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आपका डेटा और एसएमएस टेक्स्ट चुरा सकता है टीबॉट, जानें इस मैलवेयर के बारे में सबकुछ - टीबॉट मैलवेयर

हाल ही में एक ऐसे एंड्रॉइड बैंकिंग मैलवेयर की चेतावनी दी है जो आपके एसएमएस और जरूरी जानकारियों को चुरा सकता है. बताया जा रहा है कि इसे 'टीबॉट' कहा जाता है.

Android malware stealing users data
डेटा एसएमएस चुरा रहा एंड्रॉइड मैलवेयर
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Published : Mar 5, 2022, 10:35 AM IST

नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक ऐसे एंड्रॉइड बैंकिंग मैलवेयर की चेतावनी दी है जो आपके एसएमएस और जरूरी जानकारियों को चुरा सकता है. उन्होंने यह भी कहा है की इस मैलवेयर को अब तक हजारों बार डाउनलोड किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि इसे 'टीबॉट' कहा जाता है. यह एक एंड्रॉइड बैंकिंग ट्रोजन(मैलवेयर) है जो पहली बार साल 2021 की शुरूआत में पीड़ित के टेक्स्ट मैसेजेस को चुराने के लिए डिजाइन किया गया था.

ऑनलाइन धोखाधड़ी प्रबंधन और रोकथाम समाधान प्रदाता क्लीफी के अनुसार, एक पूर्वनिर्धारित सूची का उपयोग करके एसएमएस फिशिंग अभियानों में टीबॉट को टीटीवी, वीएलसी मीडिया प्लेयर, डीएचएल, यूपीएस और अन्य ऐप्स के माध्यम से वितरित किया गया है. शोधकतार्ओं ने बताया कि, हाल के कुछ महीनों में हमने ऐसे ऐप्स में बड़ी वृद्धि देखी है.

उन्होंने यह भी बताया कि, पिछले महीनों के दौरान, टीबॉट ने रूसी, स्लोवाक और मंदारिन चीनी जैसी नई भाषाओं को भी सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. इससे अब यह मैलवेयर, लोगों को ऐसे ऐप के इंस्टॉल करने के दौरान कस्टम मैसेज दिखाने में भी सहायक हो गया है. बता दें कि 21 फरवरी को, क्लीफी थ्रेट इंटेलिजेंस एंड इंसिडेंट रिस्पांस (टीआईआर) टीम ने गूगल प्ले स्टोर पर एक एप्लिकेशन की खोज की, जो एक नकली अपडेट प्रक्रिया के साथ टीबॉट को वितरित करने वाले ड्रॉपर एप्लिकेशन के रूप में कार्य कर रहा था. टीम ने कहा की ड्रॉपर, एक सामान्य क्यूआर कोड और बारकोड स्कैनर के पीछे होता है जिसे अबतक 10,000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है.

हालांकि ऐप पर दिखने वाले रिव्यू वैध दिखाई देते हैं. डाउनलोड होने के बाद ड्रॉपर, पॉपअप संदेश के माध्यम से ऐप को तुरंत अपडेट करने को कहता है. लेकिन आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से अपडेट करने वाले वैध ऐप्स से विपरीत, ड्रॉपर एप्लिकेशन दूसरे एप्लिकेशन को डाउनलोड और इंस्टॉल करने के लिए कहता है, जिससे इस एप्लिकेशन में टीबॉट होने का पता चलता है.

यह भी पढ़ें-यूजर्स को हैकर्स से बचाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने डिसेबल की एक्सेल 4.0 कमांड

एक बार जब यूजर नकली 'अपडेट' को डाउनलोड और उसे रन करने के लिए स्वीकार कर लेते हैं, तो टीबॉट आवश्यक विशेषाधिकार प्राप्त करने के लिए 'एक्सेसिबिलिटी सर्विसेज' अनुमतियों का अनुरोध करके अपनी स्थापना प्रक्रिया शुरू कर देता है. मई 2021 के दौरान खोजे गए नमूनों की तुलना में सबसे बड़ा अंतर ऐसे टारगेट एप्लीकेशन्स की संख्या में वृद्धि है जिसमें अब होम बैंकिंग एप्लिकेशन, बीमा एप्लिकेशन, क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज भी शामिल हैं. टीम ने कहा कि, एक साल से भी कम समय में, टीबॉट द्वारा ऐसे ऐप्स की संख्या 500 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है. फिलहाल गूगल प्ले ने अभी तक रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
(आईएएनएस)

नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक ऐसे एंड्रॉइड बैंकिंग मैलवेयर की चेतावनी दी है जो आपके एसएमएस और जरूरी जानकारियों को चुरा सकता है. उन्होंने यह भी कहा है की इस मैलवेयर को अब तक हजारों बार डाउनलोड किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि इसे 'टीबॉट' कहा जाता है. यह एक एंड्रॉइड बैंकिंग ट्रोजन(मैलवेयर) है जो पहली बार साल 2021 की शुरूआत में पीड़ित के टेक्स्ट मैसेजेस को चुराने के लिए डिजाइन किया गया था.

ऑनलाइन धोखाधड़ी प्रबंधन और रोकथाम समाधान प्रदाता क्लीफी के अनुसार, एक पूर्वनिर्धारित सूची का उपयोग करके एसएमएस फिशिंग अभियानों में टीबॉट को टीटीवी, वीएलसी मीडिया प्लेयर, डीएचएल, यूपीएस और अन्य ऐप्स के माध्यम से वितरित किया गया है. शोधकतार्ओं ने बताया कि, हाल के कुछ महीनों में हमने ऐसे ऐप्स में बड़ी वृद्धि देखी है.

उन्होंने यह भी बताया कि, पिछले महीनों के दौरान, टीबॉट ने रूसी, स्लोवाक और मंदारिन चीनी जैसी नई भाषाओं को भी सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. इससे अब यह मैलवेयर, लोगों को ऐसे ऐप के इंस्टॉल करने के दौरान कस्टम मैसेज दिखाने में भी सहायक हो गया है. बता दें कि 21 फरवरी को, क्लीफी थ्रेट इंटेलिजेंस एंड इंसिडेंट रिस्पांस (टीआईआर) टीम ने गूगल प्ले स्टोर पर एक एप्लिकेशन की खोज की, जो एक नकली अपडेट प्रक्रिया के साथ टीबॉट को वितरित करने वाले ड्रॉपर एप्लिकेशन के रूप में कार्य कर रहा था. टीम ने कहा की ड्रॉपर, एक सामान्य क्यूआर कोड और बारकोड स्कैनर के पीछे होता है जिसे अबतक 10,000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है.

हालांकि ऐप पर दिखने वाले रिव्यू वैध दिखाई देते हैं. डाउनलोड होने के बाद ड्रॉपर, पॉपअप संदेश के माध्यम से ऐप को तुरंत अपडेट करने को कहता है. लेकिन आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से अपडेट करने वाले वैध ऐप्स से विपरीत, ड्रॉपर एप्लिकेशन दूसरे एप्लिकेशन को डाउनलोड और इंस्टॉल करने के लिए कहता है, जिससे इस एप्लिकेशन में टीबॉट होने का पता चलता है.

यह भी पढ़ें-यूजर्स को हैकर्स से बचाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने डिसेबल की एक्सेल 4.0 कमांड

एक बार जब यूजर नकली 'अपडेट' को डाउनलोड और उसे रन करने के लिए स्वीकार कर लेते हैं, तो टीबॉट आवश्यक विशेषाधिकार प्राप्त करने के लिए 'एक्सेसिबिलिटी सर्विसेज' अनुमतियों का अनुरोध करके अपनी स्थापना प्रक्रिया शुरू कर देता है. मई 2021 के दौरान खोजे गए नमूनों की तुलना में सबसे बड़ा अंतर ऐसे टारगेट एप्लीकेशन्स की संख्या में वृद्धि है जिसमें अब होम बैंकिंग एप्लिकेशन, बीमा एप्लिकेशन, क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज भी शामिल हैं. टीम ने कहा कि, एक साल से भी कम समय में, टीबॉट द्वारा ऐसे ऐप्स की संख्या 500 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है. फिलहाल गूगल प्ले ने अभी तक रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
(आईएएनएस)

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