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अगर यूरोप 'अर्थपूर्ण' आर्थिक लाभ देता है, तो परमाणु समझौते की ओर लौटा सकता है : ईरान

2015 परमाणु समझौते को लेकर ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ का बयान सामने आया है. जरीफ ने म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, 'हमने कहा है कि वह यूरोप के कदमों के अनुरूप इन कदमों को वापस लेने या धीमा करने के लिए तैयार है.'

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ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ
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Published : Feb 15, 2020, 3:29 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 10:32 AM IST

म्युनिख : ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा है कि यदि यूरोप 'अर्थपूर्ण' आर्थिक लाभ मुहैया कराता है तो ईरान फिर से 2015 परमाणु समझौते की ओर वापस जा सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पीछे हट गए थे और उन्होंने उस पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे जिसके बाद से समझौते का यूरोपीय पक्ष-ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी इसे बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

अमेरिका के समझौते से पीछे हटने के बाद ईरान ने भी अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटते हुए कई कदम उठाए हैं, जिनमें यूरेनियम संवर्धन बढ़ाना शामिल है.

जरीफ ने म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, 'हमने कहा है कि वह यूरोप के कदमों के अनुरूप इन कदमों को वापस लेने या धीमा करने के लिए तैयार है.'

पढ़ें : अमेरिकी सीनेट ने पास किया ईरान की युद्ध शक्तियों से जुड़ा प्रस्ताव

उन्होंने कहा, 'हम फैसला करेंगे कि क्या यूरोप द्वारा उठाए कदम इस काबिल हैं कि हम अपने कदम पीछे खींचें या उनकी गति धीमी करें.'

यूरोप ने अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम करने के लिए ईरान के साथ वैध मानवीय कारोबार को संभव बनाने के लिए 'इन्स्टेक्स' नाम से एक विशेष व्यापार तंत्र बनाया है, लेकिन ईरानी पक्ष को नहीं लगता कि यह पर्याप्त है.

जरीफ ने कहा, 'हम चैरिटी की बात नहीं कर रहे हैं. हम ईरान के और ईरानी लोगों के आर्थिक लाभ लेने के अधिकार की बात कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमें अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण बड़ा नुकसान एवं अपूरणीय क्षति हुई है लेकिन यदि यूरोप अर्थपूर्ण कदम उठाता है तो हम अपने बढ़े हुए कदम पीछे ले सकते हैं.'

म्युनिख : ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा है कि यदि यूरोप 'अर्थपूर्ण' आर्थिक लाभ मुहैया कराता है तो ईरान फिर से 2015 परमाणु समझौते की ओर वापस जा सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पीछे हट गए थे और उन्होंने उस पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे जिसके बाद से समझौते का यूरोपीय पक्ष-ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी इसे बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

अमेरिका के समझौते से पीछे हटने के बाद ईरान ने भी अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटते हुए कई कदम उठाए हैं, जिनमें यूरेनियम संवर्धन बढ़ाना शामिल है.

जरीफ ने म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, 'हमने कहा है कि वह यूरोप के कदमों के अनुरूप इन कदमों को वापस लेने या धीमा करने के लिए तैयार है.'

पढ़ें : अमेरिकी सीनेट ने पास किया ईरान की युद्ध शक्तियों से जुड़ा प्रस्ताव

उन्होंने कहा, 'हम फैसला करेंगे कि क्या यूरोप द्वारा उठाए कदम इस काबिल हैं कि हम अपने कदम पीछे खींचें या उनकी गति धीमी करें.'

यूरोप ने अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम करने के लिए ईरान के साथ वैध मानवीय कारोबार को संभव बनाने के लिए 'इन्स्टेक्स' नाम से एक विशेष व्यापार तंत्र बनाया है, लेकिन ईरानी पक्ष को नहीं लगता कि यह पर्याप्त है.

जरीफ ने कहा, 'हम चैरिटी की बात नहीं कर रहे हैं. हम ईरान के और ईरानी लोगों के आर्थिक लाभ लेने के अधिकार की बात कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमें अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण बड़ा नुकसान एवं अपूरणीय क्षति हुई है लेकिन यदि यूरोप अर्थपूर्ण कदम उठाता है तो हम अपने बढ़े हुए कदम पीछे ले सकते हैं.'

Last Updated : Mar 1, 2020, 10:32 AM IST
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