नई दिल्ली: 24 व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़काए गए थे. स्पेशल द्वारा दाखिल चार्जशीट में इस बात का उल्लेख है कि दंगों से ठीक पहले 24 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे और उनमें विभिन्न इलाकों के दंगाइयों को जोड़ा गया था.
स्पेशल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चार्जशीट में इस बात का भी उल्लेख है कि व्हाट्सएप ग्रुप की सहायता के विभिन्न इलाकों में दंगाइयों को मोब्लाइज किया गया. पूरे दंगे के नेतृत्व कर रहे बड़े नेता इन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दंगाइयों को निर्देश दे रहे थे कि उन्हें कब और कहां पर जमा होना है और किस प्रकार से दंगों को भड़काना है. इसके साथ ही समय-समय पर व्हाट्सएप के माध्यम से ही दंगाइयों के लोकेशन भी उनके आकाओं द्वारा ट्रेस किए जा रहे थे कि वह कहां पहुंचे.
गाड़ियों की की गई व्यवस्था
उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे का प्रमुख गढ़ माने जाने वाले जाफराबाद मेट्रो स्टेशन और खुरेजी चौक तक भीड़ को पहुंचाने के लिए दंगाइयों द्वारा कई गाड़ियों की व्यवस्था की गई थी. इसके लिए बकायदा फंड की व्यवस्था की गई थी और दंगाइयों के रहने से लेकर खाने तक का इंतजाम नेताओं द्वारा किया जा रहा था. स्पेशल सेल द्वारा दाखिल चार्जशीट में इस बात का उल्लेख है कि जाफराबाद और खजूरी में दंगा भड़काने के लिए बड़ी तादाद में दिल्ली के दूसरे हिस्सों से दंगाइयों को लाया गया था.
सुनियोजित थी दंगे की साजिश
स्पेशल सेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पूरे दंगे की सुनियोजित प्लानिंग की गई थी. दंगों से कुछ दिन पहले 24 व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण किया गया था और उसमें इलाके के अपराधिक छवि वाले लोगों को जोड़ा गया था. दंगो को भड़काने के लिए बाकायदा करोड़ों की फंडिंग की गई थी. जिसका इस्तेमाल दंगाइयों के रहने, पीने खाने और अवैध हथियार खरीदने के लिए किया गया था.