इस्ताबुंल: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश इस बात को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है कि मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की काहिरा की एक अदालत में हुई नाटकीय मौत को भुलाया नहीं जाए.
उन्होंने मुर्सी की मौत की तुलना सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की क्रूरतापूर्ण तरीके से हुई हत्या से की.खशोगी को अक्ट्रबर में इस्ताबुंल स्थित सऊदी दूतावास परिसर में मार दिया गया था.
गुरूवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमने जमाल खशोगी की हत्या को भुलाने नहीं दिया, उसी तरह हम इस बात की अनुमति नहीं देंगे कि मुर्सी को लेकर हुआ नाटक भुला दिया जाए.
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गौरतलब है कि एर्दोआन मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतेह अल-सीसी के कठोर आलोचक हैं.उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि संयुक्त राष्ट्र मुर्सी की संदिग्ध हत्या के मामले को उठाएगा.
उधर, काहिरा में मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने एर्दोआन को आड़े हाथ लेते हुये कहा कि कि उनकी टिप्पणियों से पता चलता है कि उनके मुस्लिम ब्रदरहुड से गहरे संबंध हैं.
गौरतलब है कि मिस्र ने मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन करार देते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया गया है.
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बता दें कि अदालत में सुनवाई के दौरान बीमार पड़ने के बाद सोमवार को मिस्र के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति मुर्सी की मौत हो गई थी.
वहीं, उनकी मौत पर जॉर्डन में एक शोक सभा का आयोजन किया गया.
बता दें कि 67 वर्षीय मुर्सी की एक अदालत के सत्र के दौरान सोमवार को मौत हो गई थी. मोर्सी मिस्र के सबसे बड़े इस्लामिक समूह, जो अब मुस्लिम ब्रदरहुड हैं, से निकाले गए थे, और 2012 में देश के पहले स्वतंत्र चुनावों में राष्ट्रपति चुने गए थे, जो कि लंबे समय से नेता होस्नी मुबारक से पहले थे.
2013 में भारी विरोध के बाद सेना ने मोरसी को जीत दिलाई और एक बड़े स्तर पर भाईचारे को कुचल दिया, मोरसी और समूह के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया.