नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में नक्सल प्रभावित क्षेत्र से गांजा खपाया जा रहा है. पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग ओडिशा-आंध्रप्रदेश बॉर्डर के पास से गांजा लेकर आता था.
पुलिस ने इनके पास से 510 किलो गांजा बरामद किया है. जो वह ट्रक में बनी खुफिया जगह में छिपाकर लाया था. इसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई जा रही है. डीसीपी रामगोपाल नाइक के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त विभिन्न गैंग को लेकर काम कर रही थी.
इस दौरान स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली कि कुछ लोग उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र से गांजे की एक बड़ी खेप लेकर आ रहे हैं. यह हरियाणा नंबर के ट्रक से दिल्ली में आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी पंकज सिंह की टीम ने बताए गए ट्रक को तुगलकाबाद इलाके में देख लिया.
ट्रक से निकालकर गाड़ी में डाल रहे थे गांजा
पुलिस टीम ने पाया कि ट्रक से गांजा निकाल कर एक गाड़ी में रखा जा रहा है. पुलिस टीम ने तुरंत ट्रक और कार चालक को पकड़ लिया. पुलिस के अनुसार आरोपी ने इस ट्रक में ड्राइवर के ठीक पीछे एक खुफिया जगह बना रखी थी. इसमें गांजा छिपाकर रखा गया था.
उसका मकसद था कि रास्ते में तलाशी के दौरान कोई भी इस खुफिया जगह को ना पकड़ सके. यहां से गांजे के 17 कट्टे क्राइम ब्रांच ने बरामद किए. कुल बरामद किया गया गांजा 510 किलोग्राम है, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई गई है.
लगभग 9 साल से कर रहे हैं तस्करी
पुलिस ने तस्करी में शामिल ट्रक और गाड़ी को जब्त कर लिया है. पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपी सूबे सिंह और दीपक पहले भी मादक पदार्थ की तस्करी में गिरफ्तार हो चुके हैं. सूबे सिंह फरीदाबाद में एक मामले में सजा भी पा चुका है. पुलिस ने बताया कि वह फिलहाल फरार चल रहा था और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है. दूसरे आरोपी दीपक के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज है. वह भी जमानत पर है.
सरगना चल रहा फरार
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह दिनेश पाल के लिए काम करते हैं. दिनेश उड़ीसा और आंध्रप्रदेश विमान से आता-जाता है. वहां पर वह गांजे की डील करने के बाद उसे ट्रक में लदवाता है, जिसे लेकर सूबे सिंह दिल्ली आता था. यह गांजा न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि बिहार और यूपी तक सप्लाई किया जाता है.