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इजराइल-हमास संघर्ष पर बोले पीएम नेतन्याहू, हमला होने पर इजराइल चुप नहीं बैठेगा - इजरायल की सेना

प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें प्रत्येक के जान गंवाने पर खेद है, लेकिन मैं आपको स्पष्ट रूप से बता सकता हूं, दुनिया में कोई भी सेना इजरायल की सेना से अधिक नैतिक रूप से कार्य नहीं करती है.'

इजराइली पीएम नेतन्याहू
इजराइली पीएम नेतन्याहू
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Published : May 21, 2021, 9:48 PM IST

नई दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल ने संघर्ष की शुरुआत नहीं की और अगर इजरायल पर कोई हमला करता है , तो वह चुप नहीं बैठेंगे.

तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय में नेतन्याहू ने बोलते हुए कहा, हमारी राजधानी और शहरों में चार हजार रॉकेट दागने वाले आतंकवादी संगठन हमास ने हम पर बिना कारण के हमला किया, इस तरह का हमला होने पर कोई भी देश चुप नहीं बैठेगा और इजराइल ने भी ऐसा ही किया.

पीएम नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मिस्र ने 11 दिनों की हिंसा के बाद शुक्रवार को इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता की.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि हमने हमने कुछ अलग किया. हम उन आतंकवादियों से लड़ रहे थे, जो दुनिया में सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में नागरिकों के बीच छिपे हुए थे.

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पीएम ने हमास पर अपने नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर इजरायली नागरिकों पर रॉकेट दागने का आरोप लगाया. पीएम ने आगे कहा, हमने अपने लोगों की हत्या करने की कोशिश कर रहे हमलावरों पर हमला किया. साथ ही हमने नागरिक और गैर-लड़ाकों की अनावश्यक हताहतों को रोकने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें हर एक की जान गंवाने पर खेद है, लेकिन मैं आपको स्पष्ट रूप से बता सकता हूं, दुनिया में कोई भी सेना इजरायल की सेना से अधिक नैतिक रूप से कार्य नहीं करती है.'

इसके अलावा, प्रधान मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को पूरे संघर्ष के दौरान इजरायल के लिए उनके रुख के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने इजरायल की आत्मरक्षा के अधिकार के लिए अमेरिका के समर्थन को स्पष्ट और अनारक्षित रूप से व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, 'मैं अपने मिसाइल इंटरसेप्टर के स्टॉक को भरने में मदद करने की पेशकश करने के लिए राष्ट्रपति बिडेन का भी आभारी हूं.'

बाद में पीएम नेतन्याहू ने इजराइल के समर्थन में खड़े होने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी धन्यवाद किया. इस बीच, UNSC की बैठक में भारत ने दोनों पक्षों से अत्यधिक संयम दिखाने, तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से दूर रहने और पूर्वी यरुशलम समेत उसके पड़ोसी क्षेत्रों को मौजूदा यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों से परहेज करने का आग्रह किया.

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रिपोर्टों के अनुसार, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हवाई बमबारी में 65 बच्चों समेत 232 फिलस्तीनी मारे गए और 1,900 से अधिक घायल हुए, जबकि इजरायल ने कहा कि उसने कम से कम 160 लड़ाकों को मार गिराया है.

नई दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल ने संघर्ष की शुरुआत नहीं की और अगर इजरायल पर कोई हमला करता है , तो वह चुप नहीं बैठेंगे.

तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय में नेतन्याहू ने बोलते हुए कहा, हमारी राजधानी और शहरों में चार हजार रॉकेट दागने वाले आतंकवादी संगठन हमास ने हम पर बिना कारण के हमला किया, इस तरह का हमला होने पर कोई भी देश चुप नहीं बैठेगा और इजराइल ने भी ऐसा ही किया.

पीएम नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मिस्र ने 11 दिनों की हिंसा के बाद शुक्रवार को इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता की.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि हमने हमने कुछ अलग किया. हम उन आतंकवादियों से लड़ रहे थे, जो दुनिया में सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में नागरिकों के बीच छिपे हुए थे.

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पीएम ने हमास पर अपने नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर इजरायली नागरिकों पर रॉकेट दागने का आरोप लगाया. पीएम ने आगे कहा, हमने अपने लोगों की हत्या करने की कोशिश कर रहे हमलावरों पर हमला किया. साथ ही हमने नागरिक और गैर-लड़ाकों की अनावश्यक हताहतों को रोकने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें हर एक की जान गंवाने पर खेद है, लेकिन मैं आपको स्पष्ट रूप से बता सकता हूं, दुनिया में कोई भी सेना इजरायल की सेना से अधिक नैतिक रूप से कार्य नहीं करती है.'

इसके अलावा, प्रधान मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को पूरे संघर्ष के दौरान इजरायल के लिए उनके रुख के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने इजरायल की आत्मरक्षा के अधिकार के लिए अमेरिका के समर्थन को स्पष्ट और अनारक्षित रूप से व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, 'मैं अपने मिसाइल इंटरसेप्टर के स्टॉक को भरने में मदद करने की पेशकश करने के लिए राष्ट्रपति बिडेन का भी आभारी हूं.'

बाद में पीएम नेतन्याहू ने इजराइल के समर्थन में खड़े होने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी धन्यवाद किया. इस बीच, UNSC की बैठक में भारत ने दोनों पक्षों से अत्यधिक संयम दिखाने, तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से दूर रहने और पूर्वी यरुशलम समेत उसके पड़ोसी क्षेत्रों को मौजूदा यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों से परहेज करने का आग्रह किया.

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रिपोर्टों के अनुसार, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हवाई बमबारी में 65 बच्चों समेत 232 फिलस्तीनी मारे गए और 1,900 से अधिक घायल हुए, जबकि इजरायल ने कहा कि उसने कम से कम 160 लड़ाकों को मार गिराया है.

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