ETV Bharat / international

Year Ender 2022 : इस साल सुर्खियां बटोरने वालीं टॉप 10 अंतरराष्ट्रीय खबरें

अंतरराष्ट्रीय खबरों के लिहाज से 2022 में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिस पर पूरी दुनिया की नजर बनी रहीं. कुछ घटनाओं का असर पूरी दुनिया पर पड़ा. रूस-यूक्रेन संघर्ष, ईरान में हिजाब विवाद, श्रीलंका में आंतरिक संघर्ष, ऋषि सुनक का ब्रिटिश पीएम बनना, ट्विटर डील, पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन समेत कई अन्य घटनाएं सुर्खियां बटोरती रहीं. ऐसी ही 10 घटनाओं पर एक नजर.

Year Ender 2022
इस साल सुर्खियां बटोरने वालीं टॉप 10 अंतरराष्ट्रीय खबरें
author img

By

Published : Dec 20, 2022, 2:53 PM IST

Updated : Dec 22, 2022, 5:40 PM IST

हैदराबाद : रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष अब भी जारी है. पूरे साल यह उम्मीद जगती रही कि शायद यह संघर्ष थम जाए, पर न ही रूस और न ही यूक्रेन झुकने को तैयार है. इस संघर्ष की वजह से कई देशों में सप्लाई चेन प्रभावित हो गई. श्रीलंका में भी इसकी वजह से संकट उपजे. यूरोप में एनर्जी संकट से हाहाकार मच गया. रूस लगातार दावा करता रहा है कि उसने यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन उन इलाकों को खाली कराने का भी दावा करता रहा है.

Year Ender 2022
रूस और यूक्रेन संघर्ष

इस संघर्ष की वजह से करीब 70 लाख लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा. विस्थापितों की लंबी सूची में यूक्रेन और दुनियाभर के नागरिकों के साथ हजारों की संख्या में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र भी शामिल हैं. 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की और यूक्रेन पर आक्रमण शुरू कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कई नये प्रतिबंधों की घोषणा की. अमेरिका ने विमानन, समुद्री और रक्षा क्षेत्रों में संवेदनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.

एक मार्च तक रुसी सेना यूक्रेन की सीमा के अंदर 65km (40.4-मील) तक पहुंच गई. रूसी सैन्य काफिला तेजी से यूक्रेनी राजधानी कीव की ओर बढ़ने लगा. इस दौरान अमेरिका ने अपने आसमान को रूसी हवाई यातायात के लिए बंद कर दिया. 2 मार्च को रूसी सेना दक्षिणी शहर खेरसान में प्रवेश कर गई और एक लाख यूक्रेनी नागरिकों को शरणार्थी बन कर भागना पड़ा. 4 मार्च को रूसी सेना ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जापोरिज्जिया पर हमला किया, जिससे यूक्रेन में गैस लीक हादसे का डर बढ़ गया.

11 मार्च को रूसी सेना कीव के उत्तर-पश्चिमी बाहरी इलाके में प्रवेश कर गई और पुतिन ने 16,000 अनियमित लड़ाकों की यूक्रेन में तैनाती को मंजूरी दी. यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध के जवाब में वर्साय घोषणापत्र जारी किया, जिसमें सदस्य राज्यों से रक्षा खर्च को मजबूत करने का आह्वान किया. 23 मार्च को नाटो ने एक अनुमान के तहत यह कहा कि एक महीने में 7,000 से 15,000 रूसी सैनिक मारे गये जबकि 40,000 से अधिक लापता हैं. अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को उन्नत मिसाइल सिस्टम भेजने शुरू कर दिये. अप्रैल 4 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुचा में नागरिकों की कथित हत्याओं के लिए पुतिन को युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में चलाने की मांग की. अप्रैल 5 को आंतरिक रूप से विस्थापित यूक्रेनियन की संख्या 70 लाख तक पहुंच गई. 6 अप्रैल को बाइडेन प्रशासन ने रूस में अमेरिकी निवेश पर रोक लगा दी और G20 को समूह से बाहर करने का आह्वान किया.

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन: पाकिस्तान के लिए 2022 काफी नाटकीय रहा. इमरान खान को सत्ता गंवानी पड़ी. उनकी जगह शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने. शहबाज, नवाज शरीफ के भाई हैं. शहबाज के पीएम बनने पर यह उम्मीद जताई गई कि भारत के साथ संबंध बेहतर होंगे, हालांकि, जिस तरह से पाक प्रशासन काम करता है, उससे तो किसी भी तरह की उम्मीद करना बेमानी होगी. पाकिस्तान में सत्ता की कमान सेना के हाथों में होती है. और हाल ही में वहां पर जिस तरह से सेना प्रमुख की नियुक्ति की गई है, इसने इसी सोच को बल दिया है. इमरान खान का नाम पाकिस्तान में अपना कार्यकाल पूरा ना कर पाने वाले चुने हुए प्रधानमंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल हो गया. 11 अप्रैल को अविश्वास मत के जरिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया, जब आधी रात तक पाकिस्तान के संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई.

Year Ender 2022
पाकिस्तान में राजनीतिक उथल पुथल

8 मार्च, 2022 को पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने उनकी सरकार पर महंगाई को अनियंत्रित होने का आरोप लगाया. 19 मार्च, 2022 को इमरान खान की पार्टी ने असंतुष्ट पीटीआई सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. 20 मार्च को स्पीकर ने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया. 23 मार्च को पीएम खान ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. 27 मार्च को विशाल रैली में पीएम खान ने अपनी सरकार को उखाड़ फेंकने के पीछे विदेशी शक्तियों की साजिश का दावा किया. 28 मार्च को पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.

31 मार्च को पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए पाक संसद की बैठक हुई. एक अप्रैल को पीएम खान ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है. तीन अप्रैल को डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने पीएम खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोका. तीन अप्रैल को पीएम खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह दी. तीन अप्रैल को ही राष्ट्रपति अल्वी ने पीएम खान की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी. तीन अप्रैल को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को भंग करने के मामले को स्वत: संज्ञान लिया. डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया. वोटिंग आखिरकार 9 अप्रैल को आधी रात के बाद हुई, जिसमें इमरान खान हार गए.

श्रीलंका में हलचल: साल 2022 भारत के पड़ोसियों के लिए परेशानियों से भरा रहा. 35 दिन में दो बार इमरजेंसी लगानी पड़ी. श्रीलंका के आर्थिक पतन की शुरुआत कोरोना काल से हो गई थी. मार्च में बढ़ती महंगाई और अनाज की कमी से नाराज जनता सड़कों पर उतर आई. 31 मार्च तक हालात यहां तक पहुंच गए कि तमाम प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर को घेर लिया. इस दौरान उन्होंने जमकर तोड़-फोड़ की. पुलिस के वाहनों को आग लगा दी थी. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया गया. तीन अप्रैल को श्रीलंका के लगभग सभी मंत्रियों ने देर रात बैठक में इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके भाई प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ गए. श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने भी एक दिन बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की.

sri lanka
श्रीलंका में प्रदर्शन

पांच अप्रैल को वित्त मंत्री अली साबरी ने अपनी नियुक्ति के सिर्फ एक दिन बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया. 12 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि वह अंतिम उपाय के रूप में अपने 51 बिलियन डॉलर के विदेशी लोन पर ब्याज देने से चूकेगी (डिफॉल्ट), क्योंकि उसके पास बेहद जरूरत के सामान के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा की किल्लत थी. 19 अप्रैल को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा देखने को तब मिली जब पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को मार डाला. अगले दिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जानकारी दी कि उसने श्रीलंका से कहा है कि वह बचाव पैकेज पर सहमत होने से पहले अपने विशाल विदेशी लोन का पुनर्गठन करे.

9 मई श्रीलंका के प्रदर्शन का सबसे हिंसक दिन रहा और राजनीतिक रूप से अहम भी. सबसे पहले इस दिन कोलंबो में राष्ट्रपति ऑफिस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सरकारी वफादारों ने हमला किया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों के हमलों में नौ लोग मारे गए और सैकड़ों पर कई अन्य घायल हो गए. भीड़ ने कई सत्ताधारी नेताओं के घरों में आग लगा दी. प्रदर्शनकरियों ने सरकारी कर्फ्यू को नहीं माना. कोलंबो में शीर्ष पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की गई और उनके वाहन में आग लगा दी गई.

10 जून को UN ने चेतावनी दी कि श्रीलंका एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसमें लाखों लोगों को सहायता की आवश्यकता है. UN ने बताया कि श्रीलंका में गंभीर भोजन संकट के कारण तीन-चौथाई से अधिक आबादी ने अपने भोजन का सेवन कम कर दिया है. 27 जून 2022 को सरकार ने बताया कि श्रीलंका में लगभग पूरा फ्यूल खत्म हो गया है और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दूसरे सभी कारणों के लिए पेट्रोल की बिक्री पर रोक लगा दी गई. स्कूल तक बंद हो गए. 9 जुलाई को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सैनिकों की सहायता से कोलंबो में अपने आधिकारिक आवास से भाग गए. इससे बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सरकार की निरंतरता और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 13 जुलाई को पद छोड़ने की पेशकश की.

10 जुलाई को भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रेस को बताया कि भारत ने इस साल अब तक श्रीलंका को 3.8 अरब डॉलर की मदद की. भारत उसकी बुनियादी चीजों जैसे खाने-पीने का सामान और दवाओं की कमी को पूरा करने में मदद कर रहा है. 13 जुलाई को राष्ट्रपति राजपक्षे अपनी पत्नी और दो अंगरक्षकों के साथ एक सैन्य विमान से मालदीव के लिए निकल गये. 14 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे राष्ट्रपति महल, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधान मंत्री कार्यालय सहित आधिकारिक भवनों पर अपना कब्जा समाप्त कर देंगे.

शिंजो आबे की हत्या: आठ जुलाई को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या कर दी गई. आबे साल 2012 से 2020 तक जापान के पीएम रहे. आबे को जापान के राजनीतिक विशेषज्ञ आम जनता से जुड़ा हुआ पीएम करार देते थे. आबे (67) को पश्चिमी जापान के नारा में भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही गोली मार दी गयी थी. उन्हें विमान से अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी. अस्पताल में बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनका हत्यारा पत्रकार बनकर आया था. उसने कैमरे में छिपाकर गन रखी थी. आबे की हत्या के 81 दिन बाद 27 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार किया. इसमें दुनियाभर के 217 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए टोक्यो पहुंचे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टोक्यो पहुंचकर आबे को अंतिम विदाई दी. ये दुनिया का सबसे महंगा अंतिम संस्कार बताया जा रहा है. इसमें 97 करोड़ रुपये खर्च हुए.

Year Ender 2022
ओसामा बिन लादेन के बाद अलकायदा चीफ अलजवाहिरी अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में मारा गया

अलकायदा चीफ मारा गया - 31 जुलाई को एक ड्रोन हमले में अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी मारा गया. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में उसे ढेर किया. जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर्स से टकरा गए थे. तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया. चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था. इस आतंकी घटना में करीब 3,000 लोग मारे गए थे. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. वो ड्रोन हमले में मारा गया. इस हमले के लिए अमेरिका ने दो हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. इतना ही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था. अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी तालिबान को भी नहीं दी थी. अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. वो पेशे से सर्जन था. 14 साल की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था. 1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की. उसकी शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था. फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था. यहां तक कि हंसी-मजाक पर भी पाबंदी थी.

लेखक सलमान रुश्दी पर हमला - 12 अगस्त 2022 को लेखक सलमान रुशदी को उस समय चाकू मार दिया गया, जब वह अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में बोलने के लिए तैयार थे. कट्टरपंथी संगठनों ने रुश्दी के सिर पर करोड़ों डॉलर का इनाम रखा है. 1989 में उनके उपन्यास, सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशन के बाद, जिसे कुछ मुसलमानों ने ईशनिंदा माना था. तत्कालीन ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी की हत्या के लिए एक फतवा जारी किया था. विभिन्न ईरानी संगठनों ने भारत में जन्मे 75 वर्षीय लेखक की हत्या के लिए 3 मिलियन डॉलर से अधिक का पुरस्कार दिया. रुश्दी कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के संरक्षण के साथ भूमिगत रहे और 2000 में अमेरिका चले गए और तब से सार्वजनिक जीवन जी रहे थे.

Year Ender 2022
एलिजाबेथ II का निधन

ब्रिटिशि महारानी का निधन - ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय का 70 साल शासन के बाद निधन हो गया. ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय का 70 साल तक शासन करने के बाद 96 साल की उम्र में बालमोरल में निधन हुआ. महारानी ने पहली बार 1952 में गद्दी संभाली थीं और बाद में उन्होंने भारी सामाजिक परिवर्तन देखा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को अपने 70 साल के शासनकाल के दौरान 14 अमेरिकी राष्ट्रपतियों में से एक को छोड़कर सभी से मिलने का दुर्लभ गौरव प्राप्त हुआ. लिंडन जॉनसन अपवाद हैं. जॉनसन कभी भी निर्वाचित राष्ट्रपति नहीं थे, उन्होंने जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद उनकी जगह ली थी. सभी पांच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अभी भी जीवित हैं.

ईरान में विरोध प्रदर्शन : महसा अमिनी की मौत के सदमे ने ईरानी महिलाओं को जगाया : ईरान में पिछले कुछ महीनों से विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की, लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे. हाल के कुछ दशकों में ईरान में ऐसे प्रदर्शन नहीं देखे गए थे. ईरान की सरकार के लिए ये प्रदर्शनकारी बड़ी चुनौती बन गए. ईरान में ये प्रदर्शन महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए. 22 वर्षीय अमीनी को 13 सितंबर को मोरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन पर हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप थे. सितंबर में देश की 'नैतिकता पुलिस' द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद महसा अमिनी की मृत्यु हो गई. तब से पूरे ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस हिरासत में उसकी मौत के बाद देश भर में इन कानूनों की निंदा में सड़कों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. ईरान के बाहर, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों ने लंदन में ईरानी दूतावास के सामने मार्च किया और तुर्की के इस्तांबुल में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, जहां बड़ी संख्या में कुर्द लोग रहते हैं.

Year Ender 2022
ईरान में मोरल पुलिसिंग के विरोध में प्रदर्शन

17 सितंबर को कुर्दिस्तान प्रांत में अमिनी के अंतिम संस्कार के दौरान उग्र प्रदर्शनकारी उसके गृहनगर में सड़क पर उतर आए. विरोध को रोकने के लिए ईरानी सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. बीबीसी के अनुसार, मातम मनाने वालों ने 'तानाशाह की मौत' के नारे लगाए और कुछ महिलाओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने सिर से हिजाब हटाते हुए देखा गया.

तीन अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया. विरोध प्रदर्शनों के बारे में अपनी पहली टिप्पणी में, सर्वोच्च नेता अली खमेनेई ने देश में अराजकता के लिए इजराइल और यू.एस. को दोषी ठहराया. खमेनेई ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि दंगों और असुरक्षा को अमेरिका और इजराइल के साथ-साथ विदेशों में कुछ गद्दार ईरानियों की मदद से अंजाम दिया है. सर्वोच्च नेता ने तब सुरक्षा बलों को अपना समर्थन दिया और प्रदर्शनकारियों की निंदा की. दिसंबर चार को ईरान ने कथित तौर पर नैतिकता पुलिस को समाप्त कर दिया.

भारतीय मूल के ऋषि सुनक बने ब्रिटिश पीएम- यह साल राजनीतिक रूप से यूके के लिए भी खासा अच्छा नहीं रहा. 107 दिनों से कम समय में दो प्रधानमंत्रियों ने इस्तीफा दिया. लेकिन राजनीति में जैसा कि कहा जाता है कि एक के लिए आपदा दूसरे के लिए अवसर है. पांच जुलाई को यूके के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद एक वक्त ऐसा लगा कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक यूके के अगले प्रधानमंत्री हो जायेंगे. बोरिस के इस्तीफे से कुछ दिन पहले ही जुलाई के पहले सप्ताह में सुनक ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. सुनक ने अपने त्याग पत्र में कहा था कि मुझे सरकार छोड़ने का दुख है, लेकिन मैं अनिच्छा से इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि हम इस तरह जारी नहीं रह सकते. 20 जुलाई तक ब्रिटिश पीएम पद की रेस के अंतिम चरण में ऋषि सुनक लिज ट्रस से 137 वोटों के साथ आगे थे. लेकिन आखिरी चुनाव में विदेश मंत्री रहीं लिज ट्रस के हाथों उनको शिकस्‍त का सामना करना पड़ा. लिज ट्रस खुद अपनी नीतियों की शिकार हो गईं. ब्रिटिश अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी. आखिरकार उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. और उसके बाद ब्रिटेन में इतिहास बन गया. ऋषि सुनक ब्रिटिश पीएम बन गए. ऋषि सुनक पहले भारतवंशी हैं, जिन्होंने ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का पद संभाला. सुनक की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणन मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है. इस साल संडे टाइम्स की रिच लिस्ट में सुनक यूके के सबसे धनी 250 लोगों की सूची में 222वां स्थान पर थे.

Year Ender 2022
ऋषि सुनक बने यूके के प्रधानमंत्री

ट्विटर डील- सोशल मीडिया कंपनी को 44 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित करने के बाद 27 अक्टूबर, 2022 को एलेन मस्क ट्विटर के मालिक और सीईओ बन गए. इससे पहले इस पूरे साल सबसे अधिक चर्चा में यही डील रही. इस साल 25 मार्च को मस्क ने खुले तौर पर ट्विटर की आलोचना करना शुरू कर दी थी. अपने फॉलोअर्स के बीच यह पोल किया कि क्या वे मानते हैं कि क्या ट्विटर फ्री स्पीच के सिद्धांत का पालन करती है. इसके बाद अप्रैल 4 को एक प्रतिभूति फाइलिंग से पता चलता है कि कंपनी में 9% हिस्सेदारी के साथ मस्क ट्विटर के सबसे बड़ा शेयर धारक हैं. मस्क को ट्विटर के निदेशक मंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. 10 अप्रैल को ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल ने घोषणा की कि मस्क ने ट्विटर के निदेशक मंडल में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. इसी महीने 14 अप्रैल को मस्क ने ट्विटर को 43 अरब डॉलर या 54.20 डॉलर प्रति शेयर पर खरीदने का प्रस्ताव दे दिया. 25 अप्रैल को ट्विटर के बोर्ड ने को सार्वजनिक रूप से मस्क के बायआउट ऑफर को स्वीकार कर लिया. मई 13 को मस्क ने इस रिपोर्ट के बाद बायआउट डील को रोक दिया है कि ट्विटर के 5% दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता स्पैम खाते हैं.

Year Ender 2022
मस्क ने खरीदा ट्विटर

छह जून को मस्क के वकील द्वारा ट्विटर को भेजे गए एक पत्र में मस्क ने उनके समझौते को समाप्त करने की धमकी दी. मस्क का आरोप था कि ट्विटर स्पैम खातों की संख्या पर डेटा के अनुरोधों का पालन करने से इंकार कर रहा है. जुलाई 12 को अधिग्रहण से पीछे हटने के जवाब में ट्विटर ने औपचारिक रूप से मस्क के खिलाफ मुकदमा दायर किया.

छह अगस्त को मस्क ने ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल को स्पैम खातों और पोल फॉलोअर्स के बारे में एक सार्वजनिक बहस के लिए चुनौती दी. चार अक्टूबर को मस्क ने मुकदमा वापस लेने की शर्त पर 44 बिलियन डॉलर ( 54.20 डॉलर प्रति शेयर) की मूल रूप से सहमत कीमत पर अधिग्रहण के साथ आगे बढ़ने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. 27 अक्टूबर को मस्क और ट्विटर का सौदा पूरा हुआ. मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए. मस्क ने तुरंत अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नेड सहगल, गड्डे और जनरल काउंसल सीन एजेंट को बर्खास्त कर दिया. चार नवंबर को मस्क ने कथित तौर पर लागत में कटौती के उपाय के हिस्से के रूप में ट्विटर के आधे कर्मचारियों को काम से निकाल दिया. नौ नवंबर को ट्विटर ने एक नई सत्यापन प्रणाली की शुरुआत की, जिसमें सभी उपयोगकर्ताओं को ट्विटर ब्लू खरीदने पर एक ब्लू टिक प्राप्त होगा.

48000 हजार साल पहले सक्रिय वायरस मिला- नवबंर के अंतिम सप्ताह में वैज्ञानिकों ने 48 हजार साल पुराना 'जॉम्‍बी वायरस' ढूंढ निकाला. जलवायु परिवर्तन के कारण पर्माफ्रॉस्‍ट (जिस भूमि पर हमेशा बर्फ जमी रहे) मनुष्यों के लिए नया खतरा पैदा कर सकती है. करीब दो दर्जन वायरस को ढूंढ निकालने वाले शोधकर्ताओं के मुताबिक, इनमें 48,500 साल पहले एक झील के नीचे जमे वायरस भी शामिल थे. यूरोपीय रिसर्चरों ने रूस के साइबेरिया क्षेत्र में पर्माफ्रॉस्ट से एकत्रित प्राचीन नमूनों की जांच की. उन्होंने 13 नई बीमारियां फैलाने वाले वायरसों को दोबारा जिंदा किया और उनकी विशेषता बताई, जिसे उन्होंने 'जॉम्‍बी वायरस' कहा.

Year Ender 2022
नये खतरे की आहट, वैज्ञानिकों को मिला जोंबी वायरस

वे बर्फ की जमीन के अंदर हजार सालों तक फंसे रहने के बावजूद मौजूद रहे. साइंटिस्टों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि वायुमंडलीय वार्मिंग के कारण पर्माफ्रॉस्ट में कैद मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें मुक्त हो जाएंगी और क्लाइमेट को और खराब कर देंगी, लेकिन बीमारी फैलाने वाले वायरस पर इसका असर कम होगा. रूस, जर्मनी और फ्रांस की रिसर्च टीम ने कहा कि उनके शोध में विषाणुओं को फिर से जिंदा करने का ऑर्गेनिक रिस्क था, क्योंकि टारगेट स्ट्रेन, मुख्य रूप से अमीबा को संक्रमित करने में सक्षम थे. एक वायरस का संभावित रिस्टोरेशन करना बहुत अधिक प्रॉब्लमैटिक है. बता दें कि कोरोना वायरस के सामने आने के बाद से दुनिया में नए वायरसों को लेकर काफी डर है. कोरोना के कारण लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सभी 'जॉम्‍बी वायरस' में संक्रामक होने की क्षमता है और इसलिए जीवित संस्कृतियों पर शोध करने के बाद 'स्वास्थ्य के लिए खतरा' है.

Year Ender 2022
यूरोप में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

यूरोप में गर्मी का टूटा रिकॉर्ड, रनवे पिघले

इस साल यूरोप के कई इलाकों में भीषण गर्मी से लोग परेशान रहे. फ्रांस, ग्रीस, स्पेन, क्रोएशिया और पुर्तगाल में गर्मी ने रिकॉर्ड ब्रेक कर दिया. यूके में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया. कुछ जगहों से पब्लिक प्रोपर्टी के पिघलने की भी खबरें आईं. रेल पटरियां, ट्रेन सिग्नल, लंदन के लुटोन एयरपोर्ट का रनवे पिघलने लगा था.

हैदराबाद : रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष अब भी जारी है. पूरे साल यह उम्मीद जगती रही कि शायद यह संघर्ष थम जाए, पर न ही रूस और न ही यूक्रेन झुकने को तैयार है. इस संघर्ष की वजह से कई देशों में सप्लाई चेन प्रभावित हो गई. श्रीलंका में भी इसकी वजह से संकट उपजे. यूरोप में एनर्जी संकट से हाहाकार मच गया. रूस लगातार दावा करता रहा है कि उसने यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन उन इलाकों को खाली कराने का भी दावा करता रहा है.

Year Ender 2022
रूस और यूक्रेन संघर्ष

इस संघर्ष की वजह से करीब 70 लाख लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा. विस्थापितों की लंबी सूची में यूक्रेन और दुनियाभर के नागरिकों के साथ हजारों की संख्या में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र भी शामिल हैं. 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की और यूक्रेन पर आक्रमण शुरू कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कई नये प्रतिबंधों की घोषणा की. अमेरिका ने विमानन, समुद्री और रक्षा क्षेत्रों में संवेदनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.

एक मार्च तक रुसी सेना यूक्रेन की सीमा के अंदर 65km (40.4-मील) तक पहुंच गई. रूसी सैन्य काफिला तेजी से यूक्रेनी राजधानी कीव की ओर बढ़ने लगा. इस दौरान अमेरिका ने अपने आसमान को रूसी हवाई यातायात के लिए बंद कर दिया. 2 मार्च को रूसी सेना दक्षिणी शहर खेरसान में प्रवेश कर गई और एक लाख यूक्रेनी नागरिकों को शरणार्थी बन कर भागना पड़ा. 4 मार्च को रूसी सेना ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जापोरिज्जिया पर हमला किया, जिससे यूक्रेन में गैस लीक हादसे का डर बढ़ गया.

11 मार्च को रूसी सेना कीव के उत्तर-पश्चिमी बाहरी इलाके में प्रवेश कर गई और पुतिन ने 16,000 अनियमित लड़ाकों की यूक्रेन में तैनाती को मंजूरी दी. यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध के जवाब में वर्साय घोषणापत्र जारी किया, जिसमें सदस्य राज्यों से रक्षा खर्च को मजबूत करने का आह्वान किया. 23 मार्च को नाटो ने एक अनुमान के तहत यह कहा कि एक महीने में 7,000 से 15,000 रूसी सैनिक मारे गये जबकि 40,000 से अधिक लापता हैं. अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को उन्नत मिसाइल सिस्टम भेजने शुरू कर दिये. अप्रैल 4 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुचा में नागरिकों की कथित हत्याओं के लिए पुतिन को युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में चलाने की मांग की. अप्रैल 5 को आंतरिक रूप से विस्थापित यूक्रेनियन की संख्या 70 लाख तक पहुंच गई. 6 अप्रैल को बाइडेन प्रशासन ने रूस में अमेरिकी निवेश पर रोक लगा दी और G20 को समूह से बाहर करने का आह्वान किया.

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन: पाकिस्तान के लिए 2022 काफी नाटकीय रहा. इमरान खान को सत्ता गंवानी पड़ी. उनकी जगह शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने. शहबाज, नवाज शरीफ के भाई हैं. शहबाज के पीएम बनने पर यह उम्मीद जताई गई कि भारत के साथ संबंध बेहतर होंगे, हालांकि, जिस तरह से पाक प्रशासन काम करता है, उससे तो किसी भी तरह की उम्मीद करना बेमानी होगी. पाकिस्तान में सत्ता की कमान सेना के हाथों में होती है. और हाल ही में वहां पर जिस तरह से सेना प्रमुख की नियुक्ति की गई है, इसने इसी सोच को बल दिया है. इमरान खान का नाम पाकिस्तान में अपना कार्यकाल पूरा ना कर पाने वाले चुने हुए प्रधानमंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल हो गया. 11 अप्रैल को अविश्वास मत के जरिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया, जब आधी रात तक पाकिस्तान के संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई.

Year Ender 2022
पाकिस्तान में राजनीतिक उथल पुथल

8 मार्च, 2022 को पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने उनकी सरकार पर महंगाई को अनियंत्रित होने का आरोप लगाया. 19 मार्च, 2022 को इमरान खान की पार्टी ने असंतुष्ट पीटीआई सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. 20 मार्च को स्पीकर ने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया. 23 मार्च को पीएम खान ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. 27 मार्च को विशाल रैली में पीएम खान ने अपनी सरकार को उखाड़ फेंकने के पीछे विदेशी शक्तियों की साजिश का दावा किया. 28 मार्च को पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.

31 मार्च को पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए पाक संसद की बैठक हुई. एक अप्रैल को पीएम खान ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है. तीन अप्रैल को डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने पीएम खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोका. तीन अप्रैल को पीएम खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह दी. तीन अप्रैल को ही राष्ट्रपति अल्वी ने पीएम खान की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी. तीन अप्रैल को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को भंग करने के मामले को स्वत: संज्ञान लिया. डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया. वोटिंग आखिरकार 9 अप्रैल को आधी रात के बाद हुई, जिसमें इमरान खान हार गए.

श्रीलंका में हलचल: साल 2022 भारत के पड़ोसियों के लिए परेशानियों से भरा रहा. 35 दिन में दो बार इमरजेंसी लगानी पड़ी. श्रीलंका के आर्थिक पतन की शुरुआत कोरोना काल से हो गई थी. मार्च में बढ़ती महंगाई और अनाज की कमी से नाराज जनता सड़कों पर उतर आई. 31 मार्च तक हालात यहां तक पहुंच गए कि तमाम प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर को घेर लिया. इस दौरान उन्होंने जमकर तोड़-फोड़ की. पुलिस के वाहनों को आग लगा दी थी. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया गया. तीन अप्रैल को श्रीलंका के लगभग सभी मंत्रियों ने देर रात बैठक में इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके भाई प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ गए. श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने भी एक दिन बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की.

sri lanka
श्रीलंका में प्रदर्शन

पांच अप्रैल को वित्त मंत्री अली साबरी ने अपनी नियुक्ति के सिर्फ एक दिन बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया. 12 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि वह अंतिम उपाय के रूप में अपने 51 बिलियन डॉलर के विदेशी लोन पर ब्याज देने से चूकेगी (डिफॉल्ट), क्योंकि उसके पास बेहद जरूरत के सामान के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा की किल्लत थी. 19 अप्रैल को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा देखने को तब मिली जब पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को मार डाला. अगले दिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जानकारी दी कि उसने श्रीलंका से कहा है कि वह बचाव पैकेज पर सहमत होने से पहले अपने विशाल विदेशी लोन का पुनर्गठन करे.

9 मई श्रीलंका के प्रदर्शन का सबसे हिंसक दिन रहा और राजनीतिक रूप से अहम भी. सबसे पहले इस दिन कोलंबो में राष्ट्रपति ऑफिस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सरकारी वफादारों ने हमला किया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों के हमलों में नौ लोग मारे गए और सैकड़ों पर कई अन्य घायल हो गए. भीड़ ने कई सत्ताधारी नेताओं के घरों में आग लगा दी. प्रदर्शनकरियों ने सरकारी कर्फ्यू को नहीं माना. कोलंबो में शीर्ष पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की गई और उनके वाहन में आग लगा दी गई.

10 जून को UN ने चेतावनी दी कि श्रीलंका एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसमें लाखों लोगों को सहायता की आवश्यकता है. UN ने बताया कि श्रीलंका में गंभीर भोजन संकट के कारण तीन-चौथाई से अधिक आबादी ने अपने भोजन का सेवन कम कर दिया है. 27 जून 2022 को सरकार ने बताया कि श्रीलंका में लगभग पूरा फ्यूल खत्म हो गया है और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दूसरे सभी कारणों के लिए पेट्रोल की बिक्री पर रोक लगा दी गई. स्कूल तक बंद हो गए. 9 जुलाई को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सैनिकों की सहायता से कोलंबो में अपने आधिकारिक आवास से भाग गए. इससे बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सरकार की निरंतरता और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 13 जुलाई को पद छोड़ने की पेशकश की.

10 जुलाई को भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रेस को बताया कि भारत ने इस साल अब तक श्रीलंका को 3.8 अरब डॉलर की मदद की. भारत उसकी बुनियादी चीजों जैसे खाने-पीने का सामान और दवाओं की कमी को पूरा करने में मदद कर रहा है. 13 जुलाई को राष्ट्रपति राजपक्षे अपनी पत्नी और दो अंगरक्षकों के साथ एक सैन्य विमान से मालदीव के लिए निकल गये. 14 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे राष्ट्रपति महल, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधान मंत्री कार्यालय सहित आधिकारिक भवनों पर अपना कब्जा समाप्त कर देंगे.

शिंजो आबे की हत्या: आठ जुलाई को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या कर दी गई. आबे साल 2012 से 2020 तक जापान के पीएम रहे. आबे को जापान के राजनीतिक विशेषज्ञ आम जनता से जुड़ा हुआ पीएम करार देते थे. आबे (67) को पश्चिमी जापान के नारा में भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही गोली मार दी गयी थी. उन्हें विमान से अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी. अस्पताल में बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनका हत्यारा पत्रकार बनकर आया था. उसने कैमरे में छिपाकर गन रखी थी. आबे की हत्या के 81 दिन बाद 27 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार किया. इसमें दुनियाभर के 217 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए टोक्यो पहुंचे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टोक्यो पहुंचकर आबे को अंतिम विदाई दी. ये दुनिया का सबसे महंगा अंतिम संस्कार बताया जा रहा है. इसमें 97 करोड़ रुपये खर्च हुए.

Year Ender 2022
ओसामा बिन लादेन के बाद अलकायदा चीफ अलजवाहिरी अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में मारा गया

अलकायदा चीफ मारा गया - 31 जुलाई को एक ड्रोन हमले में अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी मारा गया. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में उसे ढेर किया. जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर्स से टकरा गए थे. तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया. चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था. इस आतंकी घटना में करीब 3,000 लोग मारे गए थे. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. वो ड्रोन हमले में मारा गया. इस हमले के लिए अमेरिका ने दो हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. इतना ही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था. अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी तालिबान को भी नहीं दी थी. अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. वो पेशे से सर्जन था. 14 साल की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था. 1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की. उसकी शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था. फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था. यहां तक कि हंसी-मजाक पर भी पाबंदी थी.

लेखक सलमान रुश्दी पर हमला - 12 अगस्त 2022 को लेखक सलमान रुशदी को उस समय चाकू मार दिया गया, जब वह अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में बोलने के लिए तैयार थे. कट्टरपंथी संगठनों ने रुश्दी के सिर पर करोड़ों डॉलर का इनाम रखा है. 1989 में उनके उपन्यास, सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशन के बाद, जिसे कुछ मुसलमानों ने ईशनिंदा माना था. तत्कालीन ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी की हत्या के लिए एक फतवा जारी किया था. विभिन्न ईरानी संगठनों ने भारत में जन्मे 75 वर्षीय लेखक की हत्या के लिए 3 मिलियन डॉलर से अधिक का पुरस्कार दिया. रुश्दी कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के संरक्षण के साथ भूमिगत रहे और 2000 में अमेरिका चले गए और तब से सार्वजनिक जीवन जी रहे थे.

Year Ender 2022
एलिजाबेथ II का निधन

ब्रिटिशि महारानी का निधन - ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय का 70 साल शासन के बाद निधन हो गया. ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय का 70 साल तक शासन करने के बाद 96 साल की उम्र में बालमोरल में निधन हुआ. महारानी ने पहली बार 1952 में गद्दी संभाली थीं और बाद में उन्होंने भारी सामाजिक परिवर्तन देखा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को अपने 70 साल के शासनकाल के दौरान 14 अमेरिकी राष्ट्रपतियों में से एक को छोड़कर सभी से मिलने का दुर्लभ गौरव प्राप्त हुआ. लिंडन जॉनसन अपवाद हैं. जॉनसन कभी भी निर्वाचित राष्ट्रपति नहीं थे, उन्होंने जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद उनकी जगह ली थी. सभी पांच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अभी भी जीवित हैं.

ईरान में विरोध प्रदर्शन : महसा अमिनी की मौत के सदमे ने ईरानी महिलाओं को जगाया : ईरान में पिछले कुछ महीनों से विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की, लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे. हाल के कुछ दशकों में ईरान में ऐसे प्रदर्शन नहीं देखे गए थे. ईरान की सरकार के लिए ये प्रदर्शनकारी बड़ी चुनौती बन गए. ईरान में ये प्रदर्शन महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए. 22 वर्षीय अमीनी को 13 सितंबर को मोरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन पर हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप थे. सितंबर में देश की 'नैतिकता पुलिस' द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद महसा अमिनी की मृत्यु हो गई. तब से पूरे ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस हिरासत में उसकी मौत के बाद देश भर में इन कानूनों की निंदा में सड़कों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. ईरान के बाहर, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों ने लंदन में ईरानी दूतावास के सामने मार्च किया और तुर्की के इस्तांबुल में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, जहां बड़ी संख्या में कुर्द लोग रहते हैं.

Year Ender 2022
ईरान में मोरल पुलिसिंग के विरोध में प्रदर्शन

17 सितंबर को कुर्दिस्तान प्रांत में अमिनी के अंतिम संस्कार के दौरान उग्र प्रदर्शनकारी उसके गृहनगर में सड़क पर उतर आए. विरोध को रोकने के लिए ईरानी सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. बीबीसी के अनुसार, मातम मनाने वालों ने 'तानाशाह की मौत' के नारे लगाए और कुछ महिलाओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने सिर से हिजाब हटाते हुए देखा गया.

तीन अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया. विरोध प्रदर्शनों के बारे में अपनी पहली टिप्पणी में, सर्वोच्च नेता अली खमेनेई ने देश में अराजकता के लिए इजराइल और यू.एस. को दोषी ठहराया. खमेनेई ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि दंगों और असुरक्षा को अमेरिका और इजराइल के साथ-साथ विदेशों में कुछ गद्दार ईरानियों की मदद से अंजाम दिया है. सर्वोच्च नेता ने तब सुरक्षा बलों को अपना समर्थन दिया और प्रदर्शनकारियों की निंदा की. दिसंबर चार को ईरान ने कथित तौर पर नैतिकता पुलिस को समाप्त कर दिया.

भारतीय मूल के ऋषि सुनक बने ब्रिटिश पीएम- यह साल राजनीतिक रूप से यूके के लिए भी खासा अच्छा नहीं रहा. 107 दिनों से कम समय में दो प्रधानमंत्रियों ने इस्तीफा दिया. लेकिन राजनीति में जैसा कि कहा जाता है कि एक के लिए आपदा दूसरे के लिए अवसर है. पांच जुलाई को यूके के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद एक वक्त ऐसा लगा कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक यूके के अगले प्रधानमंत्री हो जायेंगे. बोरिस के इस्तीफे से कुछ दिन पहले ही जुलाई के पहले सप्ताह में सुनक ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. सुनक ने अपने त्याग पत्र में कहा था कि मुझे सरकार छोड़ने का दुख है, लेकिन मैं अनिच्छा से इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि हम इस तरह जारी नहीं रह सकते. 20 जुलाई तक ब्रिटिश पीएम पद की रेस के अंतिम चरण में ऋषि सुनक लिज ट्रस से 137 वोटों के साथ आगे थे. लेकिन आखिरी चुनाव में विदेश मंत्री रहीं लिज ट्रस के हाथों उनको शिकस्‍त का सामना करना पड़ा. लिज ट्रस खुद अपनी नीतियों की शिकार हो गईं. ब्रिटिश अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी. आखिरकार उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. और उसके बाद ब्रिटेन में इतिहास बन गया. ऋषि सुनक ब्रिटिश पीएम बन गए. ऋषि सुनक पहले भारतवंशी हैं, जिन्होंने ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का पद संभाला. सुनक की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणन मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है. इस साल संडे टाइम्स की रिच लिस्ट में सुनक यूके के सबसे धनी 250 लोगों की सूची में 222वां स्थान पर थे.

Year Ender 2022
ऋषि सुनक बने यूके के प्रधानमंत्री

ट्विटर डील- सोशल मीडिया कंपनी को 44 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित करने के बाद 27 अक्टूबर, 2022 को एलेन मस्क ट्विटर के मालिक और सीईओ बन गए. इससे पहले इस पूरे साल सबसे अधिक चर्चा में यही डील रही. इस साल 25 मार्च को मस्क ने खुले तौर पर ट्विटर की आलोचना करना शुरू कर दी थी. अपने फॉलोअर्स के बीच यह पोल किया कि क्या वे मानते हैं कि क्या ट्विटर फ्री स्पीच के सिद्धांत का पालन करती है. इसके बाद अप्रैल 4 को एक प्रतिभूति फाइलिंग से पता चलता है कि कंपनी में 9% हिस्सेदारी के साथ मस्क ट्विटर के सबसे बड़ा शेयर धारक हैं. मस्क को ट्विटर के निदेशक मंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. 10 अप्रैल को ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल ने घोषणा की कि मस्क ने ट्विटर के निदेशक मंडल में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. इसी महीने 14 अप्रैल को मस्क ने ट्विटर को 43 अरब डॉलर या 54.20 डॉलर प्रति शेयर पर खरीदने का प्रस्ताव दे दिया. 25 अप्रैल को ट्विटर के बोर्ड ने को सार्वजनिक रूप से मस्क के बायआउट ऑफर को स्वीकार कर लिया. मई 13 को मस्क ने इस रिपोर्ट के बाद बायआउट डील को रोक दिया है कि ट्विटर के 5% दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता स्पैम खाते हैं.

Year Ender 2022
मस्क ने खरीदा ट्विटर

छह जून को मस्क के वकील द्वारा ट्विटर को भेजे गए एक पत्र में मस्क ने उनके समझौते को समाप्त करने की धमकी दी. मस्क का आरोप था कि ट्विटर स्पैम खातों की संख्या पर डेटा के अनुरोधों का पालन करने से इंकार कर रहा है. जुलाई 12 को अधिग्रहण से पीछे हटने के जवाब में ट्विटर ने औपचारिक रूप से मस्क के खिलाफ मुकदमा दायर किया.

छह अगस्त को मस्क ने ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल को स्पैम खातों और पोल फॉलोअर्स के बारे में एक सार्वजनिक बहस के लिए चुनौती दी. चार अक्टूबर को मस्क ने मुकदमा वापस लेने की शर्त पर 44 बिलियन डॉलर ( 54.20 डॉलर प्रति शेयर) की मूल रूप से सहमत कीमत पर अधिग्रहण के साथ आगे बढ़ने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. 27 अक्टूबर को मस्क और ट्विटर का सौदा पूरा हुआ. मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए. मस्क ने तुरंत अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नेड सहगल, गड्डे और जनरल काउंसल सीन एजेंट को बर्खास्त कर दिया. चार नवंबर को मस्क ने कथित तौर पर लागत में कटौती के उपाय के हिस्से के रूप में ट्विटर के आधे कर्मचारियों को काम से निकाल दिया. नौ नवंबर को ट्विटर ने एक नई सत्यापन प्रणाली की शुरुआत की, जिसमें सभी उपयोगकर्ताओं को ट्विटर ब्लू खरीदने पर एक ब्लू टिक प्राप्त होगा.

48000 हजार साल पहले सक्रिय वायरस मिला- नवबंर के अंतिम सप्ताह में वैज्ञानिकों ने 48 हजार साल पुराना 'जॉम्‍बी वायरस' ढूंढ निकाला. जलवायु परिवर्तन के कारण पर्माफ्रॉस्‍ट (जिस भूमि पर हमेशा बर्फ जमी रहे) मनुष्यों के लिए नया खतरा पैदा कर सकती है. करीब दो दर्जन वायरस को ढूंढ निकालने वाले शोधकर्ताओं के मुताबिक, इनमें 48,500 साल पहले एक झील के नीचे जमे वायरस भी शामिल थे. यूरोपीय रिसर्चरों ने रूस के साइबेरिया क्षेत्र में पर्माफ्रॉस्ट से एकत्रित प्राचीन नमूनों की जांच की. उन्होंने 13 नई बीमारियां फैलाने वाले वायरसों को दोबारा जिंदा किया और उनकी विशेषता बताई, जिसे उन्होंने 'जॉम्‍बी वायरस' कहा.

Year Ender 2022
नये खतरे की आहट, वैज्ञानिकों को मिला जोंबी वायरस

वे बर्फ की जमीन के अंदर हजार सालों तक फंसे रहने के बावजूद मौजूद रहे. साइंटिस्टों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि वायुमंडलीय वार्मिंग के कारण पर्माफ्रॉस्ट में कैद मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें मुक्त हो जाएंगी और क्लाइमेट को और खराब कर देंगी, लेकिन बीमारी फैलाने वाले वायरस पर इसका असर कम होगा. रूस, जर्मनी और फ्रांस की रिसर्च टीम ने कहा कि उनके शोध में विषाणुओं को फिर से जिंदा करने का ऑर्गेनिक रिस्क था, क्योंकि टारगेट स्ट्रेन, मुख्य रूप से अमीबा को संक्रमित करने में सक्षम थे. एक वायरस का संभावित रिस्टोरेशन करना बहुत अधिक प्रॉब्लमैटिक है. बता दें कि कोरोना वायरस के सामने आने के बाद से दुनिया में नए वायरसों को लेकर काफी डर है. कोरोना के कारण लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सभी 'जॉम्‍बी वायरस' में संक्रामक होने की क्षमता है और इसलिए जीवित संस्कृतियों पर शोध करने के बाद 'स्वास्थ्य के लिए खतरा' है.

Year Ender 2022
यूरोप में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

यूरोप में गर्मी का टूटा रिकॉर्ड, रनवे पिघले

इस साल यूरोप के कई इलाकों में भीषण गर्मी से लोग परेशान रहे. फ्रांस, ग्रीस, स्पेन, क्रोएशिया और पुर्तगाल में गर्मी ने रिकॉर्ड ब्रेक कर दिया. यूके में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया. कुछ जगहों से पब्लिक प्रोपर्टी के पिघलने की भी खबरें आईं. रेल पटरियां, ट्रेन सिग्नल, लंदन के लुटोन एयरपोर्ट का रनवे पिघलने लगा था.

Last Updated : Dec 22, 2022, 5:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.