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कड़कड़डूमा कोर्ट: चांद बाग पुलिया के पास हिंसा के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

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Published : Aug 23, 2020, 8:44 PM IST

कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में चांद बाग पुलिया के पास हुई हिंसा के मामले के एक आरोपी गुलफाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास कई घटनाएं हुईं जो ये बताती हैं कि वो कितना भयानक था.

Bail petition dismissed of violence accused near Chandbagh Pulia  in delhi
कड़कड़डूमा कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में चांद बाग पुलिया के पास हुई हिंसा के मामले के एक आरोपी गुलफाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास कई घटनाएं हुईं जो ये बताती हैं कि वो कितना भयानक था. कोर्ट ने कहा कि उसी चांदबाग पुलिया के पास आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की गई थी.


आरोपी 5 मई से हिरासत में है

सुनवाई के दौरान गुलफाम की ओर से वकील अनीस मोहम्मद ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली युनिवर्सिटी से बीए कर रहा है और वह अपने पिता की कपड़े की दुकान में मदद करता है. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले 5 मई से हिरासत में है और उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई भी पुख्ता साक्ष्य नहीं है. एफआईआर को दर्ज करने में भी देरी की गई. इस मामले में आरोपी की पहचान परेड भी नहीं की गई है. आरोपी सीसीटीवी फुटेज में भी कहीं नहीं देखा गया है. उसका पूर्व का इतिहास भी साफ-सुथरा रहा है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इसलिए उसे हिरासत में रखने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है.


ताहिर हुसैन के घर के पास घटना घटी

गुलफाम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से अमित प्रसाद ने कहा कि चांदबाग पुलिया के पास जो घटनाएं घटी थीं, वो ताहिर हुसैन के घर के पास घटी थीं जो कई घटनाओं का मुख्य आरोपी है. 24 फरवरी को भाई साहब नामक व्यक्ति को आठ दस लोगों ने पिटाई शुरु कर दी. भाई साहब को सुश्रुत ट्रामा सेंटर ले जाया गया. 1 मार्च को एफआईआर तब दर्ज किया गया जब घायल भाई साहब बयान देने की स्थिति में हुआ तो, दिल्ली पुलिस ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास 23 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक दंगे हुए, जिसमें कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ.



चांद बाग पुलिया के पास अंकित शर्मा की हत्या हुई

दिल्ली पुलिस ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास ही आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या हुई थी. दयालपुर पुलिस कानून-व्यवस्था को देखने में व्यस्त थी इसकी वजह से एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई. घायल भाई साहब की एमएलसी रिपोर्ट में उसे लगे जख्म गंभीर बताए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले के सह-आरोपी पप्पू की जमानत कोर्ट 25 जून को खारिज कर चुकी है.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में चांद बाग पुलिया के पास हुई हिंसा के मामले के एक आरोपी गुलफाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास कई घटनाएं हुईं जो ये बताती हैं कि वो कितना भयानक था. कोर्ट ने कहा कि उसी चांदबाग पुलिया के पास आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की गई थी.


आरोपी 5 मई से हिरासत में है

सुनवाई के दौरान गुलफाम की ओर से वकील अनीस मोहम्मद ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली युनिवर्सिटी से बीए कर रहा है और वह अपने पिता की कपड़े की दुकान में मदद करता है. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले 5 मई से हिरासत में है और उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई भी पुख्ता साक्ष्य नहीं है. एफआईआर को दर्ज करने में भी देरी की गई. इस मामले में आरोपी की पहचान परेड भी नहीं की गई है. आरोपी सीसीटीवी फुटेज में भी कहीं नहीं देखा गया है. उसका पूर्व का इतिहास भी साफ-सुथरा रहा है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इसलिए उसे हिरासत में रखने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है.


ताहिर हुसैन के घर के पास घटना घटी

गुलफाम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से अमित प्रसाद ने कहा कि चांदबाग पुलिया के पास जो घटनाएं घटी थीं, वो ताहिर हुसैन के घर के पास घटी थीं जो कई घटनाओं का मुख्य आरोपी है. 24 फरवरी को भाई साहब नामक व्यक्ति को आठ दस लोगों ने पिटाई शुरु कर दी. भाई साहब को सुश्रुत ट्रामा सेंटर ले जाया गया. 1 मार्च को एफआईआर तब दर्ज किया गया जब घायल भाई साहब बयान देने की स्थिति में हुआ तो, दिल्ली पुलिस ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास 23 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक दंगे हुए, जिसमें कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ.



चांद बाग पुलिया के पास अंकित शर्मा की हत्या हुई

दिल्ली पुलिस ने कहा कि चांद बाग पुलिया के पास ही आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या हुई थी. दयालपुर पुलिस कानून-व्यवस्था को देखने में व्यस्त थी इसकी वजह से एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई. घायल भाई साहब की एमएलसी रिपोर्ट में उसे लगे जख्म गंभीर बताए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले के सह-आरोपी पप्पू की जमानत कोर्ट 25 जून को खारिज कर चुकी है.

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