नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पांच महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने दो नवजात भी बरामद किए गए. यह कार्रवाई क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा की गई.
पुलिस ने छानी रेलवे, बस स्टैंड की खाक
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, प्रीति नामक महिला ने साउथ कैंपस थाने में मामला दर्ज करवाया था. उन्होंने शिकायत में बताया कि मोती बाग गुरुद्वारा के मेन गेट पर अपने तीन महीने के बच्चे को लेकर बैठी थी. इस दौरान एक अनजान महिला ने आकर बातचीत शुरू कर दी. इसके बाद वह बच्चे को अनजान महिला के हाथों में देकर खाना लेने चली गई. वापस आई, तो अनजान महिला बच्चे को लेकर फरार हो चुकी थी.
शिकायत दर्ज करने के बाद जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंपी गई. एसीपी सुरेंद्र कुमार गुलिया की देखरेख में सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्यागी की टीम ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर और गुरुद्वारा आदि में तलाशी की. पूछताछ करते हुए ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग तक पहुंच गई. उनके पास से पीड़ित महिला के बच्चे के साथ डेढ़ महीने का एक और बच्चा बरामद किया गया. मुख्य आरोपी गोपाल ने पूछताठ में बताया कि उसक शादियां हैं. हमेशा झगड़ा होने पर पहली पत्नी को छोड़ दिया. इसके बाद दूसरी महिला के साथ मिलकर दिल्ली के विभिन्न इलाकों से नवजात शिशु की तस्करी का प्लान बनाया. धीरे-धीरे अन्य लोग भी गैंग में शामिल हो गए.
आईवीएफ सेंटर में जाकर देते थे लालच
गैंग के सदस्य पहले आईवीएफ सेंटर और हॉस्पिटल में जाते थे. यहां जिनके पास बच्चा नहीं होता. ऐसे लोगों का पता लगाकर मुलाकात करते थे. इसके बाद बच्चा खरीदने का लालच देते थे.