नई दिल्ली: राजधानी के चांदनी चौक में दो भाइयों के सुसाइड मामले में कई ऐसी बातें सामने आई हैं, जिससे पता चलता है कि अर्पित और अंकित गुप्ता को कुछ लेनदारों ने ऐसा परेशान किया था कि दोनों भाइयों ने आत्महत्या ही कर ली.
बैंक से लिया था लोन
बता दें कि दोनों ही भाई आर्थिक तंगी से जुझ रहे थे, जिसका परिवारवालों को कुछ पता नहीं था. दोनों भाइयों के दोस्तों ने बताया कि नोटबंदी के बाद से उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. जिसके बाद दोनों भाइयों ने ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स से बिजनेस लोन लिया था, बिजनेस में भी काफी घाटा हो गयाा. जिसके बाद लोन की भरपाई करने के लिए निजी फाईनेंसर से 2018 में अलग-अलग लोन लिया था. जिसे समय पर न देने पर फाईनेंसरों ने जुर्माने के साथ मोटा ब्याज लगा दिया और उसकी जबरन वसूली के लिए दबाव बना रखा था. साथ ही लाॉकडाउन के बाद फाईनेंसरों ने धमकाना और उनके बीबी बच्चों को उठाने तक की धमकी दे रहे थे, जिससे तंग आकर दोनों ने आत्महत्या कर ली.
नोंटबंदी के बाद से थे परेशान
मृतक अर्पित और अंकित के बाद अपने उनके परिवार में अंकित की पत्नी, एक 3 साल का बेटा और 8 साल की बेटी के साथ बुजुर्ग माता पीता हैं. जबकी उनका तीसरा सबसे छोटा भाई साउथ दिल्ली में रहते है. उनके छोटे भाई नमीत गुप्ता का कहना है कि अंकित और अर्पित 1999 से ज्वेलरी कारोबार में लगे थे और 2009 में बैक से लोन लेकर कृष्णा ज्वेलर्स के नाम से दुकान खोली और 2016 में नोटबंदी के बाद उनकी माली हालत काफी खराब हो गई थी.
वहीं, दुकान में काम करने वाले विष्णु का कहना है कि अर्पीित और अंकित दोनों भाइयों ने लॉकडाउन के बाद जब दुकान खोली थी, तब से काफी परेशान रह रहे थे. दोनों अपने कैबिन में रहते थे, जिन्हें कुछ लोग पैसे के लिए आते और धमकी देते थे.