नई दिल्ली : 9to5 गूगल के अनुसार, रेफरल कोड सिस्टम के माध्यम से कुछ चुने गए परीक्षकों (टेस्टर) द्वारा टास्क मेट का उपयोग किया जा सकता है. अभी टास्क मेट की बीटा टेस्टिंग चल रही है.
क्राउडसोर्सिंग पेड सेवा, टास्क मेट की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं..
-
Google testing paid crowdsourcing service ‘Task Mate’ in India https://t.co/Vim4LjEZVu by @technacity pic.twitter.com/nsjS4fMwKQ
— 9to5Google.com (@9to5Google) November 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Google testing paid crowdsourcing service ‘Task Mate’ in India https://t.co/Vim4LjEZVu by @technacity pic.twitter.com/nsjS4fMwKQ
— 9to5Google.com (@9to5Google) November 22, 2020Google testing paid crowdsourcing service ‘Task Mate’ in India https://t.co/Vim4LjEZVu by @technacity pic.twitter.com/nsjS4fMwKQ
— 9to5Google.com (@9to5Google) November 22, 2020
- टास्क मेट से आप गूगल ईकोसिस्टम से जुड़े आस-पास के काम को खोज सकते हैं और कमाई के साथ ही रोजगार पा सकते हैं. अगर आपके पास रजिस्टर्ड ई-वॉलेट खाता या इन-एप भुगतान पार्टनर है, तो आप अपनी कमाई, नकद राशि में भी कर सकते हैं.
- यह आसान टास्क, सिटिंग या फील्ड में बांटे (वर्गीकृत) जा सकते हैं. सिटिंग कार्यों में ट्रांसक्राइब करना, बोले गए वाक्यों को रिकॉर्ड करना और अंग्रेजी से आपकी स्थानीय भाषा में अनुवाद करना, आदि शामिल है.
- वहीं फील्ड के कार्यों में रेस्तरां या शॉपफ्रंट (दुकान के सामने) की तस्वीरें लेना आदि शामिल है. इन तस्वीरों का उपयोग गूगल मैपिंग विवरण को बढ़ाने में किया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति किसी जगह को गूगल मैप पर खोज रहा है, तो यह तस्वीरें उन जगहों के बारे में अधिक जानकारी देने में मददगार साबित हो सकती हैं.
टास्क मेट, जो अभी बीटा फेज में है, उसके द्वारा दिए गए सभी टास्क स्मार्टफोन से पूरे किए जा सकते हैं. इतना ही नहीं, बल्कि इनसे पैसे भी कमाए जा सकते हैं, यह रोजगार का एक जरिया भी बन सकता है.
हालांकि, गूगल ने अभी इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
पढ़ेंः संचार के क्षेत्र में काफी अहम साबित हो सकता है ड्रोन और 5जी