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रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया 2020

2020 में, किस प्रकार के रैंसमवेयर हमले हुए, इसने लोगों को कैसे प्रभावित किया, कितनी फिरौती की मांग की गई, इससे कैसे बचें, आदि पर साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, डायरेक्टर जनरल, कर्नल इंद्रजीत सिंह रोशनी डाल रहे हैं.

Ransomware, The Year of Ransomware
रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020
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Published : Dec 31, 2020, 5:02 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST

दिल्ली : साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, डायरेक्टर जनरल, कर्नल इंद्रजीत सिंह के अनुसार, कोविड-19 ने पूरी दुनिया को ही नहीं, बल्कि साइबरवर्ल्ड को भी प्रभावित किया. ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन अपना समय बिताने लगे, चाहे वह ऑफिस या घर का काम हो, दोस्तों और परिवार के लोगों से बातचीत हो, अपना मन पसंदीदा प्रोग्राम देखना हो या ऑनलाइन गेम खेलना हो आदि. इस बात का फायदा उठाते हुए साइबर क्रिमिनल ने रैंसमवेयर अटैक्स को अंजाम देना शुरू कर दिया.

Ransomware, The Year of Ransomware
रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

रैंसमवेयर एक प्रकार के मैलवेयर है, जो यूजर के कंप्यूटर या डिवाइस में ऐक्सेस ना की जाने वाली एक फाइल बनाता है. फिर हैकर, यूजर से बिटकॉइन या अन्य तरीकों से फिरौती की मांग करता है.

स्मार्टफोन पर स्टॉकरवेयर और एडवेयर के मामले बढ़ गए. कर्नल इंद्रजीत सिंह के अनुसार, डीपवेब और डार्कवेब से भी रैंसमवेयर को अंजाम दे रहे हैं. रैंसमवेयर को अंजाम देने के लिए, साइबर आपराधी आजकल नए-नए तरीके अपना रहें हैं.

सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (सास) की तर्ज पर, अब रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) भी चल रहा है. कर्नल इंद्रजीत सिंह के मुताबिक, आजकल बन रहे तकनीकी प्रोडक्ट्स में रैंसमवेयर को अंजाम देना आसान हो गया है.

  • 2019 में, रैंसमवेयर की फिरौती की मांग में 11.5 बिलियन डॉलर की पेमेंट की गई.
  • ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2020 के अंत तक यह मांग 20 बिलियन डॉलर हो जाएगी.
  • 2020 में, जनवरी और फरवरी के मुकाबले, मार्च और अप्रैल में रैंसमवेयर अटैक्स 20% बढ़ गए थे.
  • अस्पतालों पर, रैंसमवेयर अटैक्स कई बार किए गए, जिनमें ग्रारमीन, जैक डेनियल और द रिट्ज लंदन शामिल हैं.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

अस्पतालों के अलावा, 2020 में रैंसमवेयर अटैक्स के शिकार रहें संस्ठानः

  • सैन फ्रांसिस्को का कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
  • ट्रेवलेक्स, कैलिफोर्निया
  • डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर कम्युनिकेशन एंड पॉवर इंडस्ट्रीज, कैलिफोर्निया
  • जून 2020 में, 13 रैंसमवेयर क्राइम सिंडिकेट्स का पता चला,
  • तीसरी तिमाही के अंत तक, 67.3 मिलियन रयूक हमलों(रैंसमवेयर) का पता चला था. 2020 में हुए, रैंसमवेयर के सभी हमलों में से 33.7% रयूक हमले थे.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

पढे़ंः हेल्थकेयर सिस्टम को टार्गेट कर रहा है रैनसमवेयर

साइबरसिटी फर्म कोववेयर के रैंसमवेयर आंकड़ों के अनुसार, 2020 में रैंसमवेयर के सबसे ज्यादा अटैक्स यह हैं:

  • रेविल (Sodinokibi)- रैंसमवेयर प्रोग्राम, जिनका पता लगाना मुश्किल होता है.
  • मेज- डेटा चुरने वाले रैंसमवेयर, जो आपके डेटा को बेचने की धमकी देता है.
  • फोबोस - रैंसमवेयर जो प्रोडक्टिविटी दस्तावेजों को लॉक करता है.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

एक समय में, लॉकबिट और राग्नार लॉकर स्टेन्स, मेज के साथ मिलकर, रैंसमवेयर में सबसे आगे थे. साल के दुसरे क्वॉटर में मेज और रेविल (Sodinokibi) ऑपरेटर, रैंसमवेयर में सबसे सक्रिय थे.

1 नवंबर 2020 को मेज रैंसमवेयर ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी.

कर्नल इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान, हैकर्स ने रैंसमवेयर के बहुत सारे हमले किए. इसके लिए इन्होंने कोविड-19 से जुड़े फिशिंग ईमेल भेजे. इसके अलावा, रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) को अंजाम देने के लिए नई-नई तकनीकियों का भी इजात किया. इन रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) में पॉलीमोर्फिक मैलवेयर, सप्लाई चेन अटैक्स, कोड कॉम्प्रेशन पैकर्स और फाइललेस मैलवेयर जैसे हमले शामिल हैं.

रैंसमवेयर, केवल फिरौती की ही मांग नहीं करता, बल्कि लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है. उदाहरण के लिए, 2019 में यूनाइटेड स्टेट्स के 764 अस्पतालों ने रैंसमवेयर अटैक्स के कारण कुछ वक्त तक काम करना बंद कर दिया था. इस कारण लोगों के काफी परेशानियां उठानी पड़ी थी.

कर्नल इंद्रजीत सिंह ने बताया कि रैंसमवेयर अटैक्स से बचने का एक तरीका यह है कि आप अपने डेटा का ऑनलाइन बैकअप ले लिजिए. इसके अलावा आप क्लाउड में भी डेटा का बैकअप ले सकते हैं. इसका मलतब यह नहीं है कि रैंसमवेयर अटैक्स से बचा नहीं जा सकता है. साथ ही, आपको यह घमकी भी मिलती है कि डार्कवेब पर आपका डेटा बेच दिया जाएगा.

अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए, एक सिंपल पासवर्ड के बजाए कई तरीकों जैसेः फिंगरप्रिंट, ओटीपी आदि का उपयोग करें.

Ransomware, The Year of Ransomware
रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

हालांकि 2019-20 में रैंसमवेयर अटैक्स के लिए सबसे ज्यादा, फिरौती की मांग की गई. मगर, 2021 में क्या होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा.

आप कर्नल इंद्रजीत को ट्विटर पर @ inderbarara और इस्टाग्राम पर inderbarara पर फॉलो कर सकते हैं.

पढे़ेंः जानिए रैनसमवेयर से जुड़ी सभी जरुरी बातें

दिल्ली : साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, डायरेक्टर जनरल, कर्नल इंद्रजीत सिंह के अनुसार, कोविड-19 ने पूरी दुनिया को ही नहीं, बल्कि साइबरवर्ल्ड को भी प्रभावित किया. ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन अपना समय बिताने लगे, चाहे वह ऑफिस या घर का काम हो, दोस्तों और परिवार के लोगों से बातचीत हो, अपना मन पसंदीदा प्रोग्राम देखना हो या ऑनलाइन गेम खेलना हो आदि. इस बात का फायदा उठाते हुए साइबर क्रिमिनल ने रैंसमवेयर अटैक्स को अंजाम देना शुरू कर दिया.

Ransomware, The Year of Ransomware
रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

रैंसमवेयर एक प्रकार के मैलवेयर है, जो यूजर के कंप्यूटर या डिवाइस में ऐक्सेस ना की जाने वाली एक फाइल बनाता है. फिर हैकर, यूजर से बिटकॉइन या अन्य तरीकों से फिरौती की मांग करता है.

स्मार्टफोन पर स्टॉकरवेयर और एडवेयर के मामले बढ़ गए. कर्नल इंद्रजीत सिंह के अनुसार, डीपवेब और डार्कवेब से भी रैंसमवेयर को अंजाम दे रहे हैं. रैंसमवेयर को अंजाम देने के लिए, साइबर आपराधी आजकल नए-नए तरीके अपना रहें हैं.

सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (सास) की तर्ज पर, अब रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) भी चल रहा है. कर्नल इंद्रजीत सिंह के मुताबिक, आजकल बन रहे तकनीकी प्रोडक्ट्स में रैंसमवेयर को अंजाम देना आसान हो गया है.

  • 2019 में, रैंसमवेयर की फिरौती की मांग में 11.5 बिलियन डॉलर की पेमेंट की गई.
  • ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2020 के अंत तक यह मांग 20 बिलियन डॉलर हो जाएगी.
  • 2020 में, जनवरी और फरवरी के मुकाबले, मार्च और अप्रैल में रैंसमवेयर अटैक्स 20% बढ़ गए थे.
  • अस्पतालों पर, रैंसमवेयर अटैक्स कई बार किए गए, जिनमें ग्रारमीन, जैक डेनियल और द रिट्ज लंदन शामिल हैं.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

अस्पतालों के अलावा, 2020 में रैंसमवेयर अटैक्स के शिकार रहें संस्ठानः

  • सैन फ्रांसिस्को का कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
  • ट्रेवलेक्स, कैलिफोर्निया
  • डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर कम्युनिकेशन एंड पॉवर इंडस्ट्रीज, कैलिफोर्निया
  • जून 2020 में, 13 रैंसमवेयर क्राइम सिंडिकेट्स का पता चला,
  • तीसरी तिमाही के अंत तक, 67.3 मिलियन रयूक हमलों(रैंसमवेयर) का पता चला था. 2020 में हुए, रैंसमवेयर के सभी हमलों में से 33.7% रयूक हमले थे.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

पढे़ंः हेल्थकेयर सिस्टम को टार्गेट कर रहा है रैनसमवेयर

साइबरसिटी फर्म कोववेयर के रैंसमवेयर आंकड़ों के अनुसार, 2020 में रैंसमवेयर के सबसे ज्यादा अटैक्स यह हैं:

  • रेविल (Sodinokibi)- रैंसमवेयर प्रोग्राम, जिनका पता लगाना मुश्किल होता है.
  • मेज- डेटा चुरने वाले रैंसमवेयर, जो आपके डेटा को बेचने की धमकी देता है.
  • फोबोस - रैंसमवेयर जो प्रोडक्टिविटी दस्तावेजों को लॉक करता है.
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020
    Ransomware, The Year of Ransomware
    रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

एक समय में, लॉकबिट और राग्नार लॉकर स्टेन्स, मेज के साथ मिलकर, रैंसमवेयर में सबसे आगे थे. साल के दुसरे क्वॉटर में मेज और रेविल (Sodinokibi) ऑपरेटर, रैंसमवेयर में सबसे सक्रिय थे.

1 नवंबर 2020 को मेज रैंसमवेयर ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी.

कर्नल इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान, हैकर्स ने रैंसमवेयर के बहुत सारे हमले किए. इसके लिए इन्होंने कोविड-19 से जुड़े फिशिंग ईमेल भेजे. इसके अलावा, रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) को अंजाम देने के लिए नई-नई तकनीकियों का भी इजात किया. इन रैंसमवेयर-ऐज-ए-सर्विस (रास) में पॉलीमोर्फिक मैलवेयर, सप्लाई चेन अटैक्स, कोड कॉम्प्रेशन पैकर्स और फाइललेस मैलवेयर जैसे हमले शामिल हैं.

रैंसमवेयर, केवल फिरौती की ही मांग नहीं करता, बल्कि लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है. उदाहरण के लिए, 2019 में यूनाइटेड स्टेट्स के 764 अस्पतालों ने रैंसमवेयर अटैक्स के कारण कुछ वक्त तक काम करना बंद कर दिया था. इस कारण लोगों के काफी परेशानियां उठानी पड़ी थी.

कर्नल इंद्रजीत सिंह ने बताया कि रैंसमवेयर अटैक्स से बचने का एक तरीका यह है कि आप अपने डेटा का ऑनलाइन बैकअप ले लिजिए. इसके अलावा आप क्लाउड में भी डेटा का बैकअप ले सकते हैं. इसका मलतब यह नहीं है कि रैंसमवेयर अटैक्स से बचा नहीं जा सकता है. साथ ही, आपको यह घमकी भी मिलती है कि डार्कवेब पर आपका डेटा बेच दिया जाएगा.

अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए, एक सिंपल पासवर्ड के बजाए कई तरीकों जैसेः फिंगरप्रिंट, ओटीपी आदि का उपयोग करें.

Ransomware, The Year of Ransomware
रैंसमवेयर हमलों से भी जाना गया-2020

हालांकि 2019-20 में रैंसमवेयर अटैक्स के लिए सबसे ज्यादा, फिरौती की मांग की गई. मगर, 2021 में क्या होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा.

आप कर्नल इंद्रजीत को ट्विटर पर @ inderbarara और इस्टाग्राम पर inderbarara पर फॉलो कर सकते हैं.

पढे़ेंः जानिए रैनसमवेयर से जुड़ी सभी जरुरी बातें

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST
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