नई दिल्ली/नोएडा : यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हत्या के मामले में वांछित चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अनुसार पकड़ा गया बदमाश अजीत सिंह हापुड़ जिले के थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है. उस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं.
बता दें कि बदमाश अजीत सिंह उर्फ प्रधान 2005 में गाजियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आया था. इसके बाद उसने 2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया था.
ऐसे बना सुपारी किलर
इस केस में उसे निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई थी. बाद में वो उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आ गया था. धीरे-धीरे अजीत सिंह ने अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बना लिया और फिर सुपारी किलर के तौर पर पहचाना जाने लगा.
अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा
बता दें कि 2008 में अजीत सिंह ने दिल्ली के व्यापारी किशोरी लाल नागपाल की हत्या बुलंदशहर में सुपारी लेकर की थी. उस मामले में अजीत को निचली अदालत से फांसी की सजा हुई थी, लेकिन उच्च न्यायालय से वो बरी हो गया था.
मिर्ची गैंग को खड़ा करने में अहम भूमिका
डीएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गाजियाबाद के डासना जेल में बंद रहने के दौरान ही अजीत सिंह की मुलाकात मिर्ची गैंग के सरगना आशू उर्फ प्रवीण निवासी काजीपुरा से हुई थी. कुछ माह पूर्व जब आशू जेल से बाहर आया तो अजीत ने आशू के गैंग को खड़ा करने में मदद की.
कई वारदातों को दिया अंजाम
इसके अलावा अजीत कुछ नए लड़कों को जोड़कर 2018 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा. उन्होंने बताया कि अजीत सिंह ने ही उत्तराखंड के उधमसिंह सुनार को गोली मारकर चार लाख रुपये की लूट कराई थी.
इस केस में था वांछित
डीएसपी ने बताया कि अजीत सिंह का गिरोह 24 जून 2019 को ग्रेटर नोएडा में पेट्रोल पम्प के मैनेजर को मारकर करीब 17 लाख रुपये की लूट के प्लान को अंजाम देने ही वाला था कि एसटीएफ नोएडा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई. उस वारदात में तीन बदमाश गोली लगने से घायल हो गए थे और इसी मामले में अजीत वांछित चल रहा था.