संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि इजराइल और फलस्तीन के बीच हाल में हुई 'उच्च स्तरीय' वार्ता ने दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए एक 'अनुकूल अवसर' मुहैया किया है. साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस अवसर का उपयोग शांति वार्ता शुरू करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने में करना चाहिए.
फलस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास और इजराइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने 30 अगस्त को मुलाकात की थी, जो इतने वर्षों में दोनों पक्षों के बीच पहली बैठक थी.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (संयुक्त राष्ट्र राजनीतिक) प्रकाश गुप्ता ने कहा, 'इज़राइल, फ़लस्तीन और प्रमुख क्षेत्रीय राष्ट्रों के बीच हाल में हुई उच्च-स्तरीय वार्ता इज़राइल और फलस्तीन के बीच सीधी बातचीत को फिर से शुरू करने का अवसर प्रदान किया है.'
बुधवार को पश्चिम एशिया पर सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि परिषद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से पश्चिम एशियाई चार देशों के समूह को इस अवसर का उपयोग इन वार्ताओं को शुरू करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने में करना चाहिए.'
गुप्ता ने कहा कि भारत ऐसे प्रयासों में मदद के लिए तैयार है. गुप्ता ने कहा कि भारत ने इजराइल सरकार और फलस्तीनी प्राधिकरण के बीच किए गए प्रयासों के साथ-साथ वेस्ट बैंक में सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए इजराइल द्वारा की गई घोषणाओं पर भी 'गौर' किया है.
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उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी प्राधिकरण को 50 करोड़ शेकेल (15.5 करोड़ डॉलर) का ऋण देने की योजना, वेस्ट बैंक के क्षेत्र सी में फलस्तीनी आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए अतिरिक्त भवन परमिट, रोज़गार के लिए इज़राइल की यात्रा करने के लिए फलस्तीनियों के लिए वर्क परमिट में वृद्धि 'सभी सही दिशा में उठाए गए कदम हैं. '
भारत ने उम्मीद प्रकट की कि ये कदम इजराइल और फलस्तीनी प्राधिकरण के बीच आर्थिक और प्रशासनिक संबंधों को और मजबूत करने में मददगार होंगे.
(पीटीआई भाषा)