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सऊदी अरब की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को छह वर्ष की सजा - Loujain al Hathlouls case

सऊदी अरब की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल हथलौल को छह वर्ष की सजा सुनाई गई है. महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल-हथलौल पिछले करीब ढाई वर्ष से जेल में हैं.

मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता
मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता
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Published : Dec 28, 2020, 9:16 PM IST

दुबई : सऊदी अरब की एक मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को कथित तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत सोमवार को करीब छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई. सरकारी मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई.

महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल-हथलौल पिछले करीब ढाई वर्ष से जेल में हैं, जिसकी आलोचना कई दक्षिणपंथी समूह ओर अमेरिकी सांसदों समेत यूरोपी संघ के सांसद भी कर चुके हैं.

अल-हथलौल उन चंद सऊदी महिलाओं में शुमार थीं, जिन्होंने महिलाओं को वाहन चलाने की अनुमति देने और 'पुरुष अभिभावक कानून' को हटाने की मांग उठाई थी, जोकि महिलाओं के स्वतंत्रतापूर्वक आने-जाने के अधिकारों का अतिक्रमण था.

यह भी पढ़ें- कोविड-19 : ओमान ने टीकाकरण अभियान किया शुरू

सरकारी मीडिया के मुताबिक, आतंकवाद-रोधी अदालत ने अल-हथलौल को विभिन्न आरोपों में दोषी पाया, जिनमें बदलाव के लिए आंदोलन, विदेशी एजेंडा चलाना, लोक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का उपयोग आदि शामिल है.

इसके अलावा अदालत ने अल-हथलौल को उन व्यक्तियों एवं प्रतिष्ठानों का सहयोग करने का भी दोषी ठहराया, जिन्होंने आतंकवाद-रोधी कानून के तहत अपराध किया.

महिला अधिकार कार्यकर्ता के पास फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है.

दुबई : सऊदी अरब की एक मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को कथित तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत सोमवार को करीब छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई. सरकारी मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई.

महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल-हथलौल पिछले करीब ढाई वर्ष से जेल में हैं, जिसकी आलोचना कई दक्षिणपंथी समूह ओर अमेरिकी सांसदों समेत यूरोपी संघ के सांसद भी कर चुके हैं.

अल-हथलौल उन चंद सऊदी महिलाओं में शुमार थीं, जिन्होंने महिलाओं को वाहन चलाने की अनुमति देने और 'पुरुष अभिभावक कानून' को हटाने की मांग उठाई थी, जोकि महिलाओं के स्वतंत्रतापूर्वक आने-जाने के अधिकारों का अतिक्रमण था.

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सरकारी मीडिया के मुताबिक, आतंकवाद-रोधी अदालत ने अल-हथलौल को विभिन्न आरोपों में दोषी पाया, जिनमें बदलाव के लिए आंदोलन, विदेशी एजेंडा चलाना, लोक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का उपयोग आदि शामिल है.

इसके अलावा अदालत ने अल-हथलौल को उन व्यक्तियों एवं प्रतिष्ठानों का सहयोग करने का भी दोषी ठहराया, जिन्होंने आतंकवाद-रोधी कानून के तहत अपराध किया.

महिला अधिकार कार्यकर्ता के पास फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है.

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