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Black Sea Urchins : महामारी ने अकाबा की खाड़ी में काला सागर के सभी अर्चिनों को मार डाला : इजरायली शोधकर्ता

महामारी के कारण काला सागर में कई लाभदायक जलीय जीवों को नुकसान पहुंचा है, जो समुद्री जीवों को महामारी से बचाता है. इस बात का खुलासा तेल अवीव विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है. पढ़ें पूरी खबर..

Black Sea Urchins
काला सागर
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Published : May 25, 2023, 9:23 AM IST

जेरूसलम : इजरायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ ही महीनों के भीतर एक घातक महामारी ने लाल सागर की अकाबा की खाड़ी व काले सागर की सभी जलचरों की आबादी को मार डाला. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि यह स्थिति खाड़ी के अब तक के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसके तटों में इजरायल, जॉर्डन, सऊदी अरब और मिस्र शामिल हैं. इससे समुद्र के कई जलीय जीवों को भविष्य में खतरे की उम्मीद है.

काला सागर से अर्चिन गायब होने बढ़ा खतरा
काला सागर से अर्चिन गायब होने से खाड़ी के प्रवाल भित्तियों के नष्ट होने का खतरा है, क्योंकि अर्चिन शैवाल पर फीड करते हैं और उन्हें सूर्य के प्रकाश के लिए उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले कोरल पर कब्जा करने और दम घुटने से रोकते हैं, उन्होंने चेतावनी दी. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि भूमध्य सागर और लाल सागर दोनों में इन समुद्री अर्चिनों की पूरी आबादी जल्द ही बीमार हो जाएगी और मर जाएगी, क्योंकि ग्रीस और तुर्की के तटों पर व्यापक मृत्युदर पहले ही देखी जा चुकी है.

घातक महामारी का स्रोत एक जीव लाल सागर तक फैल
अनुसंधान दल ने इजरायल नेचर एंड पार्क्‍स अथॉरिटी को स्थिति का वर्णन करते हुए एक तत्काल रिपोर्ट भेजी है, जिसमें ब्रूडस्टॉक ब्लैक सी अर्चिन की आबादी स्थापित करने का आह्वान किया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रकृति में लौटाया जा सके. शोधकर्ता मानते हैं कि घातक महामारी का स्रोत एक रोगजनक रोमक परजीवी है जो भूमध्य सागर से लाल सागर तक फैल गया है.
(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें-जले हुए पोत से रसायनिक रिसाव बना समुद्री जीवों की मौत का कारण : श्रीलंकाई मंत्री

जेरूसलम : इजरायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ ही महीनों के भीतर एक घातक महामारी ने लाल सागर की अकाबा की खाड़ी व काले सागर की सभी जलचरों की आबादी को मार डाला. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि यह स्थिति खाड़ी के अब तक के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसके तटों में इजरायल, जॉर्डन, सऊदी अरब और मिस्र शामिल हैं. इससे समुद्र के कई जलीय जीवों को भविष्य में खतरे की उम्मीद है.

काला सागर से अर्चिन गायब होने बढ़ा खतरा
काला सागर से अर्चिन गायब होने से खाड़ी के प्रवाल भित्तियों के नष्ट होने का खतरा है, क्योंकि अर्चिन शैवाल पर फीड करते हैं और उन्हें सूर्य के प्रकाश के लिए उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले कोरल पर कब्जा करने और दम घुटने से रोकते हैं, उन्होंने चेतावनी दी. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि भूमध्य सागर और लाल सागर दोनों में इन समुद्री अर्चिनों की पूरी आबादी जल्द ही बीमार हो जाएगी और मर जाएगी, क्योंकि ग्रीस और तुर्की के तटों पर व्यापक मृत्युदर पहले ही देखी जा चुकी है.

घातक महामारी का स्रोत एक जीव लाल सागर तक फैल
अनुसंधान दल ने इजरायल नेचर एंड पार्क्‍स अथॉरिटी को स्थिति का वर्णन करते हुए एक तत्काल रिपोर्ट भेजी है, जिसमें ब्रूडस्टॉक ब्लैक सी अर्चिन की आबादी स्थापित करने का आह्वान किया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रकृति में लौटाया जा सके. शोधकर्ता मानते हैं कि घातक महामारी का स्रोत एक रोगजनक रोमक परजीवी है जो भूमध्य सागर से लाल सागर तक फैल गया है.
(आईएएनएस)

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