नई दिल्ली: अखबारों के लिए विज्ञापन लाने वाले एक शख्स ने देखा कि बड़ी संख्या में लोग झूठे विज्ञापन देकर भोले-भाले लोगों से ठगी करते हैं. ऐसे में उसे भी रुपये कमाने के लिए ठगी आसान रास्ता लगा. उसने दूरदर्शन से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर नौकरी का विज्ञापन दे दिया. अनेक राज्यों के युवाओं से उसने लाखों रुपये ठग भी लिए. लेकिन इसकी भनक दूरदर्शन को लग गई. उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
डीसीपी राजेश देव के अनुसार 13 सितंबर को प्रसार भारती के एडिशनल डीजी दिनेश माथुर की तरफ से एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसमें बताया गया कि उन्हें कई ऐसी शिकायतें मिल रही है. जिसमें लोगों को दूरदर्शन में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा जा रहा है. इसके लिए बकायदा www.ddbroadcaster.com नाम से फर्जी वेबसाइट भी बनी हुई है. इस पर दूरदर्शन का फर्जी लोगों भी लगाया गया है. इस शिकायत पर क्राइम ब्रांच की टीम ने ठगी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया.
दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
छानबीन के दौरान एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर वीएन झा और एसआई लोकेंद्र की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए जानकारी जुटाई. इसके साथ ही बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई गई, जिनमें रुपए लिए गए थे. इस दौरान पता चला कि आरोपी अलग-अलग एटीएम में जाकर पैसे निकालते हैं. इन सब छानबीन से मिले सुराग की मदद से पुलिस ने रोहित मिश्रा और आशीष सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी रोहित मिश्रा ने बताया कि वह बीते 3 साल से इस तरीके से ठगी कर रहा है. वह अपने परिवार से अलग रहता है और इस काम में उसने अपने दोस्त आशीष सिंह को शामिल कर रखा था.
एड एजेंसी की नौकरी से मिला आइडिया
रोहित ने पुलिस को बताया कि वह पहले एड एजेंसी में नौकरी करता था. वह क्लाइंट से दस्तावेज और रुपये लाने का काम करता था. इस दौरान उसने कई लोगों को देखा, जो नौकरी के लिए अखबार में फर्जी विज्ञापन देते थे. इससे उसे लगा कि वह भी इस तरीके से ठगी कर सकता है. पुलिस ने बताया कि इस वारदात पर काम करते हुए उसने बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई जगहों पर विज्ञापन निकाला. इसमें बताया कि दूरदर्शन में नौकरी निकली है.
ऑनलाइन लेता था आवेदन की रकम
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उससे जब कोई नौकरी के लिए संपर्क करता तो वह उसके पते पर 4 पेज का फॉर्म भेज देता था. इसके साथ 15540 रुपये की फीस वह मांगता था. यह रकम मिलने पर वह आवेदक से मेडिकल के नाम पर या इंश्योरेंस के नाम पर हजारों रुपए मांगता था.