नई दिल्ली: सीपीडब्ल्यूडी की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाकर एक गैंग लोगों को नौकरी का झांसा देने लगा. फर्जी परीक्षा आयोजित करने से लेकर ऑफर लेटर तक लोगों को दिए गए. लेकिन इसकी भनक सीपीडब्ल्यूडी को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने गैंग के सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पहले बताया खुद को इंजीनियर फिर शुरु की ठगी
इस दौरान उसकी शादी हुई तो उसने अपने ससुराल पक्ष को बताया कि वह सीपीडब्ल्यूडी में इंजीनियर है. इसके लिए उसने एनएचएआई का फर्जी आईकार्ड भी दिखाया. उसके कुछ दोस्त भी उससे प्रभावित थे और वह भी सरकारी नौकरी पाना चाहते थे. इसलिए उसने वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी का काम शुरू किया. 2018 में उसने लखनऊ में यह वेबसाइट बनाई. इसके बाद वह रामदयाल और गुरदीप से freelancer.com के माध्यम से मिला. उसने खुद को केरला का सीपीडब्ल्यूडी मैनेजर बताकर उनसे वेबसाइट बनवाई. दोनों को शक हुआ कि एक सरकारी विभाग प्राइवेट व्यक्ति से यह वेबसाइट क्यों बना रहा है. उन्होंने उससे पूछा भी लेकिन अमित ने उन्हें लालच देकर चुप करा दिया.
12 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी
इसके बाद वह लोगों से ठगी करने लगे. अब तक 50 से ज्यादा युवाओं से 10 से 12 लाख रुपए की ठगी की जानकारी पुलिस के सामने आ चुकी है. पुलिस ने ठगी की रकम से लखनऊ में खरीदी गई जमीन के दस्तावेज और अमित की कार जब्त कर ली है. पुलिस ने फिलहाल तीनों आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया है. गिरफ्तार किया गया अमित कुमार लखनऊ का रहने वाला है और बीटेक तृतीय वर्ष तक पढ़ा हुआ है. दूसरा आरोपी रामदयाल राजस्थान के गंगानगर का रहने वाला है और वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. तीसरा आरोपी गुरदीप राजस्थान के गंगानगर का रहने वाला है और वह बीए पढ़ा हुआ है.