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यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सुपारी किलर, 50 हजार था इनाम - latest news of noida

बदमाश अजीत सिंह उर्फ प्रधान 2005 में गाजियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आया था. इसके बाद उसने 2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया था.

एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सुपारी किलर अजीत सिंह etv bharat
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Published : Sep 18, 2019, 4:01 AM IST

Updated : Sep 18, 2019, 1:47 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हत्या के मामले में वांछित चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अनुसार पकड़ा गया बदमाश अजीत सिंह हापुड़ जिले के थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है. उस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं.

एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सुपारी किलर

बता दें कि बदमाश अजीत सिंह उर्फ प्रधान 2005 में गाजियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आया था. इसके बाद उसने 2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया था.

ऐसे बना सुपारी किलर
इस केस में उसे निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई थी. बाद में वो उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आ गया था. धीरे-धीरे अजीत सिंह ने अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बना लिया और फिर सुपारी किलर के तौर पर पहचाना जाने लगा.

अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा
बता दें कि 2008 में अजीत सिंह ने दिल्ली के व्यापारी किशोरी लाल नागपाल की हत्या बुलंदशहर में सुपारी लेकर की थी. उस मामले में अजीत को निचली अदालत से फांसी की सजा हुई थी, लेकिन उच्च न्यायालय से वो बरी हो गया था.

मिर्ची गैंग को खड़ा करने में अहम भूमिका

डीएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गाजियाबाद के डासना जेल में बंद रहने के दौरान ही अजीत सिंह की मुलाकात मिर्ची गैंग के सरगना आशू उर्फ प्रवीण निवासी काजीपुरा से हुई थी. कुछ माह पूर्व जब आशू जेल से बाहर आया तो अजीत ने आशू के गैंग को खड़ा करने में मदद की.

कई वारदातों को दिया अंजाम

इसके अलावा अजीत कुछ नए लड़कों को जोड़कर 2018 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा. उन्होंने बताया कि अजीत सिंह ने ही उत्तराखंड के उधमसिंह सुनार को गोली मारकर चार लाख रुपये की लूट कराई थी.

इस केस में था वांछित

डीएसपी ने बताया कि अजीत सिंह का गिरोह 24 जून 2019 को ग्रेटर नोएडा में पेट्रोल पम्प के मैनेजर को मारकर करीब 17 लाख रुपये की लूट के प्लान को अंजाम देने ही वाला था कि एसटीएफ नोएडा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई. उस वारदात में तीन बदमाश गोली लगने से घायल हो गए थे और इसी मामले में अजीत वांछित चल रहा था.

नई दिल्ली/नोएडा : यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हत्या के मामले में वांछित चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अनुसार पकड़ा गया बदमाश अजीत सिंह हापुड़ जिले के थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है. उस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं.

एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सुपारी किलर

बता दें कि बदमाश अजीत सिंह उर्फ प्रधान 2005 में गाजियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आया था. इसके बाद उसने 2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया था.

ऐसे बना सुपारी किलर
इस केस में उसे निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई थी. बाद में वो उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आ गया था. धीरे-धीरे अजीत सिंह ने अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बना लिया और फिर सुपारी किलर के तौर पर पहचाना जाने लगा.

अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा
बता दें कि 2008 में अजीत सिंह ने दिल्ली के व्यापारी किशोरी लाल नागपाल की हत्या बुलंदशहर में सुपारी लेकर की थी. उस मामले में अजीत को निचली अदालत से फांसी की सजा हुई थी, लेकिन उच्च न्यायालय से वो बरी हो गया था.

मिर्ची गैंग को खड़ा करने में अहम भूमिका

डीएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गाजियाबाद के डासना जेल में बंद रहने के दौरान ही अजीत सिंह की मुलाकात मिर्ची गैंग के सरगना आशू उर्फ प्रवीण निवासी काजीपुरा से हुई थी. कुछ माह पूर्व जब आशू जेल से बाहर आया तो अजीत ने आशू के गैंग को खड़ा करने में मदद की.

कई वारदातों को दिया अंजाम

इसके अलावा अजीत कुछ नए लड़कों को जोड़कर 2018 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा. उन्होंने बताया कि अजीत सिंह ने ही उत्तराखंड के उधमसिंह सुनार को गोली मारकर चार लाख रुपये की लूट कराई थी.

इस केस में था वांछित

डीएसपी ने बताया कि अजीत सिंह का गिरोह 24 जून 2019 को ग्रेटर नोएडा में पेट्रोल पम्प के मैनेजर को मारकर करीब 17 लाख रुपये की लूट के प्लान को अंजाम देने ही वाला था कि एसटीएफ नोएडा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई. उस वारदात में तीन बदमाश गोली लगने से घायल हो गए थे और इसी मामले में अजीत वांछित चल रहा था.

Intro:ग्रेटर नोएडा -- यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने बीटा-दो थाना क्षेत्र से लूट और हत्या के मामले में वांछित चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश हापुड़ जिले के बाबूगढ़ छावनी का अजीत सिंह उर्फ प्रधान को गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ के अनुसार पकड़ा गया अजीत सिंह हापुड़ जिले के थाना बाबूगढ़ छावनी का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं।



Body:यूपी एसटीएफ के गिरफ्त में खड़ा अजीत सिंह उर्फ प्रधान वर्ष-2005 में गाजियाबाद के कुख्यात राकेश हसनपुरिया और सैदपुर बुलन्दशहर के सेंसरपाल के सम्पर्क में आ गया। अजीत ने वर्ष-2006 में हापुड़ में डबल मर्डर को अंजाम दिया, जिसमें उसे निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आ गया। धीरे-धीरे अजीत सिंह जरायम की दुनिया में अपना दबदबा बना लिया और वह सुपारी किलर के तौर पर उभर कर सामने आया। वर्ष-2008 में उसने दिल्ली के व्यापारी किशोरी लाल नागपाल की हत्या बुलंदशहर में सुपारी लेकर कर दी थी। उस मामले में अजीत को निचली अदालत से फांसी की सजा हुई थी, लेकिन उच्च न्यायालय से वह बरी हो गया।

बाइट -- राजकुमार मिश्रा, डीएसपी यूपी एसटीएफ

डीएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बताया कि गाजियाबाद के डासना जेल में बंद रहने के दौरान ही अजीत सिंह की मुलाकात मिर्ची गैंग के सरगना आशू उर्फ प्रवीण निवासी काजीपुरा थाना मसूरी गाजियाबाद से हुई। कुछ माह पूर्व जब आशू जेल से बाहर आया तो अजीत ने आशू के गैंग को खड़ा करने में मदद की। इसके अलावा अजीत ने कुछ नए लड़कों को जोड़कर वर्ष-2018 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा। अजीत सिंह ने ही उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के थाना किच्छा में सुनार को गोली मारकर चार लाख रुपये की लूट कराई थी।
Conclusion: अजीत सिंह के गिरोह ने 24 जून-2019 को ग्रेटर नोएडा में पेट्रोल पम्प के मैनेजर को मारकर करीब 17 लाख रुपये की लूट के प्लान को अंजाम देने ही वाला था, कि एसटीएफ नोएडा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई। उसमें तीन बदमाश गोली लगने से घायल हुए थे और दो अन्य पकड़े गए थे। उन्होंने बताया कि एसटीफ की सक्रियता से हत्या और लूट की एक बड़ी घटना को रोका गया था। इसी मुकदमे में अजीत वांछित चल रहा था और उस पर 50,000 का इनाम घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि अजीत सिंह ने बरेली में भी एक सुनार की रेकी कर रखी थी, जिसकी दुकान में लूट की घटना को अंजाम देना था।
Last Updated : Sep 18, 2019, 1:47 PM IST
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