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नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार लॉन्च के लिए तैयार - निसार प्रक्षेपण के लिए तैयार

नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार 2024 के पहले तिमाही में प्रक्षेपण के लिए तैयार है. यह जानकारी नासा के अधिकारियों के द्वारा दी गई है. (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar, NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar ready for launch)

NASA ISRO Synthetic Aperture Radar ready to launch
नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार
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By PTI

Published : Nov 15, 2023, 12:50 PM IST

बेंगलुरु: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अधिकारियों ने कहा है कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (निसार) कुछ परीक्षणों के पश्चात 2024 के पहले तिमाही में प्रक्षेपण के लिए तैयार है. नासा निसार के परियोजना प्रबंधक फिल बरेला ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि इसरो अगले वर्ष की पहली तिमाही का अनुमान लगा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि निसार का प्रक्षेपण जनवरी से पहले नहीं हो सकता. यह प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भूस्थैतिक उपग्रह परीक्षण यान मार्क-II के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा.

तीन वर्ष की अवधि वाले इस मिशन का लक्ष्य प्रत्येक 12 दिन में पृथ्वी की संपूर्ण भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वेक्षण करना है. शेष बचे अहम परीक्षणों के संबंध में बरेला ने कहा कि कंपन परीक्षण चल रहा है, लेकिन कई परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए बैटरी और ‘सिमुलेशन’ परीक्षण किए जाने हैं.

बरेला ने कहा कि हम राडार और विभिन्न अंतरिक्षयान इलेक्ट्रॉनिक्स पर परीक्षण करेंगे। अभी काफी सारे परीक्षण बाकी हैं लेकिन जो अहम परीक्षण अभी बाकी है वह है कंपन के संबंध में. नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के निदेशक डॉ लॉरी लेशिन ने कहा कि निसार परियोजना पूर्व की किसी भी परियोजना से बेहतर है. उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हालांकि पिछले मिशन के डेटासेट हैं जो एक प्रकार की आधार रेखा हैं लेकिन यह क्षमता का एक नया स्तर है .

इसरो ने कहा कि निसार ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ वेधशाला है जिसे वह और नासा मिल कर बना रहा है. निसार 12 दिन में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगा. निसार में ‘सिंथेटिक अपर्चर रडार इंस्ट्रूमेंट’ (एसएआर), एल-बैंड एसएआर, एस-बैंड एसएआर और एंटीना रिफ्लेक्टर होंगे.

ये भी पढ़ें- Special Day For NASA: NASA के लिए 1 अक्टूबर क्यों है खास दिन जानिए

बेंगलुरु: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अधिकारियों ने कहा है कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (निसार) कुछ परीक्षणों के पश्चात 2024 के पहले तिमाही में प्रक्षेपण के लिए तैयार है. नासा निसार के परियोजना प्रबंधक फिल बरेला ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि इसरो अगले वर्ष की पहली तिमाही का अनुमान लगा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि निसार का प्रक्षेपण जनवरी से पहले नहीं हो सकता. यह प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भूस्थैतिक उपग्रह परीक्षण यान मार्क-II के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा.

तीन वर्ष की अवधि वाले इस मिशन का लक्ष्य प्रत्येक 12 दिन में पृथ्वी की संपूर्ण भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वेक्षण करना है. शेष बचे अहम परीक्षणों के संबंध में बरेला ने कहा कि कंपन परीक्षण चल रहा है, लेकिन कई परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए बैटरी और ‘सिमुलेशन’ परीक्षण किए जाने हैं.

बरेला ने कहा कि हम राडार और विभिन्न अंतरिक्षयान इलेक्ट्रॉनिक्स पर परीक्षण करेंगे। अभी काफी सारे परीक्षण बाकी हैं लेकिन जो अहम परीक्षण अभी बाकी है वह है कंपन के संबंध में. नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के निदेशक डॉ लॉरी लेशिन ने कहा कि निसार परियोजना पूर्व की किसी भी परियोजना से बेहतर है. उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हालांकि पिछले मिशन के डेटासेट हैं जो एक प्रकार की आधार रेखा हैं लेकिन यह क्षमता का एक नया स्तर है .

इसरो ने कहा कि निसार ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ वेधशाला है जिसे वह और नासा मिल कर बना रहा है. निसार 12 दिन में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगा. निसार में ‘सिंथेटिक अपर्चर रडार इंस्ट्रूमेंट’ (एसएआर), एल-बैंड एसएआर, एस-बैंड एसएआर और एंटीना रिफ्लेक्टर होंगे.

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