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ईरान ने स्वदेश में विकसित कोरोना टीके का ट्रायल शुरू किया - शिफा फार्मेड ने टीके का विकास किया

ईरान ने घरेलू तौर पर विकसित कोरोना वायरस के टीके की सुरक्षा और असर का पहला अध्ययन मंगलवार से शुरू कर दिया. ईरान में सरकारी स्वामित्व वाले फार्मास्युटिकल संघ में शामिल शिफा फार्मेड ने टीके का विकास किया है.

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Published : Dec 29, 2020, 6:08 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 6:51 AM IST

तेहरान : ईरान में घरेलू तौर पर विकसित कोरोना वायरस के टीके की सुरक्षा और असर का पहला अध्ययन मंगलवार को शुरू हो गया और इसका उत्पादन कम रहने की खबरों के बीच संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित इस देश में बड़ी संख्या में लोगों को इसे लगाने की जरूरत होगी. ईरान के स्टेट टीवी ने यह जानकारी दी.

ईरान में सरकारी स्वामित्व वाले फार्मास्युटिकल संघ बारेकट में शामिल शिफा फार्मेड ने टीके का विकास किया है और यह पहला टीका है जो मानव परीक्षण के स्तर पर पहुंच गया है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार वह बड़े स्तर पर एंटीबायोटिक और पेंसिलिन दवाओं के उत्पादन में शामिल है. उसने कोरोना वायरस को लेकर अपने अनुसंधान, इसके टीके के पशुओं पर परीक्षण आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

ईरान में 12 लाख से ज्यादा संक्रमित
ईरान क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है जहां अब तक 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और संक्रमण से करीब 55,000 लोगों की जान जा चुकी है.

पहले चरण में 56 को मिलेगी खुराक
पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कुल 56 प्रतिभागियों को दो सप्ताह के अंदर ईरान निर्मित टीके की दो खुराक दी जाएंगी. यह जानकारी परीक्षण से जुड़े हामिद हुसैनी ने दी. उन्होंने बताया कि दूसरी खुराक दिये जाने के करीब एक महीने बाद परिणाम घोषित किये जाएंगे.

तेहरान के एक होटल में आयोजित समारोह में मंगलवार को तीन लोगों को पहला इंजेक्शन लगाया गया. समारोह में देश के स्वास्थ्य मंत्री ने भी भाग लिया. स्टेट टीवी ने ऐलान किया कि अभी तक किसी इंजेक्शन से बुखार आदि की कोई शिकायत नहीं है.

सबसे पहले टीका लगवाने वाली तायेबा मोखबेर ने कहा, 'मुझे खुशी है कि वैज्ञानिक प्रक्रिया उचित तरीके से आगे बढ़ी.' सेताद फाउंडेशन के चेयरमैन की बेटी तायेबा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इसका परिणाम हमारी जनता के स्वास्थ्य के रूप में निकलेगा.'

तेहरान : ईरान में घरेलू तौर पर विकसित कोरोना वायरस के टीके की सुरक्षा और असर का पहला अध्ययन मंगलवार को शुरू हो गया और इसका उत्पादन कम रहने की खबरों के बीच संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित इस देश में बड़ी संख्या में लोगों को इसे लगाने की जरूरत होगी. ईरान के स्टेट टीवी ने यह जानकारी दी.

ईरान में सरकारी स्वामित्व वाले फार्मास्युटिकल संघ बारेकट में शामिल शिफा फार्मेड ने टीके का विकास किया है और यह पहला टीका है जो मानव परीक्षण के स्तर पर पहुंच गया है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार वह बड़े स्तर पर एंटीबायोटिक और पेंसिलिन दवाओं के उत्पादन में शामिल है. उसने कोरोना वायरस को लेकर अपने अनुसंधान, इसके टीके के पशुओं पर परीक्षण आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

ईरान में 12 लाख से ज्यादा संक्रमित
ईरान क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है जहां अब तक 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और संक्रमण से करीब 55,000 लोगों की जान जा चुकी है.

पहले चरण में 56 को मिलेगी खुराक
पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कुल 56 प्रतिभागियों को दो सप्ताह के अंदर ईरान निर्मित टीके की दो खुराक दी जाएंगी. यह जानकारी परीक्षण से जुड़े हामिद हुसैनी ने दी. उन्होंने बताया कि दूसरी खुराक दिये जाने के करीब एक महीने बाद परिणाम घोषित किये जाएंगे.

तेहरान के एक होटल में आयोजित समारोह में मंगलवार को तीन लोगों को पहला इंजेक्शन लगाया गया. समारोह में देश के स्वास्थ्य मंत्री ने भी भाग लिया. स्टेट टीवी ने ऐलान किया कि अभी तक किसी इंजेक्शन से बुखार आदि की कोई शिकायत नहीं है.

सबसे पहले टीका लगवाने वाली तायेबा मोखबेर ने कहा, 'मुझे खुशी है कि वैज्ञानिक प्रक्रिया उचित तरीके से आगे बढ़ी.' सेताद फाउंडेशन के चेयरमैन की बेटी तायेबा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इसका परिणाम हमारी जनता के स्वास्थ्य के रूप में निकलेगा.'

Last Updated : Dec 30, 2020, 6:51 AM IST
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