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Fake Posts Exposed on Facebook : आर्थिक लाभ और प्रोडक्ट्स के विज्ञापन के लिए फेसबुक पर पोस्ट की जाती हैं फर्जी जानकारियां - सोशल मीडिया पर फेक जानकारी

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जानबूझकर फर्जी खबरें फैलायी जाती हैं. आशंका है कि इसके पीछे कई कारण है. इनमें सोशल मीडिया पोस्ट से आर्थिक फायदा, छवि बनाने या बिगाड़ने के लिए विज्ञापन करना प्रमुख है. हालिया शोध के आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि ऐसा लगातार होने से यूजर्स वास्तविक अलर्ट और अपीलों पर विश्वास कम करेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

Fake Posts Exposed on Facebook
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फर्जी खबरें
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 9:14 PM IST

लंदन : एक नए अध्ययन से पता चला है कि स्थानीय फेसबुक ग्रुप मेंबर्स को सैकड़ों फर्जी पोस्ट का सामना करना पड़ा है. इनमें लापता बच्चों या खुले में घातक सांपों की झूठी खबरें भी शामिल हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, यूके की तथ्य-जांच चैरिटी फुल फैक्ट (Fact-Check Charity Full Fact) ने दुनिया भर में सोशल मीडिया साइट के सामुदायिक समूहों पर 1,200 से अधिक झूठे पोस्ट की खोज की.

शोधकर्ताओं के अनुसार, समुदायों में डर पैदा करने के इरादे से की गई ये भ्रामक पोस्टें यूजर्स को गलत जानकारी से भर सकती हैं. इससे वास्तविक अलर्ट और अपीलें प्रभावित हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि इस सामग्री को फैलाने की प्रेरणा वित्तीय लाभ या उत्पादों/सेवाओं का प्रचार हो सकती है. यह गलत सूचना ब्रिटेन में प्रचलित थी, लेकिन इसी तरह की पोस्ट अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पाई गईं. इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि साझा की गई अधिकांश सामग्री लापता बच्चों और पेंशनभोगियों के बारे में थी.

वायरल होने वाली फर्जी खबरें की जाती हैं पोस्ट
जांच में कई पोस्ट का खुलासा हुआ, जिसमें दावा किया गया कि चाकू से लैस एक व्यक्ति कई शहरों में लोगों पर हमला कर रहा था. फुल फैक्ट के संपादक स्टीव नोवोटनी ने कहा, "धोखा देने वालों ने स्पष्ट रूप से पहचान लिया है कि इन पोस्टों की व्यापक पहुंच हो सकती है और दुनिया भर में स्थानीय फेसबुक समूह अब झूठी सूचनाओं से अभिभूत हो रहे हैं."

उन्होंने कहा, "खतरों के बारे में वास्तविक चेतावनियां और मदद के लिए सख्त अपील करने वाले लोगों की वास्तविक पोस्ट, जैसे कि लापता प्रियजनों या लापता पालतू जानवरों की तलाश करने वालों को अब नजरअंदाज किए जाने का बहुत अधिक खतरा है."

फर्जी पोस्ट के आर प्रोडक्ट्स का विज्ञापन
विशेषज्ञों के अनुसार, जो फेसबुक उपयोगकर्ता संपादित फर्जी पोस्ट में लिंक पर क्लिक करते हैं, उन्हें अक्सर किसी वैध कंपनी या संगठन की वास्तविक वेबसाइट पर ले जाया जाता है.

मेटा के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, "हमने ऑनलाइन गलत सूचना से निपटने के लिए फुल फैक्ट सहित 90 से अधिक स्वतंत्र तथ्य-जांच संगठनों के साथ साझेदारी करते हुए किसी भी प्लेटफॉर्म का सबसे बड़ा वैश्विक तथ्य-जांच नेटवर्क बनाया है." “हमारे प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी वाली गतिविधि की अनुमति नहीं है और हमने हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करने के लिए हमारे ध्यान में लाए गए पोस्ट को हटा दिया है.''
(आईएएनएस)

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लंदन : एक नए अध्ययन से पता चला है कि स्थानीय फेसबुक ग्रुप मेंबर्स को सैकड़ों फर्जी पोस्ट का सामना करना पड़ा है. इनमें लापता बच्चों या खुले में घातक सांपों की झूठी खबरें भी शामिल हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, यूके की तथ्य-जांच चैरिटी फुल फैक्ट (Fact-Check Charity Full Fact) ने दुनिया भर में सोशल मीडिया साइट के सामुदायिक समूहों पर 1,200 से अधिक झूठे पोस्ट की खोज की.

शोधकर्ताओं के अनुसार, समुदायों में डर पैदा करने के इरादे से की गई ये भ्रामक पोस्टें यूजर्स को गलत जानकारी से भर सकती हैं. इससे वास्तविक अलर्ट और अपीलें प्रभावित हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि इस सामग्री को फैलाने की प्रेरणा वित्तीय लाभ या उत्पादों/सेवाओं का प्रचार हो सकती है. यह गलत सूचना ब्रिटेन में प्रचलित थी, लेकिन इसी तरह की पोस्ट अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पाई गईं. इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि साझा की गई अधिकांश सामग्री लापता बच्चों और पेंशनभोगियों के बारे में थी.

वायरल होने वाली फर्जी खबरें की जाती हैं पोस्ट
जांच में कई पोस्ट का खुलासा हुआ, जिसमें दावा किया गया कि चाकू से लैस एक व्यक्ति कई शहरों में लोगों पर हमला कर रहा था. फुल फैक्ट के संपादक स्टीव नोवोटनी ने कहा, "धोखा देने वालों ने स्पष्ट रूप से पहचान लिया है कि इन पोस्टों की व्यापक पहुंच हो सकती है और दुनिया भर में स्थानीय फेसबुक समूह अब झूठी सूचनाओं से अभिभूत हो रहे हैं."

उन्होंने कहा, "खतरों के बारे में वास्तविक चेतावनियां और मदद के लिए सख्त अपील करने वाले लोगों की वास्तविक पोस्ट, जैसे कि लापता प्रियजनों या लापता पालतू जानवरों की तलाश करने वालों को अब नजरअंदाज किए जाने का बहुत अधिक खतरा है."

फर्जी पोस्ट के आर प्रोडक्ट्स का विज्ञापन
विशेषज्ञों के अनुसार, जो फेसबुक उपयोगकर्ता संपादित फर्जी पोस्ट में लिंक पर क्लिक करते हैं, उन्हें अक्सर किसी वैध कंपनी या संगठन की वास्तविक वेबसाइट पर ले जाया जाता है.

मेटा के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, "हमने ऑनलाइन गलत सूचना से निपटने के लिए फुल फैक्ट सहित 90 से अधिक स्वतंत्र तथ्य-जांच संगठनों के साथ साझेदारी करते हुए किसी भी प्लेटफॉर्म का सबसे बड़ा वैश्विक तथ्य-जांच नेटवर्क बनाया है." “हमारे प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी वाली गतिविधि की अनुमति नहीं है और हमने हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करने के लिए हमारे ध्यान में लाए गए पोस्ट को हटा दिया है.''
(आईएएनएस)

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