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पूछताछ के नाम पर जाफराबाद पुलिस ने की गिरफ्तारियां, परिजन परेशान - special staff

उत्तर पूर्वी दिल्ली की जाफराबाद पुलिस ने पिछले दिनों हुए दंगों के बारे में पूछताछ के नाम पर सोमवार को लाकॅडाउन के दरमियान एक के बाद एक कई लोगों को उनके घरों पर दबिशें देकर उठा लिया गया. जिसको लेकर पीड़ित परिजन जाफराबाद थाने पर एक के बाद एक करके पहुंचे.जहां उनको पुलिस ने थाने के अंदर तक नहीं आने दिया और बाहर से ही बुरा भला कहकर जाने को कहने लगे.

Zafarabad police  picked up several people  after the other in the name of questioning about the riots.
पीड़ितों को ही आरोपी बनाने की कोशिश कर रही पुलिस
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Published : Mar 31, 2020, 1:04 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की जाफराबाद पुलिस ने पिछले दिनों हुए दंगों के बारे में पूछताछ के नाम पर सोमवार को एक के बाद एक कई लोगों को उनके घरों पर दबिश देकर उठा लिया. हैरत की बात तो यह है कि यह वह लोग है जो गत 25 फरवरी को हुई घटना के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिस महज परेशान करने के लिए जान बूझकर लॉकडाउन में यह कार्रवाई कर उत्पीड़न करने में लगी है.

पीड़ितों को ही आरोपी बनाने की कोशिश कर रही पुलिस

स्पेशल स्टॉफ की टीम

लॉकडाउन के बीच जाफराबाद थाने पर एक के बाद एक करके कुछ महिला पुरूष पहुंचने लगे. ईटीवी भारत की टीम ने लॉकडाउन में इन लोगों के घरों से बाहर निकलने का कारण पता किया. तो इन लोगों ने बताया कि खुद को स्पेशल स्टॉफ की टीम का बताते हुए जाफराबाद थाने से दस बारह पुलिस कर्मियों की टीम ने उनके घरों पर दबिशें देकर घर में मौजूद लोगों को उठा लिया और बिना कुछ बताए अपने साथ ले गए.

परिजनों ने उनसे पता करने की बहुत कोशिश की लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया. परिजन थाने पर पहुंचे परिजन से बताया गया कि दंगों से जुड़े मामले में पूछताछ करनी है. लेकिन परिजनों को उनसे मिलने नहीं दिया गया.इतना ही नहीं परिजनों का यहां तक आरोप है कि पुलिस ने उन्हें थाने के अंदर तक नहीं आने दिया और बाहर से ही बुरा भला कहकर जाने को कहने लगे.

पीड़ितों को ही आरोपी बनाने की कोशिश

जाफराबाद इलाके में ही रहने वाली महिला ने बताया कि सोमवार दोपहर के समय उनके पति 'आजाद' खाना खाकर लेटे ही थे कि तभी 8 से दस पुलिस वाले घर मे घुस गए और आजाद को साथ ले जाने लगे. महिला के पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह उसे पूछताछ के लिए जाफराबाद थाने ले जा रहे हैं.

परिजन हुए परेशान

परिजन थाने में आजाद को न पाकर हैरान हो गए थे. फिर काफी देर बाद पता चला कि उसे अंदर बैठाया हुआ है. बताया जाता है कि गक्त 25 फरवरी को आजाद सिलाई का काम लेने के लिए नोएडा जाने को घर से निकले थे. तभी जाफराबाद इलाके में हुई पुलिस कार्रवाई में उसे गोली लग गई. घायल आजाद को जीटीबी हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. जहां इसे पुलिस ने उसे घर जाने दिया.

झूठे मामले में फंसाया

थाने के बाहर मौजूद एक अन्य युवक के परिजनों ने बताया कि पुलिस उनके बेटे को उठाकर ले गई और अब उन्हें मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने यह आशंका भी जताई कि जिस ढंग से पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान यह कार्रवाई की है, वह हैरान और परेशान करने वाली है. उन्होंने किसी झूठे मामले में फंसाए जाने की भी आशंका जताई है.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की जाफराबाद पुलिस ने पिछले दिनों हुए दंगों के बारे में पूछताछ के नाम पर सोमवार को एक के बाद एक कई लोगों को उनके घरों पर दबिश देकर उठा लिया. हैरत की बात तो यह है कि यह वह लोग है जो गत 25 फरवरी को हुई घटना के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिस महज परेशान करने के लिए जान बूझकर लॉकडाउन में यह कार्रवाई कर उत्पीड़न करने में लगी है.

पीड़ितों को ही आरोपी बनाने की कोशिश कर रही पुलिस

स्पेशल स्टॉफ की टीम

लॉकडाउन के बीच जाफराबाद थाने पर एक के बाद एक करके कुछ महिला पुरूष पहुंचने लगे. ईटीवी भारत की टीम ने लॉकडाउन में इन लोगों के घरों से बाहर निकलने का कारण पता किया. तो इन लोगों ने बताया कि खुद को स्पेशल स्टॉफ की टीम का बताते हुए जाफराबाद थाने से दस बारह पुलिस कर्मियों की टीम ने उनके घरों पर दबिशें देकर घर में मौजूद लोगों को उठा लिया और बिना कुछ बताए अपने साथ ले गए.

परिजनों ने उनसे पता करने की बहुत कोशिश की लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया. परिजन थाने पर पहुंचे परिजन से बताया गया कि दंगों से जुड़े मामले में पूछताछ करनी है. लेकिन परिजनों को उनसे मिलने नहीं दिया गया.इतना ही नहीं परिजनों का यहां तक आरोप है कि पुलिस ने उन्हें थाने के अंदर तक नहीं आने दिया और बाहर से ही बुरा भला कहकर जाने को कहने लगे.

पीड़ितों को ही आरोपी बनाने की कोशिश

जाफराबाद इलाके में ही रहने वाली महिला ने बताया कि सोमवार दोपहर के समय उनके पति 'आजाद' खाना खाकर लेटे ही थे कि तभी 8 से दस पुलिस वाले घर मे घुस गए और आजाद को साथ ले जाने लगे. महिला के पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह उसे पूछताछ के लिए जाफराबाद थाने ले जा रहे हैं.

परिजन हुए परेशान

परिजन थाने में आजाद को न पाकर हैरान हो गए थे. फिर काफी देर बाद पता चला कि उसे अंदर बैठाया हुआ है. बताया जाता है कि गक्त 25 फरवरी को आजाद सिलाई का काम लेने के लिए नोएडा जाने को घर से निकले थे. तभी जाफराबाद इलाके में हुई पुलिस कार्रवाई में उसे गोली लग गई. घायल आजाद को जीटीबी हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. जहां इसे पुलिस ने उसे घर जाने दिया.

झूठे मामले में फंसाया

थाने के बाहर मौजूद एक अन्य युवक के परिजनों ने बताया कि पुलिस उनके बेटे को उठाकर ले गई और अब उन्हें मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने यह आशंका भी जताई कि जिस ढंग से पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान यह कार्रवाई की है, वह हैरान और परेशान करने वाली है. उन्होंने किसी झूठे मामले में फंसाए जाने की भी आशंका जताई है.

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