिए भी Plastic Surgery कराने का चलन काफी बढ़ गया है.
Plastic Surgery के मुख्यतः दो प्रमुख प्रकार माने जाते हैं, रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी तथा कॉस्मेटिक सर्जरी. इनमें जन्म दोष के कारण होने वाली असामान्यता जैसे क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट में, जुड़ी हुई उंगलियों को अलग करने, पैदाइशी निशानों को हटाने, गंभीर रूप से जलने या दुर्घटना या चोट के कारण अंग-भंग या निशानों को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कहलाती है.
वहीं चेहरे की सुंदरता तथा शरीर की सुडौलता को बेहतर करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी की जाती है. Cosmetic surgery आमतौर पर लोग स्तनों तथा नितंबों यानी हिप्स की बनावट को आकर्षक बनाने, नाक तथा होंठ के आकार को बदलने या पेट को कम करने के लिए करवाते हैं. वर्तमान समय में इस शल्य चिकित्सा विधा के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है, जिसका एक नतीजा प्लास्टिक सर्जरी के कुल खर्च में कमी के रूप में भी नजर आया है.
भारत बन रहा है हॉटस्पॉट
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी- ISAPS के अनुसार दुनिया भर में प्लास्टिक सर्जरी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन भारत Plastic Surgery के लिए चौथे सबसे प्रचलित हॉटस्पॉट्स के रूप में उभर रहा है. International Society of Aesthetic Plastic Surgery के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में वर्ष 2022 तक लगभग 935487 प्लास्टिक सर्जरी की गई थी.
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत ना सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए बल्कि विदेशी नागरिकों के लिए भी सौंदर्य और प्लास्टिक सर्जरी प्रक्रियाओं के लिए एक शीर्ष गंतव्य बनता जा रहा है. आंकड़ों की माने तो भारत में होने वाली कुल Plastic Surgery प्रक्रियाएं वैश्विक स्तर पर होने वाली इस प्रकार की सर्जरी का 4.3% हैं. इसी के चलते विशेषज्ञों का अनुमान है की अगले दो दशकों यह संख्या 50 % तक बढ़ सकती हैं. World Plastic Surgery Day .