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ईरान की आईआरजीसी ने हिंद महासागर में दागी बैलिस्टिक मिसाइल

आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की निगरानी प्रणालियों द्वारा नकली दुश्मन की युद्धपोतों का पता लगाने और उनके विनाश करने के लिए 'ग्रेट पैगंबर -15' नाम के कोड का इस्तेमाल किया गया था.

ईरान की आईआरजीसी ने हिंद महासागर में दागी बैलिस्टिक मिसाइल
ईरान की आईआरजीसी ने हिंद महासागर में दागी बैलिस्टिक मिसाइल
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Published : Jan 17, 2021, 10:42 AM IST

तेहरान : ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक नई मिसाइल ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें उसने 1,800 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में बैलिस्टिक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इसकी पुष्टि एक शीर्ष अधिकारी ने की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आईआरजीसी के कमांडर इन चीफ हुसैन सलामी के हवाले से कहा है कि रक्षा नीतियों और रणनीतियों में हमारा मुख्य उद्देश्य दुश्मन के युद्धपोतों को मारना है, जिनमें विमान वाहक और युद्धक क्रूजर भी शामिल हैं.

आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की निगरानी प्रणालियों द्वारा नकली दुश्मन की युद्धपोतों का पता लगाने और उनके विनाश करने के लिए 'ग्रेट पैगंबर -15' नाम के कोड का इस्तेमाल किया गया था.

सलामी ने कहा कि यह कम गति वाली क्रूज मिसाइलों के साथ मोबाइल नौसैनिक लक्ष्यों को मारने के लिए है. साथ ही उन्होंने आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की लंबी दूरी की रक्षा की रणनीति में हुए विकास की प्रशंसा की.

ईरानी सशस्त्र बल के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाकरी ने भी इस वॉर ड्रिल में हिस्सा लिया और ईरान के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ दुश्मनों को चेतावनी दी.

उन्होंने कहा, 'नौसैनिक ठिकानों के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का एक बैराज चुनने से पता चलता है कि अगर इस्लामिक गणतंत्र के दुश्मन हमारे राष्ट्रीय हितों, समुद्री व्यापार मार्गों और क्षेत्र के खिलाफ गलत इरादे रखते हैं, तो वे मिसाइल हमले की चपेट में आकर नष्ट हो जाएंगे.'

तेहरान : ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक नई मिसाइल ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें उसने 1,800 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में बैलिस्टिक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इसकी पुष्टि एक शीर्ष अधिकारी ने की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आईआरजीसी के कमांडर इन चीफ हुसैन सलामी के हवाले से कहा है कि रक्षा नीतियों और रणनीतियों में हमारा मुख्य उद्देश्य दुश्मन के युद्धपोतों को मारना है, जिनमें विमान वाहक और युद्धक क्रूजर भी शामिल हैं.

आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की निगरानी प्रणालियों द्वारा नकली दुश्मन की युद्धपोतों का पता लगाने और उनके विनाश करने के लिए 'ग्रेट पैगंबर -15' नाम के कोड का इस्तेमाल किया गया था.

सलामी ने कहा कि यह कम गति वाली क्रूज मिसाइलों के साथ मोबाइल नौसैनिक लक्ष्यों को मारने के लिए है. साथ ही उन्होंने आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की लंबी दूरी की रक्षा की रणनीति में हुए विकास की प्रशंसा की.

ईरानी सशस्त्र बल के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाकरी ने भी इस वॉर ड्रिल में हिस्सा लिया और ईरान के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ दुश्मनों को चेतावनी दी.

उन्होंने कहा, 'नौसैनिक ठिकानों के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का एक बैराज चुनने से पता चलता है कि अगर इस्लामिक गणतंत्र के दुश्मन हमारे राष्ट्रीय हितों, समुद्री व्यापार मार्गों और क्षेत्र के खिलाफ गलत इरादे रखते हैं, तो वे मिसाइल हमले की चपेट में आकर नष्ट हो जाएंगे.'

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