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JNU हिंसा: क्या-क्या हुआ था उस दिन, जब नकाबपोशों ने किया था छात्रों पर हमला

सूत्रों के अनुसार रविवार को कैंपस में सुबह से ही हलचल चल रही थी. दोपहर में 3:45 से 4:15 के बीच 40 से 50 लोग मुंह ढककर डंडे लेकर पेरियार हॉस्टल में घुसे थे. उन्होंने यहां पर छात्रों की पिटाई की और शीशे भी तोड़े. वहीं दूसरी हिंसा शाम लगभग 6:00 बजे हुई, जब जेएनयू शिक्षक संघ और कुछ छात्र साबरमती ढाबा पर एक शांति मार्च के लिए एकत्रित हुए थे.

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Published : Jan 9, 2020, 5:25 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 5:32 PM IST

JNU update fact finding report reveals all story
जेएनयू

नई दिल्ली: जेएनयू प्रकरण की सच्चाई का पता लगाने के लिए बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है. जांच के दौरान उन्हें पता चला है कि जब अंदर छात्रों के साथ हिंसा हो चुकी थी तो उस समय उन्हें गेट पर इंतजार करने के लिए कहा गया. शाम 7.45 बजे उन्हें अंदर दाखिल होने दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हालात पर काबू पाया. वहीं जांच कर रही क्राइम ब्रांच के लिए नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना बड़ी चुनौती बना हुआ है.

JNU में हिंसा के बाद भी गेट पर खड़ी थी पुलिस

पेरियार हॉस्टल से मारपीट शुरू हुई थी
वहीं पुलिस जांच में पता चला है कि रविवार दोपहर बाद जेएनयू के पेरियार हॉस्टल से मारपीट शुरू हुई थी. इसके बाद साबरमती ढाबा पर नकाब पहने हुए लोगों ने छात्रों पर अटैक किया. हिंसा के बाद शाम 6.24 बजे जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार की तरफ से एसएचओ वसंत कुंज नॉर्थ, एसीपी और डीसीपी को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया. इस मैसेज में उन्हें कैंपस में आने के लिए नहीं बल्कि गेट के बाहर खड़े रहने के लिए कहा गया. सूत्रों के अनुसार उनकी तरफ से जो मैसेज भेजा गया, उसमें कहा गया था कि "जेएनयू कैंपस में हो रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप गेट के बाहर खड़े रहें जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर आप अंदर आ सके".



क्या कहती है पुलिस की प्राथमिक जांच

सूत्रों के अनुसार रविवार को कैंपस में सुबह से ही हलचल चल रही थी. दोपहर में 3:45 से 4:15 के बीच 40 से 50 लोग मुंह ढककर डंडे लेकर पेरियार हॉस्टल में घुसे थे. उन्होंने यहां पर छात्रों की पिटाई की और शीशे भी तोड़े. वहीं दूसरी हिंसा शाम लगभग 6:00 बजे हुई, जब जेएनयू शिक्षक संघ और कुछ छात्र साबरमती ढाबा पर एक शांति मार्च के लिए एकत्रित हुए थे. उसी समय नकाब पहने हुए कुछ लोगों ने उनके ऊपर पथराव करते हुए हमला कर दिया.


नकाबपोश की तलाश बड़ी चुनौती

इस मामले की जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना है. पुलिस को कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से इन हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने हिंसा से जुड़े हुए कई फुटेज देखे हैं और इसके साथ ही जेएनयू कैंपस के छात्रों से अपील की है कि वह हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज उन्हें मुहैया कराएं. पुलिस का दावा है कि वह जल्दी इस पूरे मामले की को सुलझा लेंगे.

तीन एफआईआर, 11 शिकायतों की जांच
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच करते हुए ब कैंपस में जाकर 100 से ज्यादा छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. इसके अलावा हिंसा के दौरान वहां मौजूद लोगों की जानकारी जुटाने के लिए मोबाइल का डंप डाटा उठाया है. तीन एफआईआर के अलावा दिल्ली पुलिस को अब तक 11 शिकायतें मिली हैं जिनमें से 3 शिकायतें एबीवीपी, 7 लेफ्ट और एक प्रोफेसर सुचित्रा सेन की है. इन सभी शिकायतों को क्राइम ब्रांच देख रही है.

नई दिल्ली: जेएनयू प्रकरण की सच्चाई का पता लगाने के लिए बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है. जांच के दौरान उन्हें पता चला है कि जब अंदर छात्रों के साथ हिंसा हो चुकी थी तो उस समय उन्हें गेट पर इंतजार करने के लिए कहा गया. शाम 7.45 बजे उन्हें अंदर दाखिल होने दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हालात पर काबू पाया. वहीं जांच कर रही क्राइम ब्रांच के लिए नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना बड़ी चुनौती बना हुआ है.

JNU में हिंसा के बाद भी गेट पर खड़ी थी पुलिस

पेरियार हॉस्टल से मारपीट शुरू हुई थी
वहीं पुलिस जांच में पता चला है कि रविवार दोपहर बाद जेएनयू के पेरियार हॉस्टल से मारपीट शुरू हुई थी. इसके बाद साबरमती ढाबा पर नकाब पहने हुए लोगों ने छात्रों पर अटैक किया. हिंसा के बाद शाम 6.24 बजे जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार की तरफ से एसएचओ वसंत कुंज नॉर्थ, एसीपी और डीसीपी को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया. इस मैसेज में उन्हें कैंपस में आने के लिए नहीं बल्कि गेट के बाहर खड़े रहने के लिए कहा गया. सूत्रों के अनुसार उनकी तरफ से जो मैसेज भेजा गया, उसमें कहा गया था कि "जेएनयू कैंपस में हो रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप गेट के बाहर खड़े रहें जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर आप अंदर आ सके".



क्या कहती है पुलिस की प्राथमिक जांच

सूत्रों के अनुसार रविवार को कैंपस में सुबह से ही हलचल चल रही थी. दोपहर में 3:45 से 4:15 के बीच 40 से 50 लोग मुंह ढककर डंडे लेकर पेरियार हॉस्टल में घुसे थे. उन्होंने यहां पर छात्रों की पिटाई की और शीशे भी तोड़े. वहीं दूसरी हिंसा शाम लगभग 6:00 बजे हुई, जब जेएनयू शिक्षक संघ और कुछ छात्र साबरमती ढाबा पर एक शांति मार्च के लिए एकत्रित हुए थे. उसी समय नकाब पहने हुए कुछ लोगों ने उनके ऊपर पथराव करते हुए हमला कर दिया.


नकाबपोश की तलाश बड़ी चुनौती

इस मामले की जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना है. पुलिस को कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से इन हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने हिंसा से जुड़े हुए कई फुटेज देखे हैं और इसके साथ ही जेएनयू कैंपस के छात्रों से अपील की है कि वह हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज उन्हें मुहैया कराएं. पुलिस का दावा है कि वह जल्दी इस पूरे मामले की को सुलझा लेंगे.

तीन एफआईआर, 11 शिकायतों की जांच
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच करते हुए ब कैंपस में जाकर 100 से ज्यादा छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. इसके अलावा हिंसा के दौरान वहां मौजूद लोगों की जानकारी जुटाने के लिए मोबाइल का डंप डाटा उठाया है. तीन एफआईआर के अलावा दिल्ली पुलिस को अब तक 11 शिकायतें मिली हैं जिनमें से 3 शिकायतें एबीवीपी, 7 लेफ्ट और एक प्रोफेसर सुचित्रा सेन की है. इन सभी शिकायतों को क्राइम ब्रांच देख रही है.

Intro:नई दिल्ली
जेएनयू प्रकरण की सच्चाई का पता लगाने के लिए बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनानी शुरु कर दी है. जांच के दौरान उन्हें पता चला है कि जब अंदर छात्रों के साथ हिंसा हो चुकी थी तो उस समय उन्हें गेट पर इंतजार करने के लिए कहा गया. शाम 7.45 बजे उन्हें अंदर दाखिल होने दिया गया जिसके बाद उन्होंने हालात पर काबू पाया. वहीं जांच कर रही क्राइम ब्रांच के लिए नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना बड़ी चुनौती बना हुआ है.



Body:जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट को तैयार करना शुरु कर दिया है. उनकी जांच में पता चला है कि रविवार दोपहर बाद जेएनयू के पेरियार हॉस्टल से मारपीट शुरू हुई थी. इसके बाद साबरमती ढाबा पर नकाब पहने हुए लोगों ने छात्रों पर अटैक किया. हिंसा के बाद शाम 6.24 बजे जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार की तरफ से एसएचओ वसंत कुंज नॉर्थ, एसीपी और डीसीपी को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया. इस मैसेज में उन्हें कैंपस में आने के लिए नहीं बल्कि गेट के बाहर खड़े रहने के लिए कहा गया. सूत्रों के अनुसार उनकी तरफ से जो मैसेज भेजा गया उसमें कहा गया था कि "जेएनयू कैंपस में हो रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप गेट के बाहर खड़े रहें ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर आप अंदर आ सके".


क्या कहती है पुलिस की प्राथमिक जांच
सूत्रों के अनुसार रविवार को कैंपस में सुबह से ही हलचल चल रही थी. दोपहर में 3:45 से 4:15 के बीच 40 से 50 लोग मुंह ढककर डंडे लेकर पेरियार हॉस्टल में घुसे थे. उन्होंने यहां पर छात्रों की पिटाई की और शीशे भी तोड़े. वहीं दूसरी हिंसा शाम लगभग 6:00 बजे हुई, जब जेएनयू शिक्षक संघ और कुछ छात्र साबरमती ढाबा पर एक शांति मार्च के लिए एकत्रित हुए थे. उसी समय नकाब पहने हुए कुछ लोगों ने उनके ऊपर पथराव करते हुए हमला कर दिया.


नकाबपोश की तलाश बड़ी चुनौती
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती नकाबपोश हमलावरों को पकड़ना है. पुलिस को कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से इन हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने हिंसा से जुड़े हुए कई फुटेज देखे हैं और इसके साथ ही जेएनयू कैंपस के छात्रों से अपील की है कि वह हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज उन्हें मुहैया कराएं. पुलिस का दावा है कि वह जल्दी इस पूरे मामले की को सुलझा लेंगे.


Conclusion:तीन एफआईआर, 11 शिकायतों की जांच
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच करते हुए ब कैंपस में जाकर 100 से ज्यादा छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. इसके अलावा हिंसा के दौरान वहां मौजूद लोगों की जानकारी जुटाने के लिए मोबाइल का डंप डाटा उठाया है. तीन एफआईआर के अलावा दिल्ली पुलिस को अब तक 11 शिकायतें मिली हैं जिनमें से 3 शिकायतें एबीवीपी, 7 लेफ्ट और एक प्रोफेसर सुचित्रा सेन की है. इन सभी शिकायतों को क्राइम ब्रांच देख रही है.
Last Updated : Jan 9, 2020, 5:32 PM IST
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