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चीन के कोरोना टीका से बुजुर्गों को सुरक्षा मिलने की कम संभावना

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Published : Jul 23, 2021, 7:39 PM IST

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सिनोफार्म के टीका से बुजुर्गों को कोविड-19 से सुरक्षा मिलने की कम संभावना है, जिससे कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है जिन्होंने अपने यहां बुजुर्गों को चीन की कंपनी का टीका लगवाया है.

प्रतिरोधक क्षमता
प्रतिरोधक क्षमता

बुडापेस्ट : एक नये अध्ययन में कहा गया है कि सिनोफार्म के टीका से बुजुर्गों को कोविड-19 से सुरक्षा मिलने की कम संभावना है, जिससे कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है जिन्होंने अपने यहां बुजुर्गों को चीन की कंपनी का टीका लगवाया है.

हंगरी में 450 लोगों के रक्त नमूनों पर किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 50 वर्ष से कम उम्र के 90 फीसदी लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हुआ, लेकिन उम्र के साथ प्रतिशत में कमी आई और 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 50 फीसदी लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बनी. यह सर्वेक्षण सिनोफार्म की दूसरी खुराक लगवाने के कम से कम दो हफ्ते बाद किया गया.

हंगरी के दो शोधकर्ताओं ने अध्ययन को इस हफ्ते ऑनलाइन पोस्ट किया लेकिन दूसरे वैज्ञानिकों ने अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की है. तीन बाहरी विशेषज्ञों का कहना है कि सिनोफार्म के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा विकसित टीके के अध्ययन के तौर-तरीकों पर उन्हें आपत्ति नहीं है.

हांगकांग विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञानी जिन डोंग यान ने कहा, 'यह काफी चिंता की बात है कि जिन बुजर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बन रही है.' यान अध्ययन से जुड़े हुए नहीं हैं.

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने अध्ययन पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि वह केवल सरकारों या बड़े शोध संस्थानों के अध्ययनों पर प्रतिक्रिया देगा.

इसे भी पढ़े-महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक 2020 की रंगारंग शुरुआत

(पीटीआई-भाषा)

बुडापेस्ट : एक नये अध्ययन में कहा गया है कि सिनोफार्म के टीका से बुजुर्गों को कोविड-19 से सुरक्षा मिलने की कम संभावना है, जिससे कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है जिन्होंने अपने यहां बुजुर्गों को चीन की कंपनी का टीका लगवाया है.

हंगरी में 450 लोगों के रक्त नमूनों पर किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 50 वर्ष से कम उम्र के 90 फीसदी लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हुआ, लेकिन उम्र के साथ प्रतिशत में कमी आई और 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 50 फीसदी लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बनी. यह सर्वेक्षण सिनोफार्म की दूसरी खुराक लगवाने के कम से कम दो हफ्ते बाद किया गया.

हंगरी के दो शोधकर्ताओं ने अध्ययन को इस हफ्ते ऑनलाइन पोस्ट किया लेकिन दूसरे वैज्ञानिकों ने अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की है. तीन बाहरी विशेषज्ञों का कहना है कि सिनोफार्म के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा विकसित टीके के अध्ययन के तौर-तरीकों पर उन्हें आपत्ति नहीं है.

हांगकांग विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञानी जिन डोंग यान ने कहा, 'यह काफी चिंता की बात है कि जिन बुजर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बन रही है.' यान अध्ययन से जुड़े हुए नहीं हैं.

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने अध्ययन पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि वह केवल सरकारों या बड़े शोध संस्थानों के अध्ययनों पर प्रतिक्रिया देगा.

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(पीटीआई-भाषा)

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