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Cyber Security In India : पिछले साल 83 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को साइबर सुरक्षा मामलों का करना पड़ा सामना: रिपोर्ट - क्लाउडफेयर

Indian companies faced Cyber Security : आज के समय में टेक्नोलॉजी के कारण के जीवन काफी सुलभ हो गया है. वहीं इसका दूसरा पक्ष यह कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साइबर सिक्यूरिटी बड़ी बनकर उभरी है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 83 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को साइबर सुरक्षा संबंधी चुौतियों का सामना करना पड़ा था. पढ़ें पूरी खबर..

Cyber Security In India
साइबर सुरक्षा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 8:54 PM IST

नई दिल्ली : एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि लगभग 83 प्रतिशत भारतीय ऑर्गेनाइजेशन्स ने पिछले साल साइबर सिक्योरिटी संबंधी घटनाओं का अनुभव किया, जिनमें से 48 प्रतिशत ने खुलासा किया कि उन्हें 10 या उससे अधिक घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हुआ. सिक्योरिटी, परफॉर्मेंस और रिलाएबल कंपनी क्लाउडफ्लेयर के अनुसार, ज्यादातर घटनाओं के लिए वेब अटैक, फिशिंग और सप्लाई चेन अटैक को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें उत्तरदाताओं ने वित्तीय लाभ को साइबर अपराधियों का प्राथमिक लक्ष्य बताया था, इसके बाद स्पाइवेयर प्लांटिंग और डेटा घुसपैठ को जिम्मेदार ठहराया गया.

सर्वे में छोटे (150 से 999 कर्मचारी), मध्यम (1,000 से 2500 कर्मचारी) और बड़े (2,500 से अधिक कर्मचारी) ऑर्गेनाइजेशन के कुल 4,009 साइबर सिक्योरिटी डिसीजन मेकर और लीडर शामिल थे. क्लाउडफेयर में एशिया प्रशांत, जापान और चीन के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जोनाथन डिक्सन ने कहा, 'भारत की बढ़ती डिजिटल पावर और टेक्नोलॉजी पर बिजनेस की निरंतर निर्भरता के साथ, ऑर्गेनाइजेशन के लिए सिक्योरिटी कल्चर को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जो उनके लीडर्स को साइबर सिक्योरिटी को स्ट्रेटेजिक बिजनेस इंपरेटिव के रूप में अपनाने के लिए सशक्त बनाती है.

उन्होंने कहा, 'इससे ऑर्गेनाइजेशन को न केवल खर्च कम करने में मदद मिलेगी बल्कि एक मजबूत और सुव्यवस्थित साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क भी सुनिश्चित होगा.' इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 52 प्रतिशत लोग खुद को साइबर सिक्योरिटी घटनाओं के लिए अत्यधिक तैयार मानते हैं, और तैयारियों की कमी के कारण लाखों लोगों का नुकसान हो रहा है.

लगभग 47 प्रतिशत ने संकेत दिया कि पिछले 12 महीनों में ऐसी घटनाओं का वित्तीय प्रभाव 1 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जबकि 27 प्रतिशत को कम से कम 2 मिलियन डॉलर का वित्तीय झटका लगा है. साइबर सुरक्षा घटनाओं का परिणाम ऑर्गेनाइजेशनल ऑपरेशन्स तक फैला हुआ है, जिसमें 46 प्रतिशत ने बताया कि उनके ऑर्गेनाइजेशन ने हाइब्रिड वर्क कम कर दिया या प्रतिबंधित कर दिया, कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए मजबूर किया गया और विस्तार योजनाओं को स्थगित कर दिया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, जब साइबर सिक्योरिटी की तैयारी की बात आती है तो 57 प्रतिशत भारतीय बिजनेस लीडर्स के लिए टैलेंट की कमी को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में पहचाना गया, जबकि 44 प्रतिशत ने कहा कि फंडिंग की कमी उनके बिजनेस की सुरक्षा करने की उनकी क्षमता में बाधा बन रही है.
(आईएएनएस)

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नई दिल्ली : एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि लगभग 83 प्रतिशत भारतीय ऑर्गेनाइजेशन्स ने पिछले साल साइबर सिक्योरिटी संबंधी घटनाओं का अनुभव किया, जिनमें से 48 प्रतिशत ने खुलासा किया कि उन्हें 10 या उससे अधिक घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हुआ. सिक्योरिटी, परफॉर्मेंस और रिलाएबल कंपनी क्लाउडफ्लेयर के अनुसार, ज्यादातर घटनाओं के लिए वेब अटैक, फिशिंग और सप्लाई चेन अटैक को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें उत्तरदाताओं ने वित्तीय लाभ को साइबर अपराधियों का प्राथमिक लक्ष्य बताया था, इसके बाद स्पाइवेयर प्लांटिंग और डेटा घुसपैठ को जिम्मेदार ठहराया गया.

सर्वे में छोटे (150 से 999 कर्मचारी), मध्यम (1,000 से 2500 कर्मचारी) और बड़े (2,500 से अधिक कर्मचारी) ऑर्गेनाइजेशन के कुल 4,009 साइबर सिक्योरिटी डिसीजन मेकर और लीडर शामिल थे. क्लाउडफेयर में एशिया प्रशांत, जापान और चीन के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जोनाथन डिक्सन ने कहा, 'भारत की बढ़ती डिजिटल पावर और टेक्नोलॉजी पर बिजनेस की निरंतर निर्भरता के साथ, ऑर्गेनाइजेशन के लिए सिक्योरिटी कल्चर को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जो उनके लीडर्स को साइबर सिक्योरिटी को स्ट्रेटेजिक बिजनेस इंपरेटिव के रूप में अपनाने के लिए सशक्त बनाती है.

उन्होंने कहा, 'इससे ऑर्गेनाइजेशन को न केवल खर्च कम करने में मदद मिलेगी बल्कि एक मजबूत और सुव्यवस्थित साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क भी सुनिश्चित होगा.' इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 52 प्रतिशत लोग खुद को साइबर सिक्योरिटी घटनाओं के लिए अत्यधिक तैयार मानते हैं, और तैयारियों की कमी के कारण लाखों लोगों का नुकसान हो रहा है.

लगभग 47 प्रतिशत ने संकेत दिया कि पिछले 12 महीनों में ऐसी घटनाओं का वित्तीय प्रभाव 1 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जबकि 27 प्रतिशत को कम से कम 2 मिलियन डॉलर का वित्तीय झटका लगा है. साइबर सुरक्षा घटनाओं का परिणाम ऑर्गेनाइजेशनल ऑपरेशन्स तक फैला हुआ है, जिसमें 46 प्रतिशत ने बताया कि उनके ऑर्गेनाइजेशन ने हाइब्रिड वर्क कम कर दिया या प्रतिबंधित कर दिया, कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए मजबूर किया गया और विस्तार योजनाओं को स्थगित कर दिया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, जब साइबर सिक्योरिटी की तैयारी की बात आती है तो 57 प्रतिशत भारतीय बिजनेस लीडर्स के लिए टैलेंट की कमी को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में पहचाना गया, जबकि 44 प्रतिशत ने कहा कि फंडिंग की कमी उनके बिजनेस की सुरक्षा करने की उनकी क्षमता में बाधा बन रही है.
(आईएएनएस)

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