बगदाद : इराक में अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों के घुसने, आगजनी करने और अमेरिका की हत्या के नारे लगाने के बाद अमेरिका ने सैकड़ों और सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का निर्णय किया है. यह जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्री ने दी.
प्रदर्शनकारी रविवार को हुए अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे, जिसमें कताइब हिजबुल्लाह (हिजबुल्ला ब्रिगेड) के कट्टरपंथी गुट के कम से कम 25 लड़ाके मारे गए थे. अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हमले को आतंकवादियों की साजिश करार दिया और इनमें से एक की पहचान अबू महदी अल मुहांदिस के रूप में की.
पढ़ें : दूतावास हमला : ट्रंप ने ईरान को दी चेतावनी, लेकिन युद्ध से किया इनकार
मुहांदिस तेहरान समर्थित हश्द अल-शाबी का दूसरे नंबर का प्रमुख है. कताइब हिजबुल्लाह भी इसी का हिस्सा है, जिसे अमेरिकी हवाई हमलों में निशाना बनाया गया था.
रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा था कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में भेजने की तैयारी है.
उन्होंने कहा, यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों (जैसा कि आज बगदाद में हुआ) के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं.
मंगलवार को हुए हमले के बाद दूतावास की सुरक्षा कड़ी करने के लिए अमेरिका ने नौसैनिकों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहले ही रवाना कर दिया था.
इससे पहले ट्रम्प ने दूतावास पर हुए हमले के लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराया था और अमेरिकियों की हत्या के दुष्परिणाम झेलन की धमकी दी थी.
ट्रम्प ने टवीट किया, हमारे किसी भी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी ही तरह जिम्मेदार होगा.
ट्रम्प ने कहा, उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। यह धमकी नहीं है, खतरा है. नववर्ष मुबारक हो.