नई दिल्ली/लखनऊ: विकास दुबे मामले में शासन ने एसआईटी को जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. अब एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट 28 अगस्त को पेश करेगी. बता दें कि एसआईटी कानपुर के कुख्यात बदमाश और उसके साथियों के एनकाउंटर में मारे जाने को लेकर जांच कर रही है.
11 जुलाई को एसआईटी गठित की गई थी
दरअसल कानपुर पुलिस 2 जुलाई को कुख्यात बदमाश विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी. यहां पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ हो गई. इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इसके बाद यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास दुबे और उसके कई साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इस पूरे मामले की जांच के लिए 11 जुलाई को एसआईटी गठित की गई थी.
एसआईटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी, एडीजी हरिराम शर्मा और डीआईजी जे रविंद्र गौड़ शामिल हैं. पैनल को 31 जुलाई तक अपनी जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट देनी थी, लेकिन किसी कारणवश जांच निर्धारित समय में पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद टीम ने सरकार से अतिरिक्त समय मांगा था.
गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि टीम अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी. टीम ने इसके लिए सरकार से अतिरिक्त समय मांगा था. इसके बाद टीम को जांच पूरी करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया है.
'करीब 50 लोगों के बयान दर्ज कराए हैं'
अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी ने अब तक करीब 50 लोगों के बयान दर्ज कराए हैं और कई साक्ष्य जुटाए गए. हालांकि, अभी कई गवाहों के बयान लिए जाने हैं. एसआईटी ने पुलिस और प्रशासन से विकास दुबे के संदर्भ में जो दस्तावेज और विवरण मांगे हैं, वह भी एसआईटी को अभी नहीं मिले हैं.
एसआईटी इस ओर भी जांच कर रही है कि विकास दुबे को 60 मामलों में जमानत कैसे मिली. इसके चलते तीन सदस्यीय टीम ने दो बार बिकरू गांव का दौरा किया है. टीम ने जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की थी.