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भारत के 'सैटेलाइट मैन' उडुपी रामचंद्र राव को गूगल ने डूडल बनाकर किया सम्मानित - Google

उडुपी रामचंद्र राव के जन्मदिन पर, गूगल ने उन्हें डूडल बनाकर सम्मानित किया है.इस डूडल में पृथ्वी और चमकदार तारों के बैकग्राउंड के साथ प्रोफेसर राव का एक स्केच है. उडुपी रामचंद्र राव को भारत के सैटेलाइट मैन के रूप में भी जाना जाता है. राव ने इसरो के अध्यक्ष के रूप में भारत के पहले उपग्रह 'आर्यभट्ट' के 1975 के लॉन्च की अगुआई की. डॉ. राव को 1976 में पद्म भूषण और 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

Udupi Ramachandra Rao, डूडल
भारत के 'सैटेलाइट मैन' उडुपी रामचंद्र राव को गूगल ने डूडल बनाकर किया सम्मानित
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Published : Mar 10, 2021, 12:28 PM IST

नई दिल्ली : गूगल ने भारत के 'सैटेलाइट मैन' और प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्वर्गीय उडुपी रामचंद्र राव पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है. गूगल डूडल पर पृथ्वी और चमकदार तारों के बैकग्राउंड के साथ प्रोफेसर राव का एक स्केच है. गूगल ने अपने डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि आपके तारकीय तकनीकी प्रगति को गैलेक्सी के पार महसूस किया जाना जारी है. गूगल डूडल ने इसके बारे में ट्वीट करके भी बताया.

  • 🛰 The developer behind 20+ satellites
    ☀️ A cosmic-ray physicist
    🇮🇳 The leader of India's 1st interplanetary mission

    Learn how scientist & professor Udupi Ramachandra Rao propelled India's space program to dizzying heights with today's #GoogleDoodlehttps://t.co/A53yuKP4oI pic.twitter.com/INw3v8JjHP

    — Google Doodles (@GoogleDoodles) March 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में, राव ने भारत के पहले उपग्रह 'आर्यभट्ट' के 1975 के लॉन्च का पर्यवेक्षण किया.
  • उन्हें 1976 में पद्म भूषण और 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
  • 10 मार्च, 1932 को कर्नाटक में जन्मे राव का 2017 में निधन हो गया था.
  • राव ने अपने करियर की शुरूआत कॉस्मिक रे साइंटिस्ट (ब्रह्मांडीय किरण वैज्ञानिक) के रूप में की और अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के अधीन काम किया.
  • नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी ग्रुप के सहयोग से सौर हवा की निरंतर प्रकृति और मैरिनर-2 अवलोकनों का उपयोग करके भू-चुंबकत्व पर इसके प्रभाव को स्थापित करने वाले वह पहले साइंटिस्ट थे.
  • कई 'पॉयनियर' और 'एक्सप्लोरर' अंतरिक्ष यान पर राव के प्रयोगों से सौर ब्रह्मांडीय-किरण घटनाओं और अंतर-ग्रहों के अंतरिक्ष के विद्युत चुम्बकीय स्थिति की पूरी समझ पैदा हुई.
  • वह अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष और बेंगलुरु में नेहरू तारामंडल और तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) के चांसलर भी रहे.
  • सोसाइटी ऑफ सैटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल द्वारा एक समारोह में राव को 2013 में वाशिंगटन के सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था. इसके साथ ही वह उस श्रेणी में शामिल होने वाले पहले भारतीय बन गए.
  • वह मेक्सिको के ग्वाडलाजारा में प्रतिष्ठित 'आईएएफ हॉल ऑफ फेम' में शामिल होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गए.

पढे़ंः जानें खाद्य उद्योग में कैसे उपयोगी है माइक्रोब
इनपुट-आईएएनएस

नई दिल्ली : गूगल ने भारत के 'सैटेलाइट मैन' और प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्वर्गीय उडुपी रामचंद्र राव पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है. गूगल डूडल पर पृथ्वी और चमकदार तारों के बैकग्राउंड के साथ प्रोफेसर राव का एक स्केच है. गूगल ने अपने डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि आपके तारकीय तकनीकी प्रगति को गैलेक्सी के पार महसूस किया जाना जारी है. गूगल डूडल ने इसके बारे में ट्वीट करके भी बताया.

  • 🛰 The developer behind 20+ satellites
    ☀️ A cosmic-ray physicist
    🇮🇳 The leader of India's 1st interplanetary mission

    Learn how scientist & professor Udupi Ramachandra Rao propelled India's space program to dizzying heights with today's #GoogleDoodlehttps://t.co/A53yuKP4oI pic.twitter.com/INw3v8JjHP

    — Google Doodles (@GoogleDoodles) March 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में, राव ने भारत के पहले उपग्रह 'आर्यभट्ट' के 1975 के लॉन्च का पर्यवेक्षण किया.
  • उन्हें 1976 में पद्म भूषण और 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
  • 10 मार्च, 1932 को कर्नाटक में जन्मे राव का 2017 में निधन हो गया था.
  • राव ने अपने करियर की शुरूआत कॉस्मिक रे साइंटिस्ट (ब्रह्मांडीय किरण वैज्ञानिक) के रूप में की और अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के अधीन काम किया.
  • नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी ग्रुप के सहयोग से सौर हवा की निरंतर प्रकृति और मैरिनर-2 अवलोकनों का उपयोग करके भू-चुंबकत्व पर इसके प्रभाव को स्थापित करने वाले वह पहले साइंटिस्ट थे.
  • कई 'पॉयनियर' और 'एक्सप्लोरर' अंतरिक्ष यान पर राव के प्रयोगों से सौर ब्रह्मांडीय-किरण घटनाओं और अंतर-ग्रहों के अंतरिक्ष के विद्युत चुम्बकीय स्थिति की पूरी समझ पैदा हुई.
  • वह अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष और बेंगलुरु में नेहरू तारामंडल और तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) के चांसलर भी रहे.
  • सोसाइटी ऑफ सैटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल द्वारा एक समारोह में राव को 2013 में वाशिंगटन के सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था. इसके साथ ही वह उस श्रेणी में शामिल होने वाले पहले भारतीय बन गए.
  • वह मेक्सिको के ग्वाडलाजारा में प्रतिष्ठित 'आईएएफ हॉल ऑफ फेम' में शामिल होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गए.

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इनपुट-आईएएनएस

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